नई दिल्ली: संसद परिसर में मंगलवार को रक्षामंत्री और डिप्यूटी नेता राजनाथ सिंह सभी पार्टियों की बैठक की अध्यक्षता की. सरकार की ओर से संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय मामलों के एमओएस मुरलीधरन और अर्जुन राम मेघवाल समेत सदन के नेता पीयूष गोयल बैठक में शामिल हुए.
कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी से सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ’ब्रायन, डीएमके से तिरुचि शिवा और टीआर बालू, लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति पारस, एनसीपी से वंदना चव्हाण, नेशनल कॉन्फ्रेंस से डॉ. फारूक अब्दुल्ला और भाकपा के बिनॉय विस्वाम समेत शीर्ष विपक्षी नेता आज की बैठक में उपस्थित हुए.
बैठक में कांग्रेस और साथ ही टीएमसी दोनों ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया, कांग्रेस ने ईसीआई की नियुक्ति और ईडब्ल्यूएस कोटा देने में जल्दबाजी का मुद्दा भी उठाया.
कांग्रेस ने मूल्य वृद्धि और मौजूदा सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया. पार्टियों ने विपक्ष को ज्यादा समय दिए जाने की भी मांग की और कहा कि उनकी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए.
बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा की जरूरत का मुद्दा उठाया. कई अन्य दलों ने इसका समर्थन किया. बीजद की एक और मांग की कि कॉलेजियम प्रणाली जैसे मुद्दों पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए- न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अंतर नहीं होना चाहिए, इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले हेमंत पाटिल ने भी मांग की है कि सरकार जनसंख्या को रेग्युलेट करने के लिए एक विधेयक पर विचार करे और लाए जो भारत जैसे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है.
बैठक में वाईएसआर कांग्रेस ने मूल्य वृद्धि का मुद्दा उठाया, खासकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने की जरूरत को लेकर.
मीटिंग में शिरोमणि अकाली दल का प्रतिनिधित्व करने वाली हरसिमरत कौर बादल ने मांग की कि पंजाब के बाहर हो रहे अपराध के खिलाफ कार्रवाई की जाए और नशीले पदार्थों की आपूर्ति और खपत में वृद्धि पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर भी चर्चा हो. बादल ने मांग की कि किसानों के मुद्दे को लेकर बनी समिति किसी नतीजे पर पहुंचे और केंद्र सरकार के वादे के मुताबिक किसानों को एमएसपी मुहैया कराए.
सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘सरकार नियमानुसार और सभापीठ की सलाह के अनुसार सभी मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए तैयार है.’
कांग्रेस पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने कहा कि सत्र की तारीखों की घोषणा करने से पहले त्यौहार के टाइम पर विचार करना जरूरी है. कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हमें अपने ईसाई भाइयों और बहनों की भावनाओं पर विचार करना चाहिए, जिस तरह कि हम हिंदू और मुस्लिम त्यौहार मनाते हैं. सरकार को सत्र की तारीखों की घोषणा करने से पहले आगामी क्रिसमस त्यौहार की तारीखों पर विचार करना चाहिए था.’
इसका जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘हमने सत्र की तारीखों की घोषणा करने से पहले और क्रिसमस के दौरान सभी विचार किए हैं, यह सप्ताह के आखिर में है इसलिए संसद कार्य नहीं करेगी.’
संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा और 29 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल 17 कार्य दिवस होंगे.
यह भी पढ़ें: बजट गोपनीयता को खत्म करने का समय आ गया है, संसद में पेश करने के पहले लोगों की राय लेने की जरूरत