भुवनेश्वर (ओडिशा) : ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे को कुछ सोशल मीडिया अकाउंट सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, राज्य की पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी है.
ओडिशा पुलिस के अनुसार, इस हादसे में 2 पैसेंजर ट्रेनें और एक मालगाड़ी क्षतिग्रस्त हुई हैं. ओडिशा पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘यह पाया गया है कि कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स से बालासोर में दर्दनाक ट्रेन हादसे को साम्प्रदायकि रंग दिया जा रहा है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.’
We appeal to all concerned to desist from circulating such false and ill-motivated posts. Severe legal action will be initiated against those who are trying to create communal disharmony by spreading rumours.
— Odisha Police (@odisha_police) June 4, 2023
पुलिस ने सभी से बालासोर दुर्घटना के बारे में इस तरह के ‘भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट’ साझा करने से परहेज करने के अपील की.
उन्होंने यह भी कहा कि झूठे और दुर्भावनापूर्ण सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
राज्य की पुलिस ने अपने बयान में कहा है, ‘हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि वे इस तरह के झूठे और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट फैलाने से बचें. जो लोग अफवाह फैलाकर साम्प्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं उनके के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी.’
इसमें आगे कहा गया है कि मामले के सभी पहलुओं सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) दुर्घटना की जांच कर रही है. ‘जीआरपी दुर्घटना के कारणों और सभी पहलुओं की जांच में लगी है.’
शुक्रवार को बालासोर में बहानागा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग ट्रैक्स पर हुए हादसे में तीन ट्रेनें- बेंगलुरू-हावड़ा एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी भिड़ी थीं.
इससे पहले रविवार को, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुर्घटना ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव’ के कारण हुई.
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल उपकरण होता है जो ट्रैक के जरिए ट्रेनों के बीच संचालन में किसी भी अवरोध को रोकता है. यह मूलत: सिग्नल्स को गलत क्रम में परवर्तित होने से रोकने के लिए एक सुरक्षा उपाय होता है.
इससे पहले दिन में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कटक में श्रीरामा चंद्रा भांजा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में घायल लोगों से मुलाकात की थी.
इस बीच, ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने स्पष्ट किया कि मृतकों की संख्या संशोधित की गई है जिसके बाद यह 288 के बजाय 275 की संख्या है. कुछ शवों की दो बार गिनती कर ली गई थी. उन्होंने कहा, ‘मृतकों की संख्या 275 है, इससे पहले 288 बताई गई थी. संख्या को डीएम ने दोबारा चेक किया, यह पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिन लिया गया था. इस प्रकार संशोधित नंबर 275 है, जिनमें 88 शवों की पहचान हो गई है. जेना ने कहा कि 1,175 लोग घायल हुए हैं, 793 लोगों को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.’
कुल 1,000 से ज्यादा श्रमिकों को क्षतिग्रस्त ट्रैक्स को ठीक करने के लिए लगाया गया था, मंत्रालय ने कहा कि 7 से अधिक पोकलेन मशीनें, दो दुर्घटना राहत ट्रेनें और 3-4 रेलवे और रोड क्रेन भी इसके लिए लगाए गए थे.
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