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Sunday, 3 November, 2024
होमदेश‘भविष्य की तकनीक’, बोले गडकरी- कृषि हो या डिफेंस, ड्रोन से चीजें हुई आसान, सड़कों की होगी निगरानी

‘भविष्य की तकनीक’, बोले गडकरी- कृषि हो या डिफेंस, ड्रोन से चीजें हुई आसान, सड़कों की होगी निगरानी

स्काई एयर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ड्रोन भविष्य की तकनीक है. सरकार राजमार्ग और सड़कों से जुड़ी सभी चीजों की निगरानी ड्रोन के माध्यम से करवाएगी.

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नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ड्रोन भविष्य की सबसे बड़ी तकनीक है और इसकी क्षमता कल्पना से परे है. बुनियादी ढांचा, सर्वेक्षण, रियल एस्टेट और परिवहन से लेकर सभी क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है. भविष्य में और भी कई बड़े कार्य ड्रोन के माध्यम से होंगे.

उन्होंने कहा, ‘कृषि और रक्षा के क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल से कई चीजें आसान हो जाएगी. आज कई जगह कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किया जा रहा है.’

केंद्रीय मंत्री स्काई यूटीएम के लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. 

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब सरकार राजमार्गों और सड़कों की निगरानी ड्रोन से करवाएगी. इसके लिए हम योजना बना रहे हैं. जल्द ही इसका कॉन्ट्रैक्ट निकाला जाएगा. इसकी जिम्मेदारी नए स्टार्टअप्स को दी जाएगी.

नितिन गडकरी ने कहा, ‘हम इसपर गंभीरता से काम कर रहे है. हम सड़क निर्माण, उसके रखरखाव, सड़क दुर्घटना और राजमार्ग से जुड़ी अन्य चीजों की निगरानी ड्रोन के माध्यम से करवाएंगे. यह सरकार खुद नहीं करेगी, इसकी जिम्मेदारी नए स्टार्टअप्स को दी जाएगी. हम उन्हें कांट्रेक्ट देंगे और उनसे समय समय पर सारा डाटा इकट्ठा करेंगे.’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरह हम सॉफ्टवेयर तकनीक में दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं उसी तरह हमें ड्रोन तकनीक को भी आगे बढ़ाना है.

स्काई यूटीएम लॉन्च, कंपनी का दावा सबसे अत्याधुनिक

केंद्रीय मंत्री के संबोधन के बाद स्काई एयर के सीईओ अंकित कुमार ने कहा, ‘स्काई यूटीएम, मानवरहित (अनमैन्ड) एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम- जो कि प्रति घंटे 4,000 उड़ानें और प्रति दिन 96,000 उड़ानें संभालने में सक्षम है. इस सॉफ्टवेयर में यूटीएम टनल सहित कई नए और इनोवेटिव ऑटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल फीचर्स दिए गए हैं.

एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की जरूरतों और इसकी यूएसपी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘एटी कंट्रोलर्स के साथ बातचीत करने वाले पायलटों को किसी भी परिस्थिति में प्रतिक्रिया करने में कुछ समय लगता है, जिससे पारंपरिक विमानन और ट्रैफिक प्रबंधन में त्रुटि की संभावना बढ़ जाती है. यूटीएम इस संबंध में एक गेम चेंजर है, क्योंकि ड्रोन के साथ डिजिटल रूप से कम्युनिकेशन करने और हवाई क्षेत्र में ट्रैफिक को जोड़ने से, कम्युनिकेशन एक सेकंड से भी कम समय में हो जाता है और फुलप्रूफ यानि पूरी तरह से सुरक्षित रहता है. इसके अलावा, स्काई यूटीएम की सबसे बड़ी यूएसपी यह है कि यह पूरी तरह से डिजिटल अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है जो आकाश में उड़ने वाले सभी ड्रोनों के साथ सीधे कम्युनिकेशन करता है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह भारत का अपनी तरह का पहला और एकमात्र ड्रोन एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है जोकि एक क्लाउड-बेस्ड एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है. यह मानवयुक्त (मैन्ड) एविशन एयरस्पेस के साथ अनमैन्ड एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को जोड़ता है. स्काई यूटीएम को एयरस्पेस में सभी ड्रोन और अन्य एरियल मोबिलिटी ऑपरेटरों को ऑटोनमस नेविगेशन, रिस्क एसेसमेंट, कनेक्टिविटी और ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रदान करने के लिए बनाया गया है.’

