scorecardresearch
Friday, 21 June, 2024
होमदेशNCR में सुंदरता में सबसे आगे है नोएडा - दीवारों पर मधुबनी चित्र, फव्वारे, वैदिक पार्क, मूर्तियां

NCR में सुंदरता में सबसे आगे है नोएडा – दीवारों पर मधुबनी चित्र, फव्वारे, वैदिक पार्क, मूर्तियां

नोएडा का थीम पर आधारित सौंदर्यीकरण निवासियों को शहर से जुड़ाव का अहसास करा रहा है.

Text Size:

दिल्ली से नोएडा की यात्रा करने वाले शाम के यात्रियों के लिए, गौतम बुद्ध की मूर्ति के पास एक छोटा सा जाम जो उपनगर में आगंतुकों का स्वागत करता है, उन्हें एक पल के लिए सोचने पर मजबूर करता है – उन्हें एहसास होता है कि वे अब दिल्ली में नहीं हैं. लेकिन यह केवल जाम ही नहीं है जो अलग है. उत्तर प्रदेश के शहर में लोगों का स्वागत करने वाली मूर्ति प्रकाश प्रक्षेपण के साथ चमकती है जो एक पल के लिए शांति प्रदान करती है. और जैसे ही यात्री कुछ मीटर अंदर जाते हैं, एक पेड़ को तराश कर बनाई गई मानव चेहरे वाली मूर्ति, एक फव्वारा और पोल और फ्लाईओवर पर लिपटी तिरंगे वाली रोशनी नगरपालिका की सीमा को बदल देती है. यह अब मयूर विहार से पूर्वी दिल्ली की अंधेरी सड़क नहीं है जो उन्हें गौतम बुद्ध नगर लेकर आई थी.

ये सौंदर्य संबंधी बदलाव पिछले साल सितंबर में भारत में जी-20 की बैठक से पहले शुरू किए गए थे, लेकिन ये एक बड़े सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट का विस्तार हैं, जो पिछले करीब पांच सालों से नोएडा के परिदृश्य को धीरे-धीरे बदल रहा है और इसे पड़ोसी राष्ट्रीय राजधानी से अलग पहचान दे रहा है. मेट्रो के खंभों और अंडरपास की दीवारों पर मधुबनी कलाकृति से लेकर खास इलाकों के लिए थीम आधारित सौंदर्यीकरण, भारत के पहले वैदिक थीम पार्क और सेल्फी पॉइंट तक, यूपी का यह शहर अपनी पहचान को गंभीरता से ले रहा है और उसमें रंग भर रहा है.

नोएडा अथॉरिटी की एडिशनल सीईओ वंदना त्रिपाठी ने कहा, “नोएडा में अच्छी सड़कें, फ्लाईओवर और अंडरपास थे. इन सभी विकासों के बावजूद, शहर थोड़ा खाली-खाली लग रहा था. इसलिए नोएडा अथॉरिटी ने सफेद दीवारों को रंगों और भारतीय हस्तशिल्प से भरने का यह विचार बनाया.”

शहर के रंग-बिरंगे फ्लाईओवर, हर शाम रोशनी से जगमगाने वाली स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां और थीम आधारित सौंदर्यीकरण निवासियों को शहर से जुड़ाव का एहसास करा रहा है. अब, नोएडा एक नया चेहरा बनकर उभर रहा है. नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, शहर में कुल 650 पार्क विकसित किए गए हैं.

वास्तुकार और शहरी योजनाकार आयुष सिंह ने कहा, “शहर का सौंदर्यीकरण सुखद वातावरण प्रदान करता है, जो नागरिकों को घूमते समय सुरक्षित महसूस कराता है.”

सेक्टर 14ए में एक फ्लाईओवर. | अलमिना खातून | दिप्रिंट

यह भी पढ़ेंः नोएडा अब यू-टर्न का शहर है, ट्रैफिक जाम से निजात पाने का यह शायद एकमात्र तरीका नहीं 


दीवार पर लिखावट

नोएडा के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही उस पर दिखती कलाकारी के पीछे कलाकारों और कॉरपोरेट्स का एक समूह है, जिनका काम अब दिन हो या रात, दिखाई देता है.

प्रसेनजीत ने कहा, “जब भी हमें एक सफ़ेद दीवार और एक ब्रश दिया जाता है, तो हम हर खंभे और साइडवॉल को अपना कैनवास मानते हैं और इसे इस तरह से रंगते हैं कि यह लोगों से बातें करे.” बच्चों के लिए और मोर इत्यादि पर आधारित दीवारों पर बने उनके चित्र सेक्टर 53, 34, 36, 50 और सेक्टर 53 में देखे जा सकते हैं.

