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Saturday, 21 December, 2024
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‘हम तो बापू की राह पर चल रहे हैं,’ बिहार में जहरीली शराब पर हुई मौत पर बोले CM-कोई मुआवजा नहीं

बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 55 हो गई है.

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नई दिल्ली: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 55 हो गई है. वहीं पिछले तीन दिनों से बिहार विधानसभा में शराब कांड को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है. शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से हुई मौत पर मुआवजा नहीं दिया जाएगा.

वहीं भारतीय जनता पार्टी का जहरीली शराब को लेकर राजभवन में विरोध मार्च निकाला.


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जो पीएगा वो मरेगा

विपक्षी जहां नीतीश कुमार से जहरीली शराब के कारण मचे मौत के तांडव पर इस्तीफा मांगा है. वहीं तीसरे दिन भी विधानसभा हंगामें की भेंट चढ़ा. सीएम ने आज फिर दोहराया कि ‘जो भी पीएगा वो मरेगा.’

सदन में बयान देते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘शराब पीकर मृत्यु पर हम उसे सहायता राशि देंगे? ये सवाल ही नहीं पैदा होता… इसलिए यह बातें सही नहीं है. जब हम संसद का चुनाव लड़ते थे तब पार्टियां हमारे साथ नहीं थी फिर भी CPI-CPM के लोग हमारा साथ देते थे.’

सीएम ने कहा कि बिहार में शराब के सेवन पर रोक है लोगों को समझाने की जरूरत है.

नीतीश ने कहा कि जो गड़बड़ कर रहा, उसे पकड़िए. उसे अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करिए. हम तो बापू और बिहार की महिलाओं की इच्छा से शराबबंदी लागू किए हैं.

नीतीश कुमार ने विपक्ष को ही घेरते हुए कहा कि विपक्ष में बैठे जो लोग बिहार में इन मौतों पर पूछ रहे, उनसे पूछिए कि जहां-जहां आपका शासन है, वहां कितने लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश इसमें अव्वल है.

सीएम ने कहा कि बिहार में सबकी सहमति से शराबबंदी लागू हुआ है. आप भी शराब के खिलाफ अभियान चलाइए. उन्होंने याद दिलाया कि कैसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार में हुई शराब बंदी का समर्थन किया था और इसकी प्रशंसा की थी.

बता दें कि बिहार विधानसभा में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के नेता हाथ में कुर्सी उठाते हुए देखे गए.

सारण में बढ़ा मौत का आंकड़ा

सारण के जिलाधिकारी (डीएम) राजेश मीणा ने बताया ‘जिले में संदिग्ध जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 (गुरुवार रात तक) हो गई है.’

जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उन्होंने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, ‘हमने पिछले 48 घंटे में समूचे जिले में छापेमारी तेज कर दी है और जहरीली शराब बेचने वाले 126 लोगों को गिरफ्तार किया है. 4,000 लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की गई है.’

पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में हालिया जहरीली शराब मामले में सीधे तौर पर जुड़े लोग शामिल हैं.

उन्होंने कहा,‘मामले की अभी जांच हो रही है और इस स्तर पर बहुत कुछ खुलासा करने से जांच में बाधा आ सकती है’.

जिलाधिकारी ने कहा था, ‘मामले में त्वरित जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और तीन पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) की अगुवाई में 31 पुलिस अधिकारियों का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है.

डीएम और एसपी ने लोगों से अपील की कि अगर उनके पास कोई भी जानकारी है तो वे बिना किसी डर के सामने आएं. अप्रैल, 2016 में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था.

इस बीच विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की कुल संख्या को छिपा रही है.

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘बिहार में शराबबंदी के बावजूद पुलिस अधिकारियों और राज्य प्रशासन के संरक्षण में जहरीली शराब की बिक्री खूब फल-फूल रही है. वे आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.’

सिन्हा ने कहा, ‘सारण की घटना राज्य सरकार द्वारा एक सामूहिक हत्या है और इसके लिए राज्य प्रशासन जिम्मेदार है. हमने (भाजपा विधायकों ने) गुरुवार को सारण में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, मरने वालों की संख्या जिला प्रशासन द्वारा दिए गए आंकड़े से बहुत अधिक है. हम शुक्रवार को फिर से इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे.’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को हिदायत दी थी कि अगर लोग जहरीली शराब का सेवन करेंगे तो वे मौत को गले लगाएंगे.

मुख्यमंत्री की तीखी टिप्पणी तब आई जब शराबबंदी की उनकी नीति पर राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने उनके पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर सहित कई लोगों ने उन्हें निशाना बनाया और शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग की.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बरसते हुए कहा कि शराबबंदी ‘मेरी व्यक्तिगत इच्छा नहीं बल्कि राज्य की महिलाओं के विलाप का जवाब है, और जो पिएगा वो मरेगा.’

कुमार जब शराबबंदी लेकर आए तो कई महिला समूहों से इसकी प्रशंसा की थी, जिन्होंने महसूस किया कि यह उनके घर के पुरुषों को ‘शराब के अभिशाप से और घरों को आर्थिक बर्बादी से बचाएगी.’


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