नई दिल्ली: धोखाधड़ी और मनीलॉन्ड्रिंग का आरोपी नीरव मोदी को वीरवार को प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई में तब एक बड़ा झटका लगा जब लंदन स्थित हाई कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ उसे ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया.
नीरव मोदी धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत में वांछित है.
नीरव पंजाब नेशनल बैंक से कर्ज घोटाला करने और करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी का आरोपी है.
लंदन में ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि ‘अपीलकर्ता (नीरव मोदी) की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के अनुरोध वाली अर्जी खारिज की जाती है.’
पिछले महीने, 51 वर्ष का हीरा कारोबारी नीरव की मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर दायर की गई अपील खारिज कर दी गई थी.
अदालत ने मनोरोग विशेषज्ञों के बयान के आधार पर कहा था कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि नीरव की मानसिक स्थिति ख़राब है और उसके खुदकुशी करने का जोखिम इतना ज्यादा है कि उसे पंजाब नेशनल बैंक के दो अरब डालर ऋण घोटाला मामले में भारत प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण और दमनकारी कदम साबित होगा.
मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने ईडी को भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी की 39 संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दी थी.
कोर्ट ने नीरव मोदी और उनकी कंपनियों द्वारा गिरवी रखी गई या गिरवी रखी गई 9 संपत्तियों की मांग करने वाले पीएनबी के आवेदन को भी स्वीकार कर लिया था.
A special PMLA court in Mumbai allows ED to confiscate 39 properties of fugitive economic offender Nirav Modi. Court also allows PNB's application seeking 9 properties either mortgaged or hypothecated by Nirav Modi and his companies.
(File photo) pic.twitter.com/VnBYWDp4rq
— ANI (@ANI) October 20, 2022
नीरव मोदी मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है.
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