scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशसंसद सत्र के दौरान कार्यवाही रोकने और हंगामा करने पर दंडित किये जायेंगे सांसद : ओम बिड़ला

संसद सत्र के दौरान कार्यवाही रोकने और हंगामा करने पर दंडित किये जायेंगे सांसद : ओम बिड़ला

ओम बिड़ला ने बताया कि आने वाले समय में सदन की कार्यवाही के दौरान सांसद न तो वेल में आकर हंगामा कर सकेंगे और न ही वह प्ले कार्ड लेकर प्रदर्शन कर सकेंगे. ऐसा करने वाले सांसदों पर संसदीय कमीटी 'कड़ा एक्शन' लेगी.

Text Size:

नई दिल्ली: आने वाले वर्षों में देश का सदन का रंग रूप पूरी तरह से बदलने वाला है. न केवल यहां की कार्यप्रणाली पूरी तरह से डिजिटलाइज हो रही है वहीं नया संसद भवन भी बनने जा रहा है. नए संसद को आने वाले 100 वर्षों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जा रहा है. नए संसद भवन में देश में आगामी वर्षों में होने वाले डी-लिमिटेशन को ध्यान में रखकर की जा रही तैयारी में 800 सीटें भी हो सकती हैं..यही नहीं इसके साथ साथ लाइब्रेरी को आधुनिकरण भी हो रहा है जिसमें 1857 से लेकर आज तक की सदन की कार्यवाही को सिलसिलेवार तरीके से डिजिटलाइज किये जाने का काम चल रहा है. इसके साथ ही सदन में पैसे बचाने का काम भी चल रहा है पिछले वर्षों में फूलों का गुलदस्ता सांसदों को दिए जाने की प्रथा को बंद कर सदन ने 1 करोड़ 28 लाख रुपये भी बचाए हैं.

बदलती संसदीय कार्यप्रणाली के बीच सदन में पक्ष विपक्ष में होने वाली गर्मा-गर्म बहस और प्रदर्शनों को लेकर भी नए कानून बनाए जा रहे हैं. कोई भी सांसद सदन के बीच में अपनी बात रखने के लिए वेल में प्रदर्शन करेगा तो उसपर भी एक्शन लिया जाएगा. लेकिन सदन में तीखी नोंक-झोंक, वाद-विवाद नया नहीं है. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और राम मनोहर लोहिया के बीच तीखे और व्यंग्यात्मक वाकये को याद करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, सिर्फ आज के जमाने में नहीं पहले के जमाने में भी खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते थे और वह इतने तीखे और व्यंग्यात्मक होते थे कि वह आज भी याद किए जाते हैं. ओम बिड़ला महिला पत्रकारों से हुई मुलाकात के दौरान संसद और संसदीय कार्यप्रणाली से जुड़ी कई बातों पर खुलकर अपनी बात रखी.

आज सदन की कार्यप्रणाली में गिरते स्तर के सवाल पर ओम बिड़ला ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अभी इतनी तीखी बहस होती है उन्होंने इस दौरान पिछले दिनों राम मनोहर लोहिया और पंडित जवाहर लाल नेहरू की सदन में हुई तीखी और व्यंग्यात्मक नोंक-झोंक का जिक्र करते हुए कहा, ‘पहले भी ऐसी बहस हुआ करती थीं, शायद वह ज्यादा तीखी होती थीं, अगर आज वैसी बहस होती तो पता नहीं क्या होता.’

उन्होंने कहा, ‘एकबार सदन की कार्यवाही के दौरान राम मनोहर लोहिया ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘नेहरू जी का कुत्ता 25 रुपये के बिस्कुट खाता है और हमारे देशवासियों की जेब में 3 रुपये भी नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘संसद में पक्ष और विपक्ष की नोंक झोंक, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाना नया नहीं है.’

बिरला ने कहा, ‘वह समय भी आएगा जब सदन में कार्यवाही बहुत शांती से होगी. सरकार इसके लिए भी कोशिश कर रही है.’

