इंफाल: मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार आईपीएस कुलदीप सिंह (सेवानिवृत्त) ने पुष्टि की है कि वायरल वीडियो में जिस व्यक्ति को जिंदा जलाया जा रहा है, वह कुकी समुदाय का था. उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि यह वीडियो 4 मई का है जब मणिपुर में जातीय झड़पें हुई थीं. सिंह ने कहा, “हमने मामले की सिफारिश सीबीआई को कर दी है और संभावना है कि वह मामले को जांच के लिए ले लेगी.”
पुलिस ने मृतक की पहचान कांगपोकपी जिले के होउ होंग चिंग गांव निवासी लाल डिंग थांगा खोंगसाई उर्फ लाल जेम्स (37) के रूप में की है. उनका पार्थिव शरीर फिलहाल इंफाल के जेएनआईएमएस अस्पताल में रखा गया है.
रविवार को, एक व्यक्ति को जलाए जाने का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी शेयर किया गया था. वीडियो में काले रंग की टी-शर्ट और छद्म (कैमॉफ्लाज) प्रिंट वाली पैंट पहने, नीचे की ओर और निश्चल रूप से लेटे हुए व्यक्ति को आग के हवाले करते हुए दिखा जा सकता है. वीडियो में “कुकी” शब्द लिखा हुआ था. वीडियो में दो पैर देखे जा सकते हैं और कई आवाजें यह कहते हुए सुनाई दे रही हैं कि कोई फोटो न ले. पृष्ठभूमि में धमाकों की आवाज भी सुनी गई.
सिंह ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा “घटना के दिन एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी; यह उसी घटना क्रम में (यानी उसी दिन) हुआ, जब कुकी महिलाओं को नग्न घुमाया गया था, जो जुलाई के अंत में वायरल हो गया था.”
कुकी संगठनों ने अब तक वीडियो के संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया है.
जुलाई में, दो कुकी-ज़ोमी महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न घुमाए जाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न किए जाने का एक वीडियो वायरल हो गया था. इस भयावह वीडियो ने देश को झकझोर कर रख दिया, जिससे मणिपुर में पहले से ही अस्थिर स्थिति और अधिक गंभीर हो गई.
मणिपुर में आदिवासी कुकी समुदाय और प्रमुख मेइतेई लोगों के बीच जातीय संघर्ष 3 मई को शुरू हुआ था. हिंसा के जवाब में, राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मरने वालों की आधिकारिक संख्या 75 है, जबकि 1,439 घायल हुए हैं.
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चोरी हुए हथियारों के लिए तलाशी अभियान
कुलदीप सिंह ने मई में हुई झड़पों के दौरान पुलिस शस्त्रागारों से चुराए गए हथियारों को बरामद करने के लिए संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों और मणिपुर पुलिस द्वारा शुरू किए गए संयुक्त तलाशी अभियान के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, “हमने रविवार को इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल और चुराचांदपुर जिलों में छापेमारी की.”
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान 11 हथियार, 20 गोला-बारूद, 2 किलो गन पाउडर, एक 51 मिमी मोर्टार, एक 36 हैंड ग्रेनेड, 10 इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार और दो रेडियो सेट बरामद किए गए.
मणिपुर पुलिस के मुताबिक हिंसा के दौरान 5,669 हथियार चोरी हो गए. 30 सितंबर तक, 1,344 हथियार बरामद किए गए थे – जिनमें 1,249 अत्याधुनिक हथियार और 95 देशी हथियार शामिल थे.
दो हफ्ते पहले, राज्य सरकार ने एक बयान में नागरिकों को 15 दिनों के भीतर लूटे गए हथियारों को आत्मसमर्पण करने या व्यापक तलाशी अभियान का सामना करने की चेतावनी दी थी. कुलदीप सिंह ने कहा, “हमारे समाज में नागरिक हथियार और देशी बंदूकें लेकर नहीं घूम सकते। यह कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए हानिकारक है, जो रुक-रुक कर हिंसा की घटनाओं के साथ अब काफी हद तक नियंत्रण में है.”
पुलिस ने रविवार को चुराचांदपुर जिले के बेथेल गांव से तीन लोगों को गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने भारत-म्यांमार सीमा के पास से 20 लाख रुपए के साथ एक व्यक्ति को भी पकड़ा है. पुलिस को संदेह है कि वह अवैध आग्नेयास्त्र और नशीले पदार्थ खरीदने के लिए म्यांमार में घुसने की कोशिश कर रहा था.
सिंह ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में कड़ी निगरानी रखने के लिए, मणिपुर के विभिन्न जिलों में पहाड़ी और घाटी दोनों में 133 चौकियां स्थापित की गई हैं और पुलिस ने राज्य भर में उल्लंघन के सिलसिले में अब तक 1,366 लोगों को हिरासत में लिया है.
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