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Friday, 8 November, 2024
होमदेश‘किसान संसद’ में सरकार के खिलाफ पारित हुआ 'अविश्वास' प्रस्ताव, समर्थन में पहुंचे राहुल गांधी समेत नेता

‘किसान संसद’ में सरकार के खिलाफ पारित हुआ ‘अविश्वास’ प्रस्ताव, समर्थन में पहुंचे राहुल गांधी समेत नेता

कृषि कानूनों के विरोध में 200 किसान प्रतिदिन संसद के पास जंतर मंतर में एकत्र होते हैं और किसानों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करते है. संसद में इस समय मानसूत्र सत्र चल रहा है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की ओर से आयोजित ‘किसान संसद’ में शुक्रवार को विपक्षी दलों के नेता भी पहुंचे. इनमें राहुल गांधी भी थे. सभी ने वहां बैठकर किसानों की बात सुनी. इस दौरान तीन विवादास्पद कानूनों को निरस्त नहीं करने को लेकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने यह जानकारी दी.

राहुल गांधी ने इस दौरा किसानों के समर्थन में एक ट्वीट किया. वह जाने माने दलित चिंतक और लेखक ओम प्रकाश वाल्मीकि की एक कविता साझा की.

उनके साथ अन्य वाइपक्षी दल के नेता मौजूद थे.

एसकेएम ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किसानों की मदद करने में सरकार की ‘विफलता’, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और हाल में पेगासस जासूसी विवाद उन मुद्दों में शामिल थे, जिन पर ‘किसान संसद’ के दौरान शुक्रवार को चर्चा की गई.

कृषि कानूनों के विरोध में 200 किसान प्रतिदिन संसद के पास जंतर मंतर में एकत्र होते हैं और किसानों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करते है. संसद में इस समय मानसूत्र सत्र चल रहा है.

एसकेएम ने कहा, ‘सरकार के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. यह प्रस्ताव इस तथ्य पर आधारित था कि देश भर में लाखों किसानों के शांतिपूर्ण विरोध के बावजूद उनकी मांगों को पूरा नहीं किया किया जा रहा है और सरकार किसान विरोधी कदम उठा रही है.’

राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने ‘किसान संसद’ पहुंचकर समर्थन जताया, तोमर ने ‘मीडिया इवेंट’ बताया

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार को दोपहर में यहां जंतर-मंतर पहुंच कर तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता प्रकट की तथा इन कानूनों को निरस्त करने की मांग की.

दूसरी तरफ, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष के इस कदम ‘मीडिया इवेंट (मीडिया को ध्यान में रखकर किया गया आयोजन)’ करार देते हुए कहा कि अगर विपक्षी दल किसानों के मुद्दों को लेकर ईमानदार होते तो संसद में चर्चा करते. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार है.

किसान संगठनों द्वारा आयोजित ‘किसान संसद’ में भाग लेने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने किसानों के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया है और तीनों नये कृषि कानूनों को निरस्त करने पर जोर दिया है.

राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता एक बस में सवार होकर जंतर-मंतर पहुंचे जहां किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सांकेतिक ‘किसान संसद’ का आयोजन किए हुए हैं. किसान संगठनों की मांग तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की है.

किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचने वाले नेताओं में राहुल गांधी, राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, द्रमुक नेता तिरुची शिवा, शिवसेना के संजय राउत, राजद के मनोज झा, भाकपा के विनय विश्वम, , माकपा ई. करीम, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन और अन्य विपक्षी नेता शामिल थे.

राहुल गांधी के साथ तृणमूल कांग्रेस का कोई सदस्य जंतर-मंतर नहीं पहुंचा, जबकि पिछले दिनों कांग्रेस नेता के बुलाने पर तृणमूल कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी और सौगत रॉय नाश्ते पर पहुंचे थे.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस की तरफ से बताया गया कि उनके नेता पहले ही जंतर-मंतर पहुंचकर किसानों से मुलाकात कर चुके हैं और इसी कारण आज वे नहीं पहुंचे.

दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि अगर खड़गे की अगुवाई में विपक्षी नेता जंतर-मंतर जाते तो उनकी पार्टी पहुंचती, लेकिन वो राहुल गांधी की अगुवाई में वहां नहीं जा सकती.

राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता जंतर-मंतर पहुंचकर कुछ देर तक किसानों के बीच बैठे और किसान नेताओं का भाषण सुना.

‘किसान संसद’ में शामिल होने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विपक्ष की पार्टियां यहां हिंदुस्तान के किसानों का समर्थन करने के लिए आई थीं. ये तीन कानून खत्म होने चाहिए. हम अपने पूरा समर्थन दिया है.’’

उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार सदन में विपक्ष को नहीं सुनना चाह रही और पेगासस के मामले पर चर्चा नहीं करा रही है.

उधर, विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए तोमर ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रतिपक्ष का जंतर-मंतर जाना सिर्फ मीडिया इवेंट है. अगर उनके मन में किसानों के लिए जरा सा स्थान होता, ईमानदारी होती तो वह उनके विषय को सदन में उठाते और अगर समाधान नहीं निकलता तो संघर्ष करते.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है और विपक्ष चर्चा से भाग रहा है, तो यह पूरा देश देख रहा है. अगर आप (मीडिया) ये दिखाना बंद करे तो यह बंद हो जाएगा.’

इससे पहले, खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक कर विपक्षी सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि वे किसानों का समर्थन करने के लिए ‘जंतर-मंतर’ पहुंचेंगे.

सूत्रों के अनुसार, विपक्षी नेताओं की बैठक में यह भी तय किया गया कि पेगासस जासूसी मामला और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को आगे भी घेरा जाएगा.

पेगासस, कृषि कानूनों और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर, संसद के मॉनसून सत्र में शुरू से ही दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से यह सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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