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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशअपराधजो लड़की डॉक्टर बनने के सपने देख रही थी, उसे चाकू से गोद कर और बैट से पीट कर मार डाला

जो लड़की डॉक्टर बनने के सपने देख रही थी, उसे चाकू से गोद कर और बैट से पीट कर मार डाला

'उसने कुबूल किया है कि वो उस लड़की से दोस्ती करना चाहता था. यह एकतरफा प्यार का मामला है, लड़की ने किसी भी तरह की दोस्ती और प्यार के लिए मना कर दिया था.

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नई दिल्ली: ‘उस दिन मैं घर आया तो एक कमरे में खाने की प्लेट और एक निवाला साइड में रखा था. टेलीविज़न भी चल रहा था. एक कमरे में मेरी बहन खून में लथपथ पड़ी थी. उसकी टांगें बेड की तरफ खुली थीं और सिर दरवाजे की तरफ था. मेरी चीख निकल गई. मुझे समझ नहीं आया कि क्या करूं. मैं घर के बाहर की तरफ भागा. सबके दरवाजों की घंटियां बजाईं. औरतों को मेरे घर चलने के लिए कहा. इस समय दोपहर के करीब दो बज रहे थे.’

फरीदाबाद के सेक्टर 3 में सांत्वना देने वालों के बीच बैठे 18 साल की मृतका का भाई दिप्रिंट को बताता जा रहा था.

लड़की के माता-पिता उसकी आखिरी सेल्फी को बड़ी तस्वीर बनावकर ले आए हैं. इस पर उसकी जन्मतिथि और हत्या का दिन लिखा हुआ है.

क्या था मामला?

हत्या कैसे हुई और क्यों की गई? इसका खुलासा खुद गिरफ्तार हुए आरोपी ने पुलिस के सामने किया है. सेक्टर 7 थाना के एसएचओ योगवेंद्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘उसने कुबूल किया है कि वो उस लड़की से दोस्ती करना चाहता था. यह एकतरफा प्यार का मामला है, लड़की ने किसी भी तरह की दोस्ती और प्यार के लिए मना कर दिया था. दोनों का कोई टेलिफॉनिक कॉन्टैक्ट भी नहीं था.

खून से सनी दीवार को देखते पीड़िता के माता-पिता| तस्वीर- ज्योति यादव

पुलिस ने बताया कि आरोपी ‘कई दिन से उसके घर पर नज़र रखे हुए था. कौन कब आता है, वो कितने बजे घर आती है कितने बजे घर से जाती है, उससे मिलने कौन घर पर आता है…वह कई दिनों से इन सब बातों पर नजर रख रहा था. उसके बाद 17 तारीख को वह मुंह पर रुमाल बांधे घर में घुस गया. वो सीधे छत की तरफ चला गया. पीड़िता का परिवार पहली मंजिल पर रहता है.

ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले किराएदार एक महीना पहले ही घर खाली कर गए हैं. समय कुछ सुबह दस बजे का रहा होगा जब यह लड़का मुंह पर रुमाल बांधे घर में घुसा. वो सीढ़ियों से पहली मंजिल पर पहुंचा ही था कि मुख्य दरवाजे की घंटी बजी. लड़का छत की ओर भागकर छुप गया. लड़की ने नीचे आकर दरवाजा खोला तो मौका पाकर वो पहली मंजिल पर दनदनाता हुआ चला गया और घर में जाकर बेड पर बैठ गया. लड़की जब ऊपर पहुंची तो वो सामने बैठा था. उसने पीड़िता की आंखों पर पट्टी बांध दी. उसके बैग में नकली कट्टा भी था. वो पीड़िता के कपड़े उतरवा रहा था कि इस बीच लड़की की आंख की पट्टी खुल गई और उसक खुद का चेहरा दिख गया और लड़की चिल्ला पड़ी.’

पीड़िता के बचपन की तस्वीर और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की फोटो| तस्वीर- ज्योति यादव

‘वो सुबह साढ़े दस बजे से लेकर डेढ़ बजे तक घर में रुका. लड़की अब विरोध की मुद्रा में थी. वह उसके चंगुल से छूटने के लिए छटपटाने लगा तो उसने लड़की को पहले तवे से सिर में मारा. फिर उसके बाल खींचकर दीवार में मारा. इससे उसके सिर की खाल भी निकल और बाल भी निकल गए. उसने बैट से उसके सिर पर वार किए. फिर ब्लेड से सारे शरीर पर 60-70 जगहों से काट दिया. उसने घर में रखे पेचकश, कैंची और चाकू सब इस्तेमाल किया. चाकुओं को गैस पर गर्म कर-करके इसके शरीर पर लगाकर चैक किया कि वो जिंदा तो नहीं है. उसने मेरी बिटिया को लगातार तीन घंटे तक मारा. ‘ पीड़िता के पिता अपने फोन में सीसीटीवी फुटेज दिखाते हुए कहते हैं. पड़ोस से आई एक औरत कहती हैं, ‘इसके बाद भी वो आधे घंटे तक इस गली में घूमता रहा है.’

