देहरादून: छत्तीसगढ़ पुलिस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल द्वारा ब्राह्मण समाज के खिलाफ लखनऊ में दिए बयान के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है.
नंदकुमार बघेल के खिलाफ राजधानी रायपुर में डीडी नगर थाने में ब्राह्मण समाज की ओर से केस दर्ज कराया गया है. मामला आईपीसी की धारा153 (क)-विभिन्न समूहों और जातियों के बीच सद्भाव और सार्वजनिक शांति का भंग होना और 505 वर्गों के बीच घृणा, शत्रुता और वैमनस्य पैदा करना-के तहत दर्ज किया गया है.
नंदकुमार बघेल के खिलाफ ब्राह्मण समाज के लोगों ने शनिवार को रायगढ़ जिले में धरना दिया था जिसके बाद स्थानीय पुलिस द्वारा उनका मांगपत्र लेकर मामले में उचित कार्यवाई करने का आश्वासन दिया था.
रायगढ़ पुलिस के आश्वासन के बाद रायपुर में देर रात उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
मामला ‘सर्व ब्राम्हण समाज’ के सदस्यों की शिकायत पर दर्ज किया गया है. समाज के सदस्यों का आरोप था कि नंदकुमार बघेल समाज के खिलाफ लगातार आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं जिससे समाज में आपसी सद्भाव बिगड़ने और वैमनस्यता बढ़ने का खतरा है.
गौरतलब है बीते दिनों लखनऊ में ब्राह्मण समाज के खिलाफ टिप्पणी करते हुए नंदकुमार बघेल का एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में बघेल ने ब्राह्मणों को विदेशी बताया था और उन्हें देश से बाहर निकालने की बात कही थी.
बघेल ने कहा था, ‘अब वोट हमारा राज तुम्हारा नही चलेगा. हम आंदोलन करेंगे. ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा भेजेंगे क्योंकि वे विदेशी हैं.’
नंदकुमार बघेल का सामाजिक तानाबाना के खिलाफ टीका-टिप्पणी का अपना ही इतिहास रहा है.
सामाजिक ताना-बाना और बघेल का इतिहास
नंदकुमार बघेल का ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ यह कोई पहला बयान नहीं है. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2001 में उन्होंने ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो नामक पुस्तक लिखी थी जिसपर काफी विवाद भी हुआ था.
विवाद के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किताब को प्रतिबंधित कर दिया था. किताब पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ नंदकुमार बघेल ने सरकार के आदेश को हाई कोर्ट में चैलेंज भी किया था.
करीब 17 साल की न्यायिक लड़ाई के बाद छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने किताब पर प्रतिबंध को सही ठहराया और बघेल की याचिका को 2017 में खारिज कर दिया.
यही नहीं बघेल ने भगवान राम के खिलाफ भी टिप्पणी की है और दशहरा के दिन रावण वध और लंका दहन का कई बार विरोध किया है.
बघेल ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व को ठाकुर, ब्राह्मण, बनिया समाज के प्रत्याशियों को मात्र 12 टिकट देने की सलाह के साथ एक पत्र भी लिखा था. उन्होंने राजस्थानी ब्राह्मणों को पार्टी द्वारा टिकट नहीं देने को भी कहा था.
उनके इस रवैये के खिलाफ भूपेश बघेल, तत्कालीन पी सी की अध्यक्ष, को एक विशेष सर्कुलर जारी बताना पड़ा था कि नंद कुमार कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य नही हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए जारी इस पत्र में भूपेश बघेल ने साफ किया था कि नंद कुमार बघेल को पार्टी की कोई भी गतिविधि संचालित करने का कोई अधिकार नहीं है.
क्या कहा मुख्यमंत्री ने
पिता के खिलाफ सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा की गई शिकायत की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके बयान पर दुःख जताते हुए कहा, ‘एक पुत्र के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी किसी भी ऐसी गलती को माफ नहीं किया जा सकता जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली हो.
उन्होंने कहा, ‘मीडिया में कहा जा रहा है कि नंदकुमार बघेल पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं होगी क्योंकि वे मुख्यमंत्री के पिता हैं. हमारी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है फिर चाहे वो मुख्यमंत्री के 86 वर्षीय पिता ही क्यों न हों.’
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