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Thursday, 9 May, 2024
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किस भतीजे के कहने पर ‘सुश्रीमायावती’ ने की ट्विटर पर एंट्री

सोशल मीडिया को पसंद न करने वाली मायावती को आखिर क्यों अपना फैसला बदलना पड़ा इसकी चर्चा हर ओर है. सूत्रों की मानें तो गठबंधन भी इसका अहम कारण है.

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लखनऊ: सोशल मीडिया से दूरी रखने रखने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव से पहले ट्वीटर पर आ चुकी हैं. हालांकि इसका औपचारिक ऐलान उनकी ओर से नहीं किया गया है लेकिन बीएसपी के एकलौते मीडिया पैनेलिस्ट सुधींद्र भदौरिया ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है.

उन्होंने मायावती के एकाउंट से हुए ट्वीट को साझा करते हुए लिखा है, ‘सुश्री बहन मायावतीजी भारत की जनता की सबसे ताक़तवर और बुलंद आवाज़ हैं,तहे दिल से सभी लोग उनका स्वागत करते हैं,उनके सोच और विचार से भारतवासियों को नई आशा और दिशा मिलेगी ऐसा हमारा विश्वास है।परमपूज्य बाबा साहब व मान्यवर काशीरामजी का शोषणमुक्त व समतामूलक भारत का सपना ज़रूर पूरा होगा’ .हालांकि इसके बाद जब आधिकारिक पुष्टि के लिए उन्हें फोन किया गया तो उन्होंने नहीं उठाया. बुधवार सुबह बीएसपी की ओर से प्रेस नोट जारी हुआ जिसमें मायावती के ट्विटर जाॅइन करने की आधिकारिक घोषणा की गई.

हालांकि ये अकाउंट पिछले कई दिन से चल रहा था लेकिन सुधींद्र भदौरिया के ट्वीट से चर्चा में आया.बुधवार को इसे ट्वीटर की ओर से ब्लू टिक (वेरीफाइड) भी कर दिया गया.

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तेजस्वी की गुजारिश पर किया ज्वाइन

उनके ट्विटर हैंडल पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बधाई भी दी है. साथ ही उन्होंने ट्विटर से जुड़ने के अनुरोध को स्वीकार करने को लेकर खुशी भी जतायी है. तेजस्वी ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है कि जब उनकी मायावती से लखनऊ में मुलाकात हुई थी तब उन्होंने ट्विटर पर आने की गुजारिश की थी. समर्थक अखिलेश की तरह तेजस्वी को ‘बुआ’ मायावती का ‘भतीजा’ ही मानते हैं.

पुराने सभी अकाउंट्स को बताया था फर्जी

पिछले साल मायावती ने सोशल मीडिया पर पार्टी के फर्जी अकाउंट को लेकर कड़ा रुख अख्तिार किया था. उन्होंने बसपा और अपने नाम से चल रहे सभी फेसबुक पेज और ट्विटर अकाउंट को फर्जी बताया है। बसपा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी की पूरे देश में न तो कोई अधिकृत वेबसाइट है, और न ही किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट है.
उन्होंने कहा था कि बसपा ने मीडिया में अपना पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ नेता सुधींद्र भदौरिया को अधिकृत किया है. उनके अलावा किसी अन्य नेता को बसपा की ओर से कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है.

आखिर क्यों बदलना पड़ा फैसला

कुछ वक्त पहले सोशल मीडिया को पसंद न करने वाली मायावती को आखिर क्यों अपना फैसला बदलना पड़ा इसकी चर्चा हर ओर है. सूत्रों की मानें तो गठबंधन भी इसका अहम कारण है. सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ट्वीटर पर काफी एक्टिव है. वहीं दोनों पार्टियों को इस बार मिलकर चुनाव लड़ना है. ऐसे में सपा के वोटरों के बीच भी अपनी पैठ बनाने के तौर पर माया के इस कदम को देखा जा रहा है. हालांकि कई लोगों का कहना है कि भतीजे आकाश का दिमाग भी इसके पीछे हो सकता है. वह विदेश से पढ़कर आए हैं और बीएसपी मूवमेंट को तेजी से बढ़ाने में जुटे हैं.

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