नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने राजस्थान दौरे के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पहली पुण्यतिथि पर पोखरण जाकर श्रद्धांजलि दी. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ही राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था.
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह संयोग है कि मैं आज अंतरराष्ट्रीय आर्मी स्काउट प्रतियोगिता के लिए जैसलमेर आया हूं और आज ही अटल जी की पुण्यतिथि है. इस अवसर पर मैं पोखरण की धरती पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दूंगा.’
Defence Minister Rajnath Singh in Pokhran: Till today, our nuclear policy is 'No First Use'. What happens in future depends on the circumstances. https://t.co/nlPTQ5vLUm
— ANI (@ANI) August 16, 2019
पोखरण जाकर राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी. पोखरण में रक्षा मंत्री ने कहा, ‘आज तक हमारी परमाणु नीति नो फर्स्ट यूज़ की रही है लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियां निर्णय करेंगी.’
राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद यह बहस तेज़ हो गई है कि क्या भारत अपनी परमाणु नीति में बदलाव करने के बारे में विचार कर रहा है. अब तक भारत यह मानता रहा है कि वो अपने परमाणु हथियारों का किसी भी देश के खिलाफ पहले इस्तेमाल नहीं करेगा.
इसी तरह का बयान 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी दिया था. जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है.
क्या है नो फर्स्ट यूज़ नीति
भारत ने इस नीति को 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद अपनाया था. 1999 में भारत सरकार ने एक मसौदा जारी किया था जिसमें लिखा था कि भारत किसी भी देश के खिलाफ अपने परमाणु हथियारों का पहले प्रयोग नहीं करेगा. ये हथियार सिर्फ देश को मज़बूती देने के लिए है अगर कोई देश हमपर इसका इस्तेमाल करता है तो हम उसका जवाब दे सकते हैं. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी सभाओं में भी इस नीति का जिक्र कर चुके हैं.