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Saturday, 23 November, 2024
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कुलभूषण जाधव पर आईसीजे के फैसले के 10 दिन बाद भी पाकिस्तान की कोई टिप्पणी नहीं

पाकिस्तान ने जाधव को कांसुलर एक्सेस देने के लिए कुछ शर्तें लगाई थी और यह स्पष्ट करने से भी इनकार कर दिया है कि क्या मामले को सैन्य अदालत से दीवानी अदालत में स्थानांतरित करने की योजना है.

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नई दिल्ली : द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के कुलभूषण जाधव पर फैसले के 10 दिन बीत जाने के बाद भारत की पाकिस्तान से अभी तक आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है. आईसीजे ने जाधव को कांसुलर एक्सेस देने के पक्ष में फैसला दिया है.

49 वर्षीय जाधव को पाकिस्तानी अधिकारियों ने मार्च 2016 में गिरफ्तार किया था और अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी.

नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि ‘पाकिस्तान को जाधव को वापस करना होगा. कांसुलर एक्सेस के लिए भारत का अनुरोध काफी समय से लंबित है. पाकिस्तान को (आईसीजे के) फैसले का पालन करना होगा.

अधिकारी ने यह भी कहा कि भारत जाधव के कांसुलर एक्सेस के लिए आगे कोई अनुरोध नहीं करेगा, कुलभूषण को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी.

17 जुलाई को आईसीजे ने कहा था कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन कांसुलर रिलेशंस 1963 का उल्लंघन किया है, उन्होंने जाधव को भारतीय कांसुलर के साथ संवाद करने के उनके अधिकार के बारे में नहीं बताया था.

कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं

आईसीजे के फैसले के बाद पाकिस्तान ने आश्वासन दिया था कि वह इसका अनुपालन करेगा. फैसले के एक दिन बाद पाकिस्तान ने कहा कि जाधव को विएना कन्वेंशन के आर्टिकल 36, पैराग्राफ 1 (बी) के तहत उनके अधिकारों की जानकारी दी गई थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उनको ‘कांसुलर एक्सेस देने की प्रक्रिया’ चल रही है. हालांकि, जाधव के मुद्दे पर हुई बैठक में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है.


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पाकिस्तानी सरकार के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि जाधव के लिए कांसुलर एक्सेस के संबंध में ‘इस्लामाबाद भारतीय उच्चायोग के साथ समन्वय करने के लिए संपर्क में था.’

सूत्रों ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से शुरू करने के लिए इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार के कई अनुरोधों के बावजूद भारत ने बातचीत शुरू करने से इनकार कर दिया.

कांसुलर एक्सेस के लिए पूर्व शर्तें?

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने जाधव को कांसुलर एक्सेस देने के लिए कुछ शर्तें लगाई थी और यह स्पष्ट करने से भी इनकार कर दिया है कि क्या मामले को सैन्य अदालत से दीवानी में स्थानांतरित करने की योजना है.

पिछले सप्ताह मीडिया से बातचीत में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि भारत सरकार वियना सम्मेलन के अनुपालन में जाधव के लिए कांसुलर एक्सेस की उम्मीद कर रही है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार इस संबंध में पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में है.

विश्व मामलों की भारतीय परिषद के महानिदेशक और पूर्व राजनयिक टीसीए राघवन ने कहा, पाकिस्तान को एक्सेस देना होगा. लेकिन पाकिस्तान जब एक्सेस देगा जब वह तैयार होगा. पाकिस्तान इसे तात्कालिकता के रूप में नहीं देख रहा है. लेकिन मुझे यकीन है कि दोनों पक्ष इसके लिए काम कर रहे हैं.


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भारत ने आखिरी बार अप्रैल 2017 में जाधव के लिए कांसुलर एक्सेस का अनुरोध किया था, जो कि पाकिस्तान से किया गया 16वां आवेदन था. जब इस्लामाबाद जवाब देने में विफल रहा, तब भारत ने मई 2017 में यह मामला आईसीजे में दर्ज किया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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