कंपनी का दावा है कि स्काई यूटीएम में स्काई टनल नामक एक नया अनूठा फीचर भी है, जिसे अभी तक दुनिया में किसी और ने पूरा नहीं किया है. स्काई टनल, दो स्थानों के बीच एक एयर कोरिडोर और एक इनविजिबल कनेक्ट (अदृश्य संबंध) स्थापित करती है. इस फ्लाइट प्लान को लागू करने के लिए फिजिकल उपकरणों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कोई ब्लैंक स्पॉट्स नहीं हैं और टनल पूरी तरह से जुड़ा हुआ है. ड्रोन और आने वाली फ्लाइंग टैक्सियां, जो एक साल में उपलब्ध होंगी, इसके दायरे में आ जाएंगी.

स्काई यूटीएम ने अब तक 300 से अधिक सफल बीवीएलओएस ड्रोन फ्लाइट्स को सपोर्ट किया है. प्लेटफ़ॉर्म यूएवी मूवमेंट के 255 से अधिक पैरामीटर्स को कैप्चर करता है और उन्हें अपने ‘ब्लैकबॉक्स’ में स्टोर करता है, जो संपूर्ण उड़ान का एक व्यवस्थित विवरण दे सकता है.


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क्या होता है UTM

यूटीएम (Unmanned traffic management) एक क्लाउड-आधारित ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली है जो ड्रोन से लेकर हवाई टैक्सियों से जुड़ती है और कम्युनिकेट करती है. प्लेटफॉर्म का मुख्य कम्पोनेंट एक रीयल-टाइम, अल्ट्रा-फास्ट सिस्टम है जो सुनिश्चित करता है कि यूजर्स इस बात से अवगत हैं कि प्रत्येक ड्रोन हवा में कैसे उड़ रहा है और हवाई क्षेत्र की सुरक्षा को संरक्षित करते हुए अगले 20 सेकंड के लिए अपने कोर्स की भविष्यवाणी कर सकता है.

ये टेक्नोलॉजी 255 से अधिक विभिन्न ड्रोन मूवमेंट मेट्रिक्स को रिकॉर्ड करती है, उन्हें ‘ब्लैकबॉक्स’ में स्टोर करती रहती है और फिर पूरी उड़ान का विस्तृत जानकारी देती है.

एयर ट्रैफिक के बारे में जानकारी देते हुए कंपनी के सीईओ अंकित कुमार ने कहा कि ‘25,368 विमानों के एक्टिव कमर्शियल फ्लीट के साथ मॉडर्न एविएशन इंडस्ट्री 70 साल पुराना है. जबकि अनमैन्ड एविएशन इंडस्ट्री लगभग दस वर्षों से अस्तित्व में है और इसमें दस लाख से अधिक एक्टिव यूएवी हैं. इसके अलावा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर की उच्चतम क्षमता प्रति घंटे 120 उड़ानें और प्रति दिन 1200 उड़ानें हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इन खतरनाक आंकड़ों को देखते हुए, हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों में अधिक से अधिक ड्रोन आसमान में ले जाने से आकाश में कितनी अधिक भीड़ हो जाएगी. यूटीएम इसलिए इन सभी ड्रोनों में ट्रैफिक मैनेजमेंट और सामान्य भ्रम या अराजकता को रोकने के लिए आवश्यक है. स्काई यूटीएम की उच्चतम क्षमता प्रति घंटे 4,000 उड़ानें और प्रति दिन 96,000 उड़ानें हैं. ये आंकड़ें बहुत अच्छी तरह से नए सॉफ्टवेयर की आवश्यकता और इसके फायदों का संकेत देती हैं.’

ड्रोन के क्षेत्र में बढ़ रही है रुचि

भारत में ड्रोन को लेकर लोगों के बीच रुचि बढ़ रही है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2026 तक भारत का ड्रोन बाजार 15000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. साथ ही एक अनुमान के मुताबिक 2027 तक भारत में पांच लाख ड्रोन पायलट की जरूरत होगी. भारत 2030 तक अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ड्रोन बाजार बन सकता है. 2022 में वैश्विक ड्रोन उद्योग करीब 30 अरब  डॉलर का हो गया. इसमें 2.2 अरब डॉलर के साथ भारत की हिस्सेदारी करीब सात फीसदी है. ड्रोन बाजार में वृद्धि होने के कारण इस क्षेत्र में ड्रोन स्टार्ट-अप्स की संख्या भी बढ़ेगी, जिसके परिणामस्वरूप उनका उत्पादन भी बढ़ेगा.


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