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Sunday, 19 May, 2024
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चरमरा गई है यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था, एंबुलेंस नहीं ठेले पर लाए जा रहे हैं मरीज़

स्वास्थ्य की चरमराई व्यवस्था के बीच बिहार में एकतरफ एक्यूट इंसेफलाइटिस से मरने वाले बच्चों का सिलसिला थम नहीं रहा है वहीं दूसरी तरफ पंजाब और उत्तर प्रदेश के अस्पतालों का हाल बेहाल है.

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लखनऊ: केंद्र सरकार भले ही आयुष्मान योजना के तहत देश के आखिरी आदमी तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हो लेकिन बिहार से यूपी तक स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. स्वास्थ्य की चरमराई व्यवस्था के बीच बिहार में एकतरफ एक्यूट इंसेफलाइटिस से मरने वाले बच्चों का सिलसिला थम नहीं रहा है वहीं दूसरी तरफ पंजाब और उत्तर प्रदेश के अस्पतालों का हाल बेहाल है.

एक तरफ तो राज्य सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का दावा किया जा रहा है तो दूसरी तरफ ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जो यूपी की चिकित्सा व्यवस्था पर तमाम सवाल खड़ा करती हैं. शुक्रवार शाम शामली जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में दिव्यांग मरीज को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया. दरअसल फोन करने के काफी देर बाद तक एंबुलेंस नहीं पहुंची तो परिजन मरीज को ठेले से अस्पताल लेकर पहुंचे और इसके बाद डॉक्टरों का व्यवहार भी हैरान करने वाला था.

दरअसल शामली के मोहल्ला पंसारियान की रहने वाली अंजू की कमर में जख्म हो गया. दिव्यांग होने के चलते परिजनों ने अस्पताल तक लाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन किया लेकिन, ढाई घंटे तक इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद परिजनों ने एक ठेले को बुक किया और इसमें महिला को लेकर सीएचसी पहुंचे. वहां पहुंचकर भी उसका इलाज सही समय से शुरू नहीं हो पाया.

अंजू के साथ आए परिजनों का आरोप है कि किसी डॉक्टर ने शुरुआत में नहीं देखा . कुछ देर बाद इमरजेंसी के बाहर एक डॉक्टर मिले तो उनसे गुहार लगाई. उन्होंने पर्ची पर दवा लिख दी, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद भी जख्म पर पट्टी नहीं की और रेफर कर दिया. हालात तब हैं, जब कुछ ही देर पहले शामली विधायक तेजेंद्र निर्वाल और सीएमओ डॉ. संजय भटनागर पल्स पोलियो रैली का शुभारंभ कर लौटे थे

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इस मामले में शामली के मुख्य चिकित्साधिकारी संजय भटनागर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये मामला संज्ञान में आया था. इसकी पड़ताल भी की गई। 108 एंबुलेंस के पास ऐसी कोई कॉल न आने की बात सामने आई है. अब ऐसे में परिजन मरीज को कैसे भी अस्पताल ला सकते हैं. अस्पताल में महिला का उपचार हुआ है और रेफर किया गया.

बुलंदशहर में भी सामने आया था ऐसा मामला

कुछ दिन पहले बुलंदशहर जिले में भी इसी तरह का मामला सामने आया था. बुलंदशहर के खुर्जा स्थित सूरजमल जटिया सीएचसी में मरीज को ठेले से पहुंचाया गया था. खुर्जा नगर के मदार दरवाजा निवासी रामश्री की पत्नी दौलत सैनी के सिर में चोट लग गई थी. फिर एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन काफी देर तक भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो उन्होंने मरीज को ठेले पर लिटाकर ही बिना देर किए अस्पताल ले जाना उचित समझा.

महिला के परिजनों का आरोप था कि अस्पताल में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हाेती है और न ही ठीक ढंग से इलाज मिलता है लेकिन इस अस्पताल में उपचार कराना उनकी मजबूरी थी.

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