नोएडा की दीवारों और खंभों पर कलाकृतियों की एक विस्तृत श्रृंखला है – मधुबनी कलाकृति से लेकर क्रिकेटरों के भित्ति चित्र और विभिन्न रंगों की तितलियां. सेक्टर 32 फ्लाईओवर के खंभों पर कृष्ण और गौतम बुद्ध को जगह मिली है. जबकि सेक्टर 6 में नोएडा प्राधिकरण कार्यालय की दीवारों पर मधुबनी कलाकृति देखी जा सकती है और नोएडा सेक्टर 21ए और सेक्टर 10 की दीवारों पर क्रिकेटरों और हॉकी खिलाड़ियों के भित्ति चित्र बनाए गए हैं.

दिल्ली से नोएडा सेक्टर 136 में अपने ऑफिस तक जाने वाली 29 वर्षीय अनीता दुबे ने कहा, “नोएडा में ड्राइविंग और घूमना एक सुखद अनुभव बन गया है क्योंकि शहर काफी रंगीन और चमकदार हो गया है.”

और अथॉरिटीज़ ने उन स्थानों को भी काफी ध्यान से चुना है कि वे ज़्यादा से ज़्यादा दिख सकें.

सेक्टर 21, नोएडा में | अलमिना खातून | दि प्रिंट

उत्तर प्रदेश के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय में जूनियर इंजीनियर विकास शर्मा ने कहा, “इन कलाकृतियों के लिए, व्यस्त सड़कों और स्थानों को चुना गया है, विशेष रूप से फ्लाईओवर के खंभे जो अधिकतर लोगों को आकर्षित करते हैं.”

ऐसी परियोजनाओं में शामिल कलाकार अपने शिल्प में अर्थ ढूंढते हैं.

एचसीएल फाउंडेशन के साथ नोएडा को सुंदर बनाने वाले कलाकार जैन सिद्दीकी ने कहा, “हमारा काम तभी सफल होता है जब पेंटिंग लोगों तक वह संदेश और भावना पहुंचाने में सक्षम होती हैं जिसके लिए उन्हें बनाया गया है.

माई क्लीन सिटी शहर को सुंदर बनाने और प्रभावी ठोस अपशिष्ट निपटान के लिए एचसीएल फाउंडेशन की परियोजना है. इस परियोजना के अंतर्गत सेक्टर 34 की दीवारों पर पेड़ों के चित्र बनाए गए हैं, ओखला पक्षी अभयारण्य में ‘पौधे बचाओ’ थीम पर दीवारों पर चित्र बनाए गए हैं और सेक्टर 112 की दीवारों पर गोंड कला का चित्र बनाया गया.

सिद्दीकी ने कहा, “जब हम अपना काम पूरा करते हैं और लोग इसकी प्रशंसा करते हैं, तो हमें लगता है कि हमारी मेहनत रंग लाई है.”

35 वर्षीय सिद्दीकी ने नोएडा में जितने भी काम किए हैं, उनमें से सेक्टर 5 में एक काम उन्हें सबसे प्रिय है- प्रवासियों से भरे इलाके हरौला गांव के एक स्कूल की दीवार पर बच्चों का चित्र. सिद्दीकी के अनुसार, इसने न केवल स्कूल और इलाके को सुंदर बनाया बल्कि लोगों को भी खुश किया.

नोएडा प्राधिकरण के अलावा, आरडब्ल्यूए सोसायटी के निवासियों और स्कूली छात्रों ने भी अपने आसपास के इलाकों को सुंदर बनाने की दिशा में विभिन्न स्थानों पर काम किया है.

हालांकि, इतिहासकार और एनाग्राम आर्किटेक्ट्स के संस्थापक माधव रमन, जो नोएडा को एक युवा शहर कहते हैं, ने कहा कि शहर का सौंदर्यीकरण बढ़िया अवसर था.

उन्होंने कहा, “अगर दीवारों पर बने ये चित्र और पेंटिंग अच्छी गुणवत्ता के होते और उचित थीम वाले होते, तो नोएडा इस सौंदर्यीकरण के ज़रिए अपनी पहचान बना सकता था. इन चित्रों में कोई थीम या सोच नज़र नहीं आती है.”

