नई दिल्ली: निकिता तोमर हत्या मामले में फरीदाबाद की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शुक्रवार को दोनों आरोपियों तौशीफ और रेहान को उम्रकैद की सजा सुनाई है. फैसले के मद्देनजर सुबह से ही कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी. बुधवार को ही दोनों आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहरा दिया था और फैसला सुरक्षित रख लिया था.
निकिता को पांच महीने पहले उसके कॉलेज के बाहर गोली मार दी गई थी और यह घटना कैमरे में कैद हो गई थी. आरोपियों के देषी ठहराए जाने के बाद निकिता के परिवार वाले लगातार फांसी की मांग कर रहे थे.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की फास्ट ट्रैक अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने दोनों दोषियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें नीमका जेल भेज दिया. दोनों को निकिता की हत्या व हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था.
अभियोजक पक्ष के वकील एदल सिंह रावत ने बताया कि तौसीफ और रेहान को हत्या, साजिश रचने व विवाह के लिए अपहरण की कोशिश करने का दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
2020 Nikita Tomar murder case: Faridabad Court sentences convicts Tausif and Rehan to life imprisonment.
— ANI (@ANI) March 26, 2021
उन्होंने कहा कि तौसीफ को अवैध हथियार रखने का भी दोषी ठहराया गया है.
रावत ने कहा कि इन धाराओं के तहत अधिकतम फांसी की सजा का प्रवधान है और वह इसके लिए अपील करेंगे.
अदालत ने इस बेहद चर्चित मामले का पांच महीने के अंदर निपटारा किया है. मामले में अभियोजन पक्ष ने फॉरेंसिक एवं अन्य सबूतों के साथ 57 गवाहों को भी पेश किया.
पुलिस ने बताया था कि तौसीफ, निकिता तोमर से विवाह करना चाहता था और उसने 26 अक्टूबर को फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.
गृह मंत्री अनिल विज ने इस मामले को ‘लव जिहाद’ से जोड़ा था और राज्य विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कहा था कि सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए विधेयक लाने की योजना बना रही है.
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ऐदल सिंह ने बताया कि इस मामले में कुल 57 गवाहों की गवाही हुई है.
इस मामले को 26 मार्च को पांच माह हो जाएंगे. हत्या के 11 दिन बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया था.
निकिता तोमर के पिता मूलचंद तोमर ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की.
उन्होंने कहा, ‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.’
धर्म परिवर्तन करा-शादी करना चाहता था आरोपी
उन्होंने आरोप लगाया कि दोषी उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन कराकर शादी करना चाहते थे, लेकिन वह नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी गई.
मृतक के पिता ने कहा, ‘हरियाणा में लव जिहाद पर कानून नहीं बना, इसलिए मैं सरकार से निराश हूं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वादा किया था कि वह कानून बना रहे हैं, लेकिन अभी तक कानून नहीं बनाया गया.’
तौसीफ और रेहान को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 366 (एक महिला का अपहरण कर उसे शादी के लिए मजबूर करना) और 120-बी / 34 (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया. तौसीफ को हथियार कानून के तहत भी दोषी पाया गया है.
गौरतलब है कि गत वर्ष 26 अक्टूबर को बीकाम अंतिम वर्ष की छात्रा निकिता तोमर जब परीक्षा देकर कॉलेज से बाहर निकली थी तभी तौसीफ और रेहान ने उसे जबरन कार में बैठाने की कोशिश की और असफल होने पर तौसीफ ने तमंचे से गोली मारकर निकिता की हत्या कर दी थी.
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