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Thursday, 31 October, 2024
होमदेशलामबंद विपक्ष: रैली में गरजीं ममता, सोनिया बोलीं अभिमानी-विभाजनकारी हैं नरेंद्र मोदी

लामबंद विपक्ष: रैली में गरजीं ममता, सोनिया बोलीं अभिमानी-विभाजनकारी हैं नरेंद्र मोदी

विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाने वाली रैली में 2 दर्जन नेता पहुंचे, सभी ने सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही.

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नई दिल्लीः ममता बनर्जी आज कोलकाता में खूब गरजीं. विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाने वाली इस रैली में देशभर के करीब-करीब दो दर्जन नेता पहुंचे और सभी ने एक तरफ से सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बात कही. रैली के आरंभ से लेकर अंत तक मंच का संचालन ममता बनर्जी ने अपने ही हाथों में रखा. उनका मंच संचालन यह दिखा रहा था कि ममता किस तरह से पूरे गठबंधन के संचालन करने की ओर अग्रसर हैं.

कोलकाता के ब्रिगेड परेड में लाखों की संख्या में लोग पहुंचे थे. वहीं गठबंधन को मजबूत बनाने के लिए इस रैली में 23 राजनीतिक पार्टियों के नेता एकत्रित हुए. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, तीन मुख्यमंत्री- चंद्रबाबू नायडू, एचडी कुमारस्वामी और अरविंद केजरीवाल, पूर्व मुख्यमंत्री- अखिलेश यादव, फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, बाबूलाल मरांडी, और गेगांग अपांग सहित पांच पूर्व केंद्रीय मंत्री- शरद यादव, शरद पवार, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और राम जेठमलानी पहुंचे. यही नहीं भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी रैली में पहुंचे और संबोधित भी किया.

मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट भी खत्म हो गई- ममता बनर्जी

रैली को संबोधित करने सबसे आखिर में आईं और उन्होंने भाजपा को साफ-साफ कह दिया कि हम रथ-यात्रा कोलकाता में निकालने नहीं देंगे. दंगा करा दो, फसाद करा दो, बीजेपी का एक ही मकसद है और हम बंगाल में रथ-यात्रा के नाम पर दंगा-फसाद नहीं करने देंगे. मोदी सरकार ने अच्छे दिन खो दिए हैं. उनकी एक्सपायरी डेट भी खत्म हो चुकी है. अब नई सुबह होगी और हम वादा करते हैं कि हम एक ही रहेंगे. भाजपा चाहे जितना कहे उसके अच्छे दिन अब आने वाले नहीं हैं. भाजपा ने अपने ही नेताओं को इज्जत नहीं दी. त्याग का नाम है हिंदू. ईमान का नाम है मुसलमान. 23 पार्टी भाजपा के खिलाफ हैं. हम चाहेंगे जो भाजपा के साथ नहीं है वह भी चुनाव से पहले हमारे साथ आ जाएं.’

‘अभिमानी और विभाजनकारी’ नरेंद्र मोदी- सोनिया गांधी

सोनिया गांधी और राहुल गांधी तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की इस रैली में शामिल नहीं हुए लेकिन सोनिया गांधी का खत लेकर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पढ़ा. सोनिया ने अपने पत्र में लिखा, ‘रैली ‘अभिमानी और विभाजनकारी’ नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ पूरी राजनीतिक धारा के नेताओं को एक साथ लाने का ‘महत्वपूर्ण प्रयास’ है.’ सोनिया ने देश की दुर्दशा पर कहा, ‘हमारे किसान संकट में हैं, युवा बेरोजगार हैं. चावल व जूट किसान परेशान हैं और मछुआरे भारी घाटे में चल रहे हैं. ‘देश काफी खराब हालात से गुजर रहा है- आर्थिक रूप से हमारे नागरिक मुश्किल में हैं, राजनीतिक रूप से हमारे संस्थानों को कमतर आंका गया और सामाजिक रूप से बहुलतावादी ताने-बाने को बर्बाद किया गया. संपग्र की नेता ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव कोई ‘साधारण चुनाव’ नहीं है. यह लोकतंत्र में देश का विश्वास बहाल करने, हमारे धर्मनिरपेक्ष ढांचे और धरोहरों को बचाने के लिए चुनाव है. वे लोग भारत के संविधान को बर्बाद करना चाहते हैं.’