एक साफ-सुथरा और सुंदर शहर जो कलाकृतियों का दावा करता है, वहां रहने और काम करने वाले लोगों के लिए गर्व की बात हो सकती है. और नोएडा धीरे-धीरे ‘शो अराउंड’ स्थल के रूप में उभर रहा है. सेक्टर 36 क्रॉसिंग और नोएडा सिटी सेंटर में लॉजिक्स मॉल के बीच के हिस्से को हरियाली और थीम-आधारित कलाकृति से सजे वॉक वे के रूप में विकसित किया गया है, जो जॉगर्स और डॉग वॉकर को आकर्षित करता है.

अनीता दुबे ने कहा, “अगर हमारे आस-पास का इलाका अलग और खूबसूरत है, तो हम भी बाहर जाकर उसे देखना और दूसरे लोगों को दिखाना पसंद करते हैं. पिछले कुछ सालों में हुए इस सौंदर्यीकरण के कारण शाम को नोएडा में घूमना एक खूबसूरत अनुभव बन गया है,”

प्राधिकरण इन सौंदर्यीकरण कार्यों को शहर में सभी बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों के बाद नोएडा पर अपनी पहचाने के रूप में देखता है. त्रिपाठी ने कहा, “इसका उद्देश्य नोएडा को एक अलग रंग देना है, जिसे एक वाणिज्यिक केंद्र के रूप में जाना जाता है.”

ये बात ठीक है कि सुंदरीकरण का यह काम पिछले साल सितंबर में भारत में जी-20 होने से पहले शुरू किया गया लेकिन वास्तविकता यह है कि यह एक बड़े सौंदर्यीकरण परियोजना का विस्तार हैं जो पिछले लगभग पांच वर्षों से धीरे-धीरे नोएडा के परिदृश्य को बदल रहा है | अलमिना खातून | दिप्रिंट

कार्य प्रगति पर है

सेक्टर 21 की दीवारों पर एथलीटों और खिलाड़ियों के भित्ति चित्र अचानक गायब हो गए. इसके बाद दीवारों पर पोस्टर लगे हैं, जो कलाकारों द्वारा की गई कड़ी मेहनत की खूबसूरती को खत्म कर देते हैं. सेक्टर 14 फ्लाईओवर के कुछ खंभों को खाली छोड़ दिया गया है, बस सफेद रंग से रंग दिया गया है. नोएडा में कुछ ऐसे हिस्से हैं, जिन्हें अधिकारियों ने अधूरा छोड़ दिया है, जो सौंदर्यीकरण कार्य के निष्पादन में सामंजस्य की कमी को दर्शाता है.

नोएडा निवासी जय प्रकाश ने कहा, “अगर किसी दीवार या स्थान पर काम शुरू हो गया है, तो उसे पूरा किया जाना चाहिए, इसलिए आधी खाली दीवार या खंभा अच्छा नहीं लगता.” सेक्टर 21ए में नोएडा स्टेडियम की चारदीवारी पर विभिन्न खेलों के भित्ति चित्र बनाए गए हैं: क्रिकेट, योग और हॉकी, अन्य. लेकिन कलाकृति अचानक समाप्त हो जाती है. इसके बाद या तो सफेद दीवारें होती हैं या विज्ञापनों के पोस्टर जो दीवार को गंदा दिखाते हैं.

नोएडा के निवासियों ने सहमति जताई कि नागरिकों की भागीदारी एक और पहलू है जो सौंदर्यीकरण को बनाए रखने में एक लंबा रास्ता तय करेगी.

सेक्टर 20 के निवासी 39 वर्षीय रफी अली ने कहा, प्राधिकरण अपना काम कर रहा है, लेकिन यह निवासियों पर निर्भर करता है कि वे नोएडा को कैसे साफ रखते हैं.

“अक्सर लोगों को पान मसाला थूकते हुए देखा जा सकता है.” लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना एक लंबी प्रक्रिया है.

फिलहाल, नोएडा अपनी दीवारों को सांस्कृतिक रूप से बेहतर बनाने में व्यस्त है.

सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन पर रजनीगंधा अंडरपास की दीवारें रंग-बिरंगे पक्षियों की पेंटिंग्स से ढकी हुई हैं. जब दिल्ली और नोएडा के बीच वाहन इस मार्ग को पार करते हैं, तो हिंदी का एक वाक्य जैसे पूरी कहानी को बयान कर देता है- “हर रंग कुछ कहता है”.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः ‘लाइब्रेरी, स्पा, मेडिकल सेंटर’, बिना सरकारी मदद के कैसे काम करती है लाजपत राय की सर्वेंट्स ऑफ द पीपल सोसाइटी


 

share & View comments