नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पराक्रम दिवस के अवसर पर 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े गुमनाम द्वीपों के नामकरण कार्यक्रम में भाग लेंगे.
सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए साल 2021 में 23 जनवरी को पराक्रम दिवस घोषित किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, ‘कल पराक्रम दिवस पर मां भारती की वीर संतानों के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम होगा. सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका हिस्सा बनूंगा. इस दौरान अंडमान-निकोबार के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया जाएगा.’
कल पराक्रम दिवस पर मां भारती की वीर संतानों के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम होगा। सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका हिस्सा बनूंगा। इस दौरान अंडमान-निकोबार के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया जाएगा।https://t.co/BQzTTuaumG
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2023
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण करेंगे.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी की स्मृति का सम्मान करने के लिए, रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के रूप में रखा गया था. नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया था.
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21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर द्वीप का नाम
पीएमओ ने अपने बयान में कहा, ‘देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना हमेशा प्रधानमंत्री द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इस भावना के साथ आगे बढ़ते हुए, अब अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े बिना नाम वाले द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है. यह कदम हमारे नायकों को एक श्रद्धांजलि होगी, जिनमें से कई ने राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया.’
इन द्वीपों का नाम जिन 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा गया है, उनका नाम हैं; सोमनाथ शर्मा, करम सिंह, लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, सीक्यूएमएच अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग अधिकारी निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह,विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव.
इसके साथ ही पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रीमंडल के सदस्य, संसद सदस्य, संसद के पूर्व सदस्य और अन्य गणमान्य लोग संसद के सेंट्रल हॉल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. 23 जनवरी, 1978 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति एन संजीव रेड्डी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र का अनावरण किया गया था.
लोकसभा सचिवालय ने कहा, ‘यह माना गया कि पुष्पांजलि देश के युवाओं के बीच इन महान राष्ट्रीय आइकनों के जीवन और योगदान के बारे में अधिक ज्ञान और जागरूकता फैलाने में एक प्रभावी माध्यम के रूप में काम कर सकती है. तदनुसार, लोकतंत्र के लिए संसदीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड), लोकसभा सचिवालय ने ‘अपने नेताओं को जानिए’ शीर्षक से कार्यक्रम शुरू किया है.’
23 जनवरी, 1897 को जन्मे नेताजी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की. जबकि 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में बोस की मौत पर विवाद है. केंद्र सरकार ने 2017 में एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) में पुष्टि की थी कि इस घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी.
पिछले साल, नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था.
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