मोदी का शासनकाल भारतीय लोकतंत्र के लिए कठिन समय : गेगांग अपांग

चार वर्ष के साथ के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन छोड़ चुके अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने नरेंद्र मोदी की सरकार को देश बांटने वाला बताया. वहीं भाजपा के शासनकाल को भारत के लोकतंत्र के लिए कठिन समय बताया. ‘दिल्ली के लोग देश को खासकर के पूर्वोत्तर को बांट रहे हैं. नागरिकता संशोधन बिल एक उदाहरण है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां देश को बांट रही है.’ ‘मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मुझे इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और एचडी देवगौड़ा जी के साथ काम करने का मौका मिला.’ ‘अरुणाचल प्रदेश में लोकतंत्र बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है. मेरे राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने आत्महत्या की और अन्य मंत्री की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हुई. ‘ये सभी लोग संघीय लोकतंत्र में विश्वास करते थे. लेकिन बीते चार वर्ष भारतीय लोकतंत्र के लिए कठिन समय रहा.’

भाजपा है कागजी बाघ : कुमारस्वामी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अपने सूबे में मचे घमासान को छोड़कर आज कोलकाता पहुंचे. उन्होंने कहा कि केवल क्षेत्रीय दल ही जन आकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं. ‘गैर-भाजपा नेताओं को हाथ मिला लेना चाहिए और उसे जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए. भाजपा सिर्फ कागजी बाघ है. हम क्षेत्रीय दल जन आकांक्षाओं को समझ सकते हैं और पूरा कर सकते हैं. मुझे दृढ़ विश्वास है कि क्षेत्रीय दलों में जनता से जुड़ने और उनकी राज्य की जनता के मन को समझने की मजबूत क्षमता है. तमिलनाडु में हमने देखा कि दिवंगत एम करुणानिधि ने जन आकांक्षाओं को पूरा कर जनता का दिल जीत लिया था. ममता बनर्जी ने पिछले सात सालों में पश्चिम बंगाल को बदल दिया है. उन्होंने राज्य की महिलाओं को सशक्त किया है.’

हमारा एकमात्र मकसद मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना : स्टालिन

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के नेता एमके स्टालिन ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का एकमात्र उद्देश्य नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकना है, जो कि ‘देश का दूसरा स्वतंत्रता संघर्ष होगा’. देश को बचाने के लिए भाजपा को हराने का एक ही विकल्प एक संगठित विपक्षी मोर्चा है. 2019 में भारत में होने वाला लोकसभा चुनाव भारत का दूसरा स्वतंत्रता संघर्ष होगा. केंद्र की भाजपा सरकार लोगों के बीच नफरत व अलगाव का बीज बो रही है. हमें इसे किसी भी हाल में रोकना होगा. इसलिए मैं इसे भारत का दूसरा स्वतंत्रता संघर्ष कह रहा हूं.’


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‘यह देखना काफी सुखद है कि कई पार्टियां इस मंच पर एक साथ आई हैं. हमारा एक मात्र उद्देश्य भाजपा सरकार का बोरिया-बिस्तर बांधना और देश को बचाना है.’ मोदी कहा करते हैं कि उनका कोई भी शत्रु या विपक्षी पार्टी नहीं है. लेकिन इन दिनों वह सभी भाषणों में विपक्षियों की आलोचना करते हैं. वह विपक्षी एकता को एक साथ देख भयभीत हैं. उन्हें यह समझना होगा कि उनकी हार सुनिश्चित है.’ मोदी सरकार कॉर्पोरेट घरानों की तरफ से काम कर रही है और मोदी ने केंद्र सरकार को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया है.’

