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Wednesday, 20 November, 2024
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मलेशिया से आने वाले ताड़ के तेल पर प्रतिबंध, नेपाल और इंडोनेशिया से आयात में होगी तेज़ी

वाणिज्य मंत्रालय ने रिफाइंड ताड़ के तेल के आयात को प्रतिबंधित करने की अधिसूचना जारी की. भारत के साथ रिश्तों में खटास के कारण ये कदम जाहिर तौर पर मलेशिया के लिए है.

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नई दिल्ली: भारत ने मलेशिया से आयात होने वाले ताड़ के तेल पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि इंडोनेशिया और नेपाल से होने वाले आयात में तेज़ी आएगी. दिप्रिंट को ये जानकारी मिली है.

गुरुवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कि जिसमें तत्काल प्रभाव से ताड़ के तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने को कहा है. इस फैसले पर इंडोनेशिया और नेपाल ने असंतोष जताया है. हालांकि सरकार के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि ये कदम केवल मलेशिय को लक्ष्य मानकर किया गया है क्योंकि मलेशिया ने भारत के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में बयान जारी किए हैं.

नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि ये संभव नहीं है कि एक देश को ध्यान में रखकर कोई अधिसूचना जारी की जाए क्योंकि इससे वैश्विक व्यापारिक नियम का उल्लंघन होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि ताड़ के तेल का आयात (कच्चा और रिफाइंड) इंडोनेशिया और नेपाल से प्रभावित नहीं होगा. केस-टू-केस बेसिस पर आयात के लाइसेंस जारी किया जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि ये लाइसेंस अपने आप जारी कर दिए जाएंगे.

सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशिया और नेपाल के ताड़ के तेल के आयातकों को आयात का केंद्र बताना होगा. अगर केंद्र मलेशिया हुआ तो शिपमेंट को रद्द कर दिया जाएगा.

गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि ताड़ के तेल के आयतकों को विदेश से तेल खरीदते समय भारत और दूसरे देशों के साथ संबंध को ध्यान में रखना चाहिए.

भारत और मलेशिया के रिश्तों में खटास

सूत्रों का कहना है कि इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा इंडोनेशिया को होने वाला है क्योंकि मलेशिया अब तक भारत का सबसे बड़ा ताड़ के तेल का आयातक रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रिफाइनर फैसले से खुश हैं, क्योंकि इससे उन्हें मलेशिया से कमोडिटी के सस्ते आयात के अभाव में और अधिक लाभ होगा.


यह भी पढ़ें : सीएए पर मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के बयान में कोई तथ्य नहीं- विदेश मंत्रालय


नई दिल्ली ने भारतीय आयातकों को सोमवार को कहा कि वे क्वालालंपुर से आयात ने करें जो कि अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले का आलोचक है. मलेशिया हाल ही में नागरिकता कानून के भी खिलाफ है जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से छह गैर-मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का कानून है.

मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने नागरिकता कानून पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इससे भारत के धर्मनिरपेक्ष छवि पर प्रभाव पड़ेगा.

पिछले साल अक्टूबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में महातिर ने तुर्की और चीन का साथ देते हुए कश्मीर पर भारत के कदम की आलोचना की थी. मोहम्मद ने भारत पर कश्मीर में घुस कर हथियाने का आरोप लगाया था.

नरेंद्र मोदी सरकार 2016 में भी मलेशिया से नाराज़ हुई था जब विवादित इस्लामिक धर्मगुरू जाकिर नाइक भारत से भाग कर वहां चला गया था और शरण ले ली थी.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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