सांसदों पर एक्शन

बिरला ने बताया कि आने वाले समय में सदन की कार्यवाही के दौरान सांसद न तो वेल में आकर हंगामा कर सकेंगे और न ही वह प्ले कार्ड लेकर ही सदन में प्रदर्शन कर सकेंगे. ऐसा करने वाले सांसदों पर संसदीय कमीटी ‘कड़ा एक्शन’ लेगी और सांसदों पर ‘लगाम लगाने’ की तैयारी चल रही है .

सरकार जल्द ही एक कानून भी लाएगी और यह विधानसभा और लोकसभा दोनों जगह लागू किया जाएगा. सांसदों पर क्या एक्शन लिया जाएगा यह कमीटी तय करेगी इसपर अभी देहरादून, लखनऊ और दिल्ली में बैठके हो चुकी है. इसमें विधान मंडल, विधानसभा और विधानपरिषद को भी शामिल किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि नए सांसदों को सदन की कार्यवाही के लिए किस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है.

अकसर लोग सोचते हैं कि नेता बन गए बस अब तो सब ठीक है लेकिन ऐसा नहीं है सांसदों को अपने क्षेत्र के अलावा सदन से जुड़े काम काज के साथ पढ़ना भी पड़ता है.यही नहीं नेताओं को सदन में उपस्थित न होने पर सजा दी जाती है, उन्हें भी ‘नोटिस’ दिया जाता है यहां तक की उन्हें प्रितदिन मिलने वाले भत्ते में भी ‘कटौती’ की जाती है. साथ ही संसदीय कमीटी उन्हें नोटिस भी भेजती है.

सदन का डिजिटलाइजेशन

डिजिटल युग में अब संसद भी तेजी से डिजिटलाइज़ किया जा रहा है..सदन की कार्यवाही की हर पल की खबर अब हर सांसद को आधे घंटे के अंदर उसके ई-मेल और व्हाट्स एप पर मिल जाती है यही नहीं कुछ ही दिनों में सदन की वेबसाइट पर हर विषय के अनुरूप हर सवाल और जवाब वेबसाइट पर मिल जाएंगे. सदन की लाइब्रेरी को भी डिजिटलाइज किया जा रहा है. 1957 से लेकर अभी तक की सदन की बहस, कार्यवाही और किए गए कामों का लेखा जोखा भी अब देशवालों के लिए मौजूद होगा.

 800 सीटों वाली नई संसद

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने महिला पत्रकारों के साथ देश की सदन से लेकर सदन की कार्यवाही तक पर बातें कीं. उन्होंने कहा, ‘ देश की 75 वीं आजादी की वर्षगांठ पर नया संसद मिलने जा रहा है जो मौजूदा सदन से न केवल बड़ा होगा बल्कि यहां सांसदों के बैठने की व्यापक व्यवस्था भी होगी. यह इतना आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित होगा कि लोकसभा अध्यक्ष के हाथों के पास टीवी का बटन होगा कि सदन की कौन सी कार्यवाही दिखानी है और कौन सी नहीं. नया भवन मौजूदा परिसर में गांधी मूर्ति के पास बनेगा. इस सदन को आगामी 100 वर्षों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है और इसमें सांसदों के लिए 800 तक सीटें हो सकती हैं.

सदन की कार्यवाही के दौरान की बातें बताते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि हां इस सदन की खास बात होगी कि किसी सांसद का चेहरा खंभे के पीछे नहीं छुपेगा..इंडियन वुमेन प्रेस कॉर्प की पत्रकारों से बातचीत के दौरान ओम बिड़ला ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘वह भी अध्यक्ष बनने से पहले इसी खंभे के शिकार थे और उन्हें अपनी बात कहने के लिए खंभे के पीछे से झांक कर अपनी बात कहनी पड़ती थी.’

लेकिन उस खंभे की आड़ से निकल कर बिड़ला जी अब सर्वोच्च कुर्सी पर विराजमान है..

share & View comments