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि उम्र के इस पड़ाव पर वह जिंदगी से कुछ नहीं चाहते हैं, बल्कि केवल मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करना चाहते हैं, जिसके लिए पूरे विपक्ष को एकजुट होना होगा. देश में सभी विपक्षी पार्टियों को भाजपा के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारना चाहिए, ताकि राजग को सत्ता से उखाड़ फेंका जाए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी, अर्थव्यवस्था को पीछे ले जाने, आम लोगों की दुर्दशा और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसी सामान्य प्रणाली को कठिन बनाने के लिए निशाना साधा.

2019 के चुनाव में यदि भाजपा आई तो मोदी, शाह बन जाएंगे हिटलर : केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर 2019 में भाजपा सत्ता में आती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह बिलकुल वैसे ही देशवासियों के साथ व्यवहार करेंगे जैसे एडॉल्फ हिट्लर करते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया. 2019 का लोकसभा चुनाव नए प्रधानमंत्री को चुनने के लिए नहीं होगा, बल्कि तानाशाह भाजपा सरकार को हटाने के लिए होगा। आम आदमी पार्टी(आप) के संयोजक केजरीवाल ने कहा कि जो सच में देश के बारे में सोचते हैं और खुद को एक सच्चा भारतीय मानते हैं, उन्हें मोदी-शाह की जोड़ी को हटाने के बारे में सोचना चाहिए.

केजरीवाल ने कहा, ‘कई लोग मुझसे पूछते हैं कि अगर मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे तो फिर कौन प्रधानमंत्री बनेगा, मैं आप सभी को कहना चाहता हूं कि 2019 का चुनाव प्रधानमंत्री चुनने के लिए नहीं होगा, बल्कि मोदी-शाह की जोड़ी को हटाने के लिए होगा. बीते 70 वर्षो में, पाकिस्तान ने देश को कमजोर करने का लगातार प्रयास किया है, पाकिस्तान इन सालों में देश में नफरत फैलाने में नाकाम रहा, लेकिन मोदी-शाह की जोड़ी ने इसे पांच वर्षो में ही कर दिया. उन्होंने देश में नफरत का बीज बो दिया. दोनों मिलकर देश को बर्बाद कर देंगे. वे देश को बांट देंगे.”

‘देश के युवा नाखुश हैं, उन्होंने मोदी को वोट दिया, क्योंकि उन्होंने रोजगार देने का वादा किया था, मोदी ने नौकरी देने के बदले, नोटबंदी लागू कर दिया, जिससे देश में 1.25 करोड़ नौकरियां समाप्त हो गईं.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में महिला, किसान, दलित और मुस्लिम खुश नहीं हैं. अपने जीवन के अंत तक सत्ता में रहने के लिए एडोल्फ हिटलर ने जर्मनी के कानून को बदल डाला था. उसी प्रकार मोदी-शाह की जोड़ी देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है. शाह ने हाल ही में एक रैली में कहा था अगर भाजपा 2019 में जीत जाएगी तो, वे 2050 तक सत्ता में रहेंगे, अगर मोदी दोबारा सत्ता में आ गए तो, भाजपा संविधान बदल देगी और लोकतंत्र व चुनाव को समाप्त कर देगी.’

मोदी एक प्रचारक प्रधानमंत्री, देश को काम करने वाले की जरूरत : चंद्रबाबू

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचारक प्रधानमंत्री बताया और कहा कि देश को काम करने वाले एक नए प्रधानमंत्री की जरूरत है. चंद्रबाबू ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘मोदी प्रचार करने वाले प्रधानमंत्री हैं, न कि काम करने वाले प्रधानमंत्री. उन्होंने और उनकी सरकार ने देश के साथ विश्वासघात किया है. देश को काम करने वाले प्रधानमंत्री की जरूरत है, जो गरीबों की भलाई के लिए काम करे.’

‘नायडू ने कहा, ‘आज ऐतिहासिक दिन है. भाजपा और राजग भारत को बांटना चाहते हैं और हम भारत को जोड़ना चाहते हैं. इसी मकसद से हम सभी नेता यहां एक सुर से यह आह्वान करने आए हैं कि भारत को बचाओ, लोकतंत्र को बचाओ और भारत को जोड़ो. हम इसी अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं.’

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