नई दिल्ली: लगभग 12,442 अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) परिवारों ने अप्रैल 2020 से इस साल जून तक, अपने एकमात्र कमाने वाले सदस्यों को कोविड के हाथों गंवा दिया, जबकि इसी अवधि के बीच 7,727 अनुसूचित जाति (एससी) परिवारों को भी इसी स्थिति का सामना करना पड़ा.
उन कमाने वाले सदस्यों की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच थी.
ओबीसी सूची में ऐसी 4,948 मौतों के साथ आंध्र प्रदेश सबसे ऊपर है, जिसके बाद 2,100 मौतों के साथ केरल, और 1,934 मौतों के साथ गुजरात हैं.
अपने परिवार के कमाऊ सदस्यों को खोने वाले सबसे अधिक एससी परिवार भी आंध्र प्रदेश में ही सबसे अधिक (2,106) थे, जिसके बाद गुजरात (1,457), और महाराष्ट्र (836) थे.
ये आंकड़े राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त और विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम (एनएससीएफडीसी) द्वारा कराए गए सर्वेक्षणों का हिस्सा हैं.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, दोनों निगमों ने अपने आंकड़े सामाजिक न्याय मंत्रालय के साथ साझा किए हैं. अधिकारी ने आगे कहा कि इन आंकड़ों का इस्तेमाल ऐसे परिवारों को रोज़गार के उचित अवसर मुहैया कराने में किया जा रहा है.
अधिकारी ने कहा, ‘प्रयास ये है कि इन दोनों निगमों (एनबीसीएफडीसी तथा एनएससीएफडीसी) और बैंकों की भागीदारी से, आजीविका के उचित अवसर तलाश किए जाएं’. उन्होंने आगे कहा, ‘सामाजिक न्याय मंत्रालय ने स्माइल प्रोजेक्ट के हिस्से को मंज़ूरी दे दी है, जिसमें ऐसे घरों की स्थाई आय निश्चित करने के लिए, एक लाख रुपए की सब्सीडी का प्रावधान है’.
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स्माइल स्कीम सीमांत व्यक्तियों को आजीविका तथा उद्यम हेतु समर्थन प्रदान करने के लिये है, जिसे मंत्रालय ने पिछले महीने शुरू किया है. इसका लक्ष्य बुनियादी रूप से भिखारियों का पुनर्वास करना है.
लेकिन, ऊपर हवाला दिए गए अधिकारी ने आगे कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिया है, कि कोविड पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि देने के लिए दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दे. अब इस मामले में मिले निर्देशों के हिसाब से सर्वे निष्कर्षों का इस्तेमाल किया जाएगा’.
स्माइल स्कीम
एक दूसरे सरकारी अधिकारी ने कहा कि स्माइल स्कीम के ज़रिए कोविड प्रभावित ओबीसी और एससी परिवारों की सहायता की जाएगी.
अधिकारी ने आगे कहा कि स्कीम के ज़रिए प्रभावित घरों के लिए ऐसी आजीविका परियोजनाएं चुनी जाएंगी जिनसे उन्हें स्थाई आय हो सके.
अधिकारी ने कहा कि 3 लाख रुपए सालाना से कम आय वाले परिवार इस योजना के पात्र होंगे.
अधिकारी ने कहा कि इस स्कीम को ‘राज्यों की चैनलाइजिंग एजेंसियों और एनबीसीएफडीसी तथा एनएससीएफडीसी की चैनलाइजिंग एजेंसियों द्वारा लागू किया जाएगा’.
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