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Friday, 22 November, 2024
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कोविड-19 की वजह से उत्तर प्रदेश में 30 जून तक नहीं होगा कोई सार्वजनिक आयोजन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के कुल 1621 मामले हैं जिनमें से 247 लोग ठीक हो गए हैं और 25 की मौत हो गई है.

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नई दिल्ली: अगले महीने यानी मई की तीसरी तारीख़ तक चलने वाले देशव्यापी लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फ़ैसला लिया है. राज्य सरकार ने आदेश दिए हैं कि सूबे में 30 जून तक कोई सार्वजनिक आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोरोना महमारी की वजह से वो 30 जून तक किसी तरह के ऐसा आयोजन की अनुमति मत दें जिसमें काफ़ी भीड़ इकट्ठा हो जाए. ऐसे में राज्य में इस तारीख़ तक सामूहिक आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा.

सीएम ऑफ़िस से किए गए एक ट्वीट में लिखा गया, ‘मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि 20 जून तक वो सार्वजनिक आयोजनों की अनुमित मत दें. स्थिति को ध्यान मेें रखते हुए आगे का फ़ैसला लिया जाएगा.’ मुख्यमत्री ने राज्य में कोविड- 19 की स्थिति संभालने के लिए बनाई गई 11 समितियों के अध्यक्षों संग बैठक की.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के कुल 1621 मामले हैं जिनमें से 247 लोग ठीक हो गए हैं और 25 की मौत हो गई है.

हरियाणा से यूपी के 2224 मजदूरों को वापस लाया गया

देश के दूसरे प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने का काम शनिवार से शुरू हो गया और पहले चरण में 2224 श्रमिकों, कामगारों और मजदूरों को 82 बसों की मदद से लाया गया है. रविवार को यानी आज कुल 11,000 लोगों को वापस लाया जाना है.

अपर मुख्य सचिव गृह और सूचना ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य राज्यों में 14 दिन का पृथक—वास पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों और मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाए जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिये थे.

उन्होंने बताया कि इसी को अमल में लाते हुये शनिवार को हरियाणा राज्य से 2224 मजदूरों को 82 बसों से वापस प्रदेश लाया गया. ये मजदूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के है.

उन्होंने कहा कि रविवार तक दूसरे प्रदेशों में रह रहे 11 हजार मजदूर वापस आ जायेंगे और इन श्रमिकों को वापस लाने का कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा. इन मजदूरों को 14 दिन तक क्वारेंटीन में रखा जायेगा. इसके लिये बड़ी संख्या में शेल्टर होम तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये है जहां भोजन एवं शौचालय की सुचारू व्यवस्था की जाएगी.

दूसरे प्रदेशों से वापस लायें गये मजदूरों का क्वारेंटीन समय समाप्त होने के बाद उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिये भी तैयारी करने के निर्देश दिये गये हैं. ताकि इन्हे अपने गांव या उसके आसपास ही रोजगार मिल सके.

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