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Friday, 22 November, 2024
होमदेशयूपी के झांसी में इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों की तबीयत बिगड़ी, लापरवाही की हो रही है जांच

यूपी के झांसी में इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों की तबीयत बिगड़ी, लापरवाही की हो रही है जांच

मरीजों ने दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा इंजेक्शन लगाए जाने के तुरंत बाद, उन्हें बुखार और ठंड लगने लगी और उन्हें पसीना आने लगा.

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झांसीः डॉक्टरों की कमी साथ स्वास्थ्य व्यवस्था की बदतर हालत से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में मरीजों के लिए डॉक्टर भी आफत बन रहे हैं. यहां जिला अस्पताल में भर्ती कुछ रोगियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें गलत दवा दी गई जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई.

मरीजों ने दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा इंजेक्शन लगाए जाने के तुरंत बाद, उन्हें बुखार और ठंड लगने लगी और उन्हें पसीना आने लगा. रोगियों में से एक ने आरोप लगाया, ‘स्वास्थ्य जल्द ही बिगड़ गया. उन्होंने हमें गलत इंजेक्शन दिए.’

घटना पर टिप्पणी करते हुए, झांसी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके गुप्ता ने कहा कि अधिक तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘नर्स ने मुझे जानकारी दी है कि मरीजों को रेंटैक इंजेक्शन दिया गया था. उन्हें अब पैरासिटामॉल और डेकोक्रॉन इंजेक्शन दिए गए हैं. इसकी जांच की जाएगी कि यह किस कारण से हुआ, यह जांच की जाएगी कि क्या सिरिंज दोषपूर्ण थे.’

चरमरा गई है यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था, एंबुलेंस नहीं ठेले पर लाए जा रहे हैं मरीज़

वहीं यूपी में पिछले के आखिरी में शामली जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में दिव्यांग मरीज को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया. दरअसल फोन करने के काफी देर बाद तक एंबुलेंस नहीं पहुंची तो परिजन मरीज को ठेले से अस्पताल लेकर पहुंचे और इसके बाद डॉक्टरों का व्यवहार भी हैरान करने वाला था.

दरअसल शामली के मोहल्ला पंसारियान की रहने वाली अंजू की कमर में जख्म हो गया. दिव्यांग होने के चलते परिजनों ने अस्पताल तक लाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन किया लेकिन, ढाई घंटे तक इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद परिजनों ने एक ठेले को बुक किया और इसमें महिला को लेकर सीएचसी पहुंचे. वहां पहुंचकर भी उसका इलाज सही समय से शुरू नहीं हो पाया.

बुलंदशहर में भी सामने आया था ऐसा मामला

कुछ दिन पहले बुलंदशहर जिले में भी इसी तरह का मामला सामने आया था. बुलंदशहर के खुर्जा स्थित सूरजमल जटिया सीएचसी में मरीज को ठेले से पहुंचाया गया था. खुर्जा नगर के मदार दरवाजा निवासी रामश्री की पत्नी दौलत सैनी के सिर में चोट लग गई थी. फिर एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन काफी देर तक भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो उन्होंने मरीज को ठेले पर लिटाकर ही बिना देर किए अस्पताल ले जाना उचित समझा.

महिला के परिजनों का आरोप था कि अस्पताल में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हाेती है और न ही ठीक ढंग से इलाज मिलता है लेकिन इस अस्पताल में उपचार कराना उनकी मजबूरी थी.

(एएनआई के इनपुट्स के साथ)

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