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Friday, 26 April, 2024
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हरियाणा के नूंह में मौलानाओं और पंचायतों के सहयोग से कोरोनावायरस से लड़ रहा है प्रशासन

नूंह शहर से 30 किलोमीटर दूर बसे खानपुर घाटी में एक ही दिन में कोरोना के छह मरीज पाए गए. उसके बाद से गांव को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. हर नाके पर पुलिस का कड़ा पहरा है.

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नूंह/फिरोजपुर झिरका: हरियाणा में अभी तक कोरोनावायरस के 185 पॉजिटिव केस हैं जिसमें से अकेले नूंह जिले से 45 मामले सामने आए हैं. डीसी पंकज ने दिप्रिंट को दिए साक्षात्कार में बताया कि इनमें से 37 मरीज तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं और एक मामला ट्रक ड्राइवर का है. बाकी मामले ट्रक ड्राइवर के संपर्क में आए घर परिवार के लोगों और पड़ोसियों से जुड़े हुए हैं.

गुरुग्राम से नूंह की तरफ जाते वक्त गांवों में ट्रक खड़े हैं और उनको चलाने वाले ड्राइवर आजकल खेतों में फसल कटाई का काम कर रहे हैं. गांधीग्राम के सरपंच दिप्रिंट को बताते हैं कि जो लोग लॉकडाउन से पहले ही अपने ट्रक लेकर आ गए वो लोग अब खेती के काम में लगे हैं.

ट्रक ड्राइवर्स के बारे में बताते हुए पंकज कहते हैं, ‘अभी तक 1200 ड्राइवर वापस लौटे हैं. इनमें से एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. फिलहाल के लिए स्थिति काबू में हैं. लेकिन आगे के लिए भी हम लोग तैयार हैं. फिलहाल जिले के मेडिकल कॉलेज मे 150 आइसोलेशन बेड हैं. नूंह में अन्य 3 जिलों से भी 90 मरीज भर्ती हैं. इसके अलावा चार क्वारेंटाइन सेंटर हैं और एक और सेंटर को शुरू किया जा रहा है.’

ग्रामीण इलाकों की स्थिति के बारे में वो कहते हैं, ‘हमनें 36 गांवों जिनमें 2 कस्बे भी शामिल हैं, को पूरी तरह बंद कर दिया है. किराना और सब्जियों की होम डिलीवरी शुरू हो चुकी है. लोगों की आवाजाही को बिलकुल बंद कर दिया गया है.’ हरियाणा के अन्य जिलों में प्रवासी मजदूरों के भारी पलायन की तरह नूंह में ऐसी हालत नहीं हुई. दरअसल यहां के ज्यादातर लोग खुद ही फसल कटाई करते हैं. लेकिन जिले में फंसे 77 प्रवासी मजदूरों को तावडू के एक शेल्टर होम में रखा गया है. ये मजदूर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.


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प्रशासन ने दिप्रिंट को बताया कि आशा वर्करों और आंगनवाड़ी हेल्पर्स की मदद से पिछले दस दिनों में जिले के 12 लाख लोगों का डोर टू डोर स्क्रीनिंग कर चुका है. जो 20 गांव बच गए हैं उनमें भी बहुत जल्द स्क्रीनिंग का काम हो जाएगा. किसानों की समस्याओं पर बात करते हुए डीसी ने बताया कि कटाई के लिए सिंगल व्यक्ति को पास की जरूरत नहीं है लेकिन दूसरे जिलों से आ रहे कंबाइन और थ्रेसर्स को पास दिया जा रहा है. साथ ही 15 अप्रैल से सरसों व 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद भी शुरू की जाएगी. उसके लिए भी पंचायतों को शेड्यूल व किसानों की लिस्ट भेजी जाएगी ताकि खरीद के वक्त भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके.

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एक गांव को पूरी तरह कर दिया गया बंद

नूंह शहर से 30 किलोमीटर दूर बसे खानपुर घाटी में एक ही दिन में कोरोना के छह मरीज पाए गए. उसके बाद से गांव को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. हर नाके पर पुलिस का कड़ा पहरा है. 24 घंटे नाके पर 5 पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. इस गांव की आबादी लगभग 4,000 से ऊपर है. सरपंच की सहायता से प्रशासन बाकी लोगों में वायरस ना फैलने देने की पूरी कोशिश कर रहा है. खानपुर घाटी पहला ऐसा गांव है जिसमें किसी भी तरह की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही दिन में डॉक्टरों की टीम तीन बार चक्कर लगा रही है. मीडिया के प्रवेश को भी वर्जित कर दिया गया है.

हाइवे से सटे इलाकों के कुछ गांव पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं तो कुछ गांव एक निर्धारित समय पर खोले जा रहे हैं. सड़कों पर जगह-जगह पुलिस खड़ी है. कुछ पंचायतें भी अपनी तरफ से लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाए हुए हैं.

धार्मिक नेता आए सामने

डीसी पंकज यादव ने बताया कि पंचायतों और धार्मिक गुरुओं की तरफ से पूरा सहयोग मिल रहा है. जिले के धार्मिक लीडर ऑडियो व वीडियो के रूप में लोगों से नमाज घर पर ही पढ़ने की सलाह दे रहे हैं. साथ ही लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करने की बात भी कह रहे हैं.


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नूंह के बड़ा मदरसा के प्रमुख मुफ्ती जाहिद हुसैन दिप्रिंट को बताते हैं कि वो डीसी के साथ मिलकर जनता को कोरोना बीमारी की गंभीरता को बता रहे हैं. खुद भी मास्क पहन रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. उनके अलावा जमीयत उलेमा के हरियाणा-पंजाब-हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष हकीमउद्दीन अशरफ उटावड़ी ने वीडियो जारी कर बताया कि केंद्र ने जो कदम उठाए हैं उनमें जनता को साथ देना चाहिए. वो कौम को पैगाम देते हुए कहते हैं कि ये महामारी है और इसकी रोकथाम के लिए जो निर्देश दिए गए हैं उनका पूरी तरह पालन करना चाहिए.

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