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Monday, 6 May, 2024
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‘जांच रिपोर्ट संसद में पेश की जाए’, संसद सुरक्षा उल्लंघन पर INDIA ब्लॉक के नेताओं ने की बैठक

संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि विपक्षी दल बस यही कह रहे हैं कि जांच रिपोर्ट संसद में पेश की जाए और चर्चा कराई जाए.

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नई दिल्ली: संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के 11वें दिन की शुरुआत से पहले सोमवार को विपक्ष के इंडिया ब्लॉक के फ्लोर नेताओं ने एक बैठक की.

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन के सदस्यों ने दोनों सदनों में केंद्र को घेरने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की.

बैठक में फारूक अब्दुल्ला, जयराम रमेश, रामगोपाल यादव, अधीर रंजन चौधरी जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए.

विपक्षी सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं क्योंकि गैस कनस्तरों के साथ दो व्यक्ति आगंतुक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे, जिससे सदन के अंदर भगदड़ मच गई. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग दोहराई.

बड़े पैमाने पर सुरक्षा उल्लंघन को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नेता सदन को चलने देने के लिए तैयार नहीं हैं.

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संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि “विपक्षी दल बस यही कह रहे हैं कि जांच रिपोर्ट संसद में पेश की जाए और चर्चा कराई जाए…सांसद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान चाहते हैं और फिर चर्चा आयोजित किया जा सकता है. जिस तरह से सरकार इस मुद्दे से भाग रही है, उससे कई सवाल उठते हैं कि वे क्या छिपा रहे हैं.”


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इस मुद्दे पर राजनीति दुखद

संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर लोकसभा हंगामे पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “यह दुखद है कि इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है…सदन के वेल में आना और नारेबाजी करना सदन की गरिमा के खिलाफ है. मैं महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए आपसे (विपक्ष से) सहयोग का अनुरोध करता हूं.”

हालांकि इस पर खरगे ने कहा, “यह एक गंभीर मुद्दा है और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. हम संसद में बार-बार कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री को सदन में आकर बयान देना चाहिए लेकिन वह आना नहीं चाहते. वे (भाजपा) सदन चलने देने को तैयार नहीं हैं. यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है लेकिन उन लोगों से बात करने का कोई मतलब नहीं है जो लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं.”

डीएमके सांसद टी शिवा ने कहा, ”हम जो मांग रहे हैं वह असामान्य नहीं है… सरकार कह रही है कि जांच चल रही है. गृह मंत्री को संसद में आने दें और यह कैसे हुआ, क्या कार्रवाई की गई और क्या हुआ, इस पर बयान दें…हमारा इरादा संसद को बाधित करने का नहीं है, साथ ही हम सरकार से जवाब की उम्मीद करते हैं.”

बता दें कि सुरक्षा उल्लंघन 2001 के संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर हुआ. दो लोग-सागर शर्मा और मनोरंजन डी-शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए, कनस्तरों से पीली गैस छोड़ी और सांसदों द्वारा काबू किए जाने से पहले सत्ता विरोधी नारे लगाए.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अगर देश की सबसे सुरक्षित इमारत में सुरक्षा उल्लंघन हो सकता है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को यह तय करना होगा कि इस सब के लिए कौन जिम्मेदार है. उन्हें संसद में आकर बताना चाहिए कि ये कैसे हुआ.

संसद के बाहर, एक अन्य घटना में दो प्रदर्शनकारियों – नीलम (42) और अमोल (25) ने समान गैस कनस्तरों के साथ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, चारों को 14 दिसंबर को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की सात दिन की हिरासत में भेज दिया गया था.

इस बीच, मामले पर कायम रहने के लिए विपक्षी दलों के कई सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में नोटिस देकर संसद की सुरक्षा में हालिया उल्लंघन पर आज चर्चा की मांग की है. कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला, रंजीत रंजन और डीएमके सांसद टी शिवा ने 13 दिसंबर की घटना पर चर्चा के लिए राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस पेश किया है.


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