लखनऊ: गाजियाबाद के एमएमजी जिला अस्पताल की महिला नर्सों द्वारा तबलीगी जमात के लोगों पर लगाए गए आरोपों पर योगी सरकार सख्त एक्शन लेने के मूड में है. सीएम योगी ने सभी आरोपियों पर रासुका (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं. वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि इन लोगों का ध्यान रखने व सुरक्षा के लिए नर्स और महिला पुलिस को भी नहीं लगाया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से जारी बयान में गाजियाबाद घटना के आरोपी जमातियों के लिए कहा गया है कि ‘ये न कानून को मानेंगे, न व्यवस्था को मानेंगे. ये मानवता के दुश्मन हैं. जो इन्होंने महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ किया है, वह जघन्य अपराध है. इन पर एनएसए लगाया जा रहा है. हम इन्हें छोड़ेंगे नहीं.’
वहीं, इसके अलावा सरकार की ओर से ये भी आदेश दिया गया है कि लॉकडाउन के दौरान यूपी में कहीं भी पुलिस कर्मियों पर हमला हुआ तो एनएसए के तहत कार्रवाई होगी.
महिला स्टाफ ने लगाए आरोप
बता दें कि गाजियाबाद के एमएमजी जिला अस्पताल के आइलोशन वार्ड में छह जमातियों को रखा गया था जहां पर महिला स्टाफ ने उनकी शिकायत कर दी. अस्पताल के सीएमएस की ओर से पुलिस को लिखे गए पत्र में महिला नर्सों ने जमाती मरीजों पर आरोप लगाया कि वे उनके के सामने अश्लील गाने सुनते और गंदे-गंदे इशारे करते हैं. इतना ही नहीं डॉक्टरों और नर्सों से वो लोग बीड़ी और सिगरेट की मांग भी करते हैं. यही नहीं वार्ड में बिना कपड़ों के टहलने के भी आरोप लगाए गए जिसके बाद गाजियाबाद डीएम ने तुरंत इस मामले में जांच के आदेश दे दिए. वहीं देर रात एमएमजी अस्पताल से इन लोगों को एक प्राइवेट काॅलेज में बनाए गए आईसोलेशन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया.
यूपी में चिन्हित किए गए 1172 जमाती
यूपी सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होने वाले तब्लीगी जमात के 1172 लोगों को चिन्हित कर लिया गया है, जिनमें 287 विदेशी नागरिक शामिल हैं. जिन लोगों को चिन्हित किया गया है उनमें से 884 लोगों को क्वारंटीन भर भेज दिया गया है. वहीं 429 की कोरोना की जांच कराई गई है.
एडिशनल चीफ सेक्रेट्री (सूचना व गृह) अवनीश अवस्थी के मुताबिक जमात में शामिल चिन्हितों में 211 ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है. यह सभी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और यहां तब्लीगी जमात में शामिल हुए. इस मामले में अब तक 32 एफआईआर दर्ज की गई हैं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से अपील की है कि जमात में शामिल लोग खुद सामने आएं और शासन प्रशासन की मदद करें.