डॉक्टर बनना चाहती थी 

पीड़िता की मां उसके बनाए नोट्स दिखाकर कहती हैं, ‘वो एम्स में डॉक्टर बनना चाहती थी. घर में भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के बगल में उसके बचपन की तस्वीर दिखाते हुए मां कहती हैं, हम पढ़ाई-लिखाई में विश्वास करते हैं. वो अपना एक मिनट भी बर्बाद नहीं करती थी. रातभर पढ़ती थी तो सुबह हम जल्दी नहीं उठाते थे. वो सुबह का नाश्ता नहीं करती थी. दोपहर में ही खाती थी. उस दिन उसने एक निवाला भी नहीं खाया था. वो खाने की प्लेट में रखा रह गया. मेरी बेटी भूखी ही चली गई.’

पीड़िता के बनाए नोट्स दिखाती उनकी मां| तस्वीर- ज्योति यादव

अपनी बिटिया को याद करते हुए आंखें नम करते हुए पिता कहते हैं, ‘मेरा बेटा अभी भी सदमे में है. हमारे आने से पहले ही पुलिस ने आकर शरीर ढंक दिया था. हम अपनी बिटिया को उस हालत में देख भी नहीं पाते. अक्सर व्हॉटसैप पर ये खबरें पढ़ते थे.अब एहसास हो गया कि कैसा महसूस होता है. हम जिंदगी भर के लिए बर्बाद हो गए.’

मां-बाप निकल घर से काम पर निकल चुके थे

पीड़िता के पिता सरकारी मास्टर हैं और मां लेक्चरर. भाई इस बार बाहरवीं में गया है. माता-पिता के पढ़ाए छात्र-छात्राएं भी ढांढस बंधाने आ रहे हैं. आरोपी का घर डेढ़ साल पहले तक पीड़िता के घर से दो घर छोड़कर ही था. डेढ़ साल पहले वो 10-11 घर छोड़कर आगे शिफ्ट हो गए थे. उनके मौजूदा घर पर ताला लगा हुआ है. मकान मालकिन का कहना है कि वो लोग इस घटना के बाद से ही फरार हैं. यहां होने वाली छेड़खानियों की शिकायत लगाते हुए मकान मालकिन कहती हैं, ‘ये लड़का ऐसा तो नहीं लगता था. लेकिन यहां शाम होते ही छेड़खानियां शुरू हो जाती हैं. अपने घर के बाहर एक दीवार और पेड़ की तरफ इशारा करते हुए वो कहती हैं, यहां खड़े हो जाते हैं झुंड़ बनाकर. हम टोकते हैं तो उल्टे जवाब मिलते हैं. शाम को कोई लड़की बाहर निकले और उसके साथ कोई बदसलूकी ना हो, ये नामुमकिन है.’

इलाके में होती है लड़कियों से छेड़खानियां

इस इलाके में रहने वाली आरुषि का भी कहना है, ‘ये इलाका लड़कियों के लिए रहने लायक नहीं है. शाम को स्कूल में पढ़ने वाले लड़के तक छेड़खानियां करते हैं. जेंडर क्राइम्स को यहां के लोगों ने स्वीकार कर लिया है. कोई पुलिस के पास भी नहीं जाता.’

पीड़िता के बनाए नोट्स | तस्वीर- ज्योति यादव

पीड़िता के माता-पिता भी एक ऐसी घटना का जिक्र करते हैं, ‘अब जाकर हमें इन घटनाओं का पता चल रहा है. इस इलाके में एक लड़की ने शादी से मना कर दिया था तो उसे कुल्हाड़ी से मार दिया था. इस आरोपी के बड़े भाई पर भी छेड़खानी का आरोप था इसलिए ही उनसे मकान खाली करवा लिया था.’

हरियाणा का है आरोपी का परिवार

आरोपी का परिवार मूलत: हरियाणा के भिवानी जिले का है. ये लोग यहां किराए पर रहे हैं. मां योगा सिखाती हैं और पिता एक शराब के ठेके पर काम करते हैं. इस परिवार को घर किराए पर देने वालों ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम क्या क्रिमिनल बैकग्राउंड चैक करते. इन्हें तो सारा इलाका जानता था. पिछले छह महीने से इनका बड़ा बेटा कहीं बाहर पढ़ने के लिए भेजा हुआ था. कभी शक नहीं हुआ.’

छेड़खानी की घटनाओं का एसएचओ ने खंडन करते हुए कहा, ‘इस तरह की घटनाएं यहां तो दर्ज हुई नहींं है. ये घटना भी पहली ऐसी घटना है. इसमेंं भी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है. आरोपी को घटना के दो दिन बाद ही हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पकड़ लिया गया था.’

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