scorecardresearch
Thursday, 2 May, 2024
होमदेशवैलेंटाइन डे : हमारा समाज आज भी अंतर्जातीय विवाह को लेकर सहज नहीं है

वैलेंटाइन डे : हमारा समाज आज भी अंतर्जातीय विवाह को लेकर सहज नहीं है

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने कहा कि आजकल समाज में कई लोग दिन रात नफरत और जहर फैला रहे हैं. ऐसे लोग प्यार करने में रुकावट पैदा करते हैं.

Text Size:

नई दिल्ली : वैलेंटाइन डे के मौके पर धनक संस्था द्वारा आयोजित ‘साहस 2019’ कार्यक्रम में ऑनर किलिंग के खिलाफ चर्चा हुई. इस मौके पर संस्था ने प्रेम करने और नफरत से दूर रहने की नसीहत दी. और सवाल उठाया कि आखिर कब तक प्यार मरता रहेगा. आखिर कब तक प्यार करने की सजा मिलती रहेगी. संस्था ने सुझाया, बात कीजिए, साथ दीजिए.

धनक संस्था क्या है

धनक एक एनजीओ है जो अंतर्जातीय विवाह करने वालों को मदद करता है. यह संस्था 2012 में सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत है.संस्था करीब 700 परिवारों को मदद कर चुकी है.

अतिथियों ने क्या कहा

इस कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद और ऑनर किलिंग का शिकार हुए युवक अंकित सक्सेना के पिता यशपाल सक्सेना और ‘हिम्मत’ महिला संगठन चलाने वाली वीना मालिक ने भी हिस्सा लिया.

इस कार्यक्रम में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. महिलाओं के हितों का भी जिक्र किया गया. कार्यक्रम में ऑनर किलिंग के खिलाफ सबको एकजुट होने के लिए भी और इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए सबको जागरूक किया गया.

‘साहस 2018’ में प्रेमी युगल के मुद्दों का जिक्र किया गया और मारे गए लोगों को प्रति संवेदना प्रकट की गई.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने कहा कि आजकल समाज में कई लोग दिन रात नफरत और जहर फैला रहे हैं. ऐसे लोग प्यार करने में रुकावट पैदा करते हैं.

उन्होंने सूरत की एक घटना का जिक्र किया, जहां हजारों युवकों को कसम खिलवाई जाएगी कि अपने माता -पिता की मर्जी के बगैर वे लोग शादी नहीं करेंगे. इस तरह की कोशिश नाकाम होती हैं. ऐसी तमाम कोशिशों के बावजूद लोगों ने प्यार करना नहीं छोड़ा. मुहब्बत को बढ़ते ही जाना चाहिए.

यशपाल ने बताया, ‘सभी राजनीतिक दलों ने वादा किया पर किसी ने भी मदद नहीं की. मैं आम आदमी हूं और अपनी कठिनाइयों को बताना नहीं चाहता हूं.  घटना के दौरान सभी लोगों ने तमाम तरह के वादे किये पर किसी ने भी मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया. रेडियो सिटी ने वकील उपलब्ध कराया है.’

उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का जिक्र किया और कहा,’उन्होंने मदद करने के लिए कहा था पर किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली.’

उन्होंने यह भी कहा,’मैं अंकित सक्सेना मेमोरियल नाम से एनजीओ बना रहा हूं. यशपाल सक्सेना ने कहा कि पीड़ित को जो झेलना पड़ता है वो मुझे मालूम है. उस लड़की का पूरा परिवार जेल में है लड़की पर क्या बीत रही होगी. मैं बहुत आहात हूं.’

हिम्मत महिला संगठन चलने वाली वीना मालिक ने भी ‘साहस 2019’में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि यह समस्या पूरे देश में है, लेकिन उत्तर भारत में ज्यादा है. मालिक ने कहा इस प्रकार की समस्या पितृसत्ता वाले इलाकों में ज्यादा है. इस प्रकार के ज्यादातर केस उत्तर प्रदेश ,मध्यप्रदेश,पंजाब और हरियाणा में है. इन राज्यों में लड़कियों और महिलाओं कि स्थिति बहुत ही ख़राब है. ऑनर किलिंग की ज्यादातर घटनाएं लड़कियों के साथ ही होती हैं, लड़को के केस बहुत ही कम आते हैं. उन्होंने समाज में बढ़ी प्यार की नकारात्मकता का भी जिक्र किया.

हत्याएं

2014 के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक ऑनर किलिंग में 28 लोगों की मृत्यु हुई है. 2015 में 192 की मृत्यु हुई थी जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश में 131 लोगों की हत्या हुई थी. वर्ष 2016 में 71 केस दर्ज किये गए थे. उत्तर प्रदेश में 16 और मध्यप्रदेश में 18 मौतें हुई थी.

कार्यक्रम में अंतर्जातीय जोड़े हुए सम्मानित

प्रेम कोई जाति, धर्म, मजहब को देखकर नहीं होता है. प्रेम किसी दायरे में नहीं बंधा होता है. दो लोग अगर आपस में प्रेम करते हैं तो हमारे समाज की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि उन्हें सामाजिक और पारिवारिक रूप से मंजूरी मिलनी चाहिए.

इसी सोच के साथ कार्यक्रम में लगभग 100 अंतर्जातीय और अंतर धार्मिक जोड़ों को सम्मानित किया गया. इसके अलावा तीन माता पिता को भी पुरस्कृत हुए.

पिछले साल सितंबर में अंतर जातीय विवाह करने वालीं और इन्हीं 100 जोड़ों में से एक जगीशा अरोड़ा कहती हैं, ‘हमें बेहद खुशी हो रही है और माता-पिता को स्टेज पर देखकर यकीनन और भी अच्छा लगता. उन्हें देखकर हमारी हौसला अफजाई हुई. हमें यह सम्मान पाकर थोड़ा अजीब इसीलिए भी लगा रहा क्योंकि हमारा समाज आज भी अंतर्जातीय विवाह को लेकर सहज नहीं है इसलिए इसे सेलिब्रेट करना पड़ रहा है. ताकि लोगो को हिम्मत व हौसला मिल सके.’

share & View comments