नई दिल्ली: अभिभावक जुलाई में स्कूल फिर से खोलने का गृह मंत्रालय के सुझाव का विरोध कर रहे हैं. चेंज.ओआरजी (Change.org) पर एक ऑनलाइन याचिका, जिस पर सोमवार सुबह तक 2 लाख से अधिक हस्ताक्षर किए हैं, सरकार से ‘शून्य कोविड मामलों’ तक स्कूल चालू नहीं करने का आग्रह किया है. याचिका में स्कूल को फिर से शुरू करने के विचार को ‘आग से खेलना’ बताया गया है.
पेरेंट्स एसोसिएशन नाम के एक समूह द्वारा शनिवार को शुरू की गई, याचिका में कहा गया है, ‘जुलाई में स्कूलों को खोलना सरकार द्वारा सबसे खराब निर्णय होगा. यह पागलपन है. जब हम इसे पूरी ताकत के साथ बुझाने में लगे हैं तो तो यह आग से खेलने की तरह है. माता-पिता को इस बेवकूफी के खिलाफ हर कीमत पर लड़ना चाहिए, एक भी बच्चे को उसकी सुरक्षा के लिए स्कूलों में ना भेजें.’
याचिका में वर्तमान शैक्षणिक सत्र को ई-लर्निंग मोड में जारी रखने का आह्वान किया गया है. ‘अगर स्कूलों का दावा है कि वे वर्चुअल शिक्षा के माध्यम से अच्छा काम कर रहे हैं, तो इसे बाकी शैक्षणिक वर्ष के लिए क्यों नहीं जारी रखा जाए.’
माता-पिता अपने बच्चों को कोविड-19 के संपर्क में आने से बचाने के लिए चिंता जताई है.
अभिभावक गरिमा तनेजा जिनका बच्चा बेंगलुरु के एक स्कूल में पढ़ताहै ने कहा, ‘बच्चे हाथ साफ करने या लगातार फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के प्रति सचेत नहीं रह सकते, उन्हें स्कूलों में वापस बुलाना अच्छा विचार नहीं है.’
कुछ माता-पिता ने तो यह तक कहा कि यदि उनके बच्चों का एक शैक्षणिक बेकार जाता है तो भी उन्हें स्वीकार्य होगा.
संतोष शर्मा, जिनकी 8 साल का बेटा दिल्ली के एक निजी स्कूल में पढ़ता है, ‘अगर मेरे बेटे को स्कूल का एक गंवाना पड़े तो भी मुझे कोई दिक्कत नहीं है.’ मेरी पत्नी और मैं उसे होमस्कूल (घर पढ़ा सकते हैं) दे सकते हैं. मैं उसके वापस स्कूल जाने पर संक्रमण के चपेट में आने को लेकर अधिक चिंतित है.’
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जुलाई में स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला
शनिवार को जारी अपनी अधिसूचना में, एमएचए ने कहा है कि लॉकडाउन छूट के दूसरे चरण में स्कूल और कॉलेज खोलना संभव होगा. हालांकि, यह भी कहा कि निर्णय ‘राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से जुलाई में किया जाएगा, जो इस बीच, माता-पिता और अन्य हितधारकों के साथ संस्था स्तर पर बैठकें करेंगे.’
दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘फीडबैक के आधार पर, जुलाई 2020 के महीने में इन संस्थानों को फिर से खोलने पर फैसला लिया जाएगा.’
इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय इन संस्थानों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगा.
यहां तक कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी अब तक स्कूल खोलने की तारीखों की घोषणा नहीं की है, यह एक योजना के साथ तैयारी है. योजना के मुताबिक केवल पुराने छात्रों को स्कूल में बुलाना है, उपस्थिति कम रखने रखने और सामाजिक दूरी के मानदंडों को सुनिश्चित रखना है.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय स्वास्थ्य और गृह मामलों के मंत्रालयों के साथ उचित परामर्श के बाद ही लिया जाएगा. इस बीच, बच्चों के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देशों पर काम किया जा रहा है.’
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