इंदौर/मध्य प्रदेश: मजदूरों को पोहा खाने के आधार पर उन्हें बांग्लादेशी कहने पर भाजपा महासचिव कैलाश विजवर्गीय का बयान तूल पकड़ रहा है. ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर लोग भारी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
Labourers should not have Poha but only HALWA & HALWA & will be called Indian ,Bharat ka Shehri otherwise B………. hope “9pm Nationalist” will not take offence https://t.co/G47CyoC4L7
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 24, 2020
कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर तंज कसते हुए एआईएमआईएम प्रमुख अससुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि मजदूरों को खाने में पोहा नहीं, हलवा रखना चाहिए, केवल हलवा तभी उन्हें भारतीय शहरी कहा जाएगा.
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने विजयवर्गीय के बयान पर प्रतिक्रनया देते हुए कहा है कि पीएम आंदोलन कर रहे लोगों को कपड़े से पहचान जाते हैं और इनके नेता खाने से लोगों की पहचान कर रहे हैं.
First Beef eaters were anti-nationals.
Now #Poha eaters are anti-nationals.
According to BJP leader Kailash Vijayvargiya- if you eat #Poha , you must be Bangladeshi!???He is questioning the citizenship of poor daily wage laborers just because they eat #poha.
Seriously? ? pic.twitter.com/e52hF832n9
— Ankita Roy (@ankitaaaroy) January 24, 2020
ट्विटर पर एक यूजर अंकिता रॉय ने लिखा है कि पहले बीफ खाने वाले एंटी नेशनल थे. अब पोहा खाने वाले एंटी नेशनल हैं. उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय पर आक्रोश जताया है और पोहा की तस्वीर शेयर की है.
मेरे घर काम कर रहे थे ‘संदिग्ध’ बांग्लादेशी मजदूर, नाश्ते में केवल पोहा खाते थे : भाजपा महासचिव
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि यहां उनके घर के निर्माण कार्य में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक मजदूर के रूप में काम कर रहे थे.
विजयवर्गीय ने यहां एक सामाजिक संगठन के कार्यक्रम में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की जमकर पैरवी करते हुए यह दावा किया.
भाजपा महासचिव ने अपने गृहनगर में ‘लोकतंत्र-संविधान-नागरिकता’ विषय पर आयोजित परिसंवाद में कहा कि यहां उनके घर में नये कमरे के निर्माण कार्य के दौरान उन्हें छह-सात मजदूरों के खान-पान का तरीका थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि वे भोजन में केवल पोहा (नाश्ते के रूप में खाया जाने वाला स्थानीय व्यंजन) खा रहे थे.
विजयवर्गीय ने कहा कि इन मजदूरों और भवन निर्माण ठेकेदार के सुपरवाइजर से बातचीत के बाद उन्हें संदेह हुआ कि ये श्रमिक बांग्लादेश के रहने वाले हैं.
कार्यक्रम के बाद हालांकि, संवाददाताओं ने जब भाजपा महासचिव से इन संदिग्ध लोगों के बारे में सवाल किये, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे शंका थी कि ये मजदूर बांग्लादेश के रहने वाले हैं. मुझे संदेह होने के दूसरे ही दिन उन्होंने मेरे घर काम करना बंद कर दिया था.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने पुलिस के सामने इस मामले में फिलहाल शिकायत दर्ज नहीं करायी है. मैंने तो केवल लोगों को सचेत करने के लिये उन मजदूरों का जिक्र किया था.’
विजयवर्गीय ने कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में यह दावा भी किया कि बांग्लादेश का एक आतंकवादी पिछले डेढ़ साल से उनकी ‘रेकी’ (नजर रखना) कर रहा था.
उन्होंने कहा, ‘मैं जब भी बाहर निकलता हूं, तो छह-छह बंदूकधारी सुरक्षा कर्मी मेरे आगे-पीछे चलते हैं. यह देश में आखिर क्या हो रहा है? क्या बाहर के लोग देश में घुसकर इतना आतंक फैला देंगे?’
विजयवर्गीय ने सीएए की वकालत करते हुए कहा, ‘भ्रम और अफवाहों के चक्कर में मत आइये. सीएए देश के हित में है. यह कानून भारत में वास्तविक शरणार्थियों को शरण देगा और उन घुसपैठियों की पहचान करेगा जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये खतरा है.’
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)