नई दिल्ली: पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की मौत के करीब डेढ़ साल बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर का नाम शामिल किया है जिसमें ‘पाकिस्तान की शह पर हमला करने’ का जिक्र किया गया है.
एनआई के सूत्र ने इसकी पुष्टि की है और कहा कि मंगलवार दोपहर को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट जम्मू की अदालत में दायर की गई है.
आरोप पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक- अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रो-ग्लिसरीन और आरडीएक्स- चार महीने की अवधि में पाकिस्तान से आए थे, सूत्र ने कहा कि एनआईए ने एक ‘वॉटरटाइट चार्जशीट’ तैयार की है जो तकनीकी और फोरेंसिक साक्ष्य पर आधारित है और ये हमले में पाकिस्तान की भूमिका को साबित करता है.
सूत्र ने कहा, ‘एक व्यापक जांच के तहत हमने इस हमले में जैश और पाकिस्तान की भूमिका को स्थापित किया है.’
अज़हर और असगर के अलावा, आरोप पत्र में सात कथित जैश संचालकों के नाम हैं- शाकिर बशीर मगरे, मोहम्मद अब्बास राथर, मोहम्मद इक़बाल राथर, वाज-उल-इस्लाम, इंशा जान, तारिक अहमद शाह और बिलाल अहमद कुचे- पिछले एक साल में इन लोगों को हमलावरों को सहायता देने के लिए कश्मीर से गिरफ्तार किया गया है.
आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार, प्रमुख जेईएम ऑपरेटिव मुदासिर अहमद खान, कारी मुफ्ती यासीर, कामरान और सज्जाद अहमद भट के नाम भी इसमें शामिल हैं लेकिन अभियुक्त के रूप में नहीं क्योंकि पिछले साल सुरक्षा बलों के साथ घाटी में हुए मुठभेड़ों में इनको मार गिराया गया था.
पुलवामा जिले में जम्मू और कश्मीर राजमार्ग पर एक काफिले में यात्रा कर रहे चालीस सीआरपीएफ कर्मियों की 14 फरवरी को उस समय हत्या कर दी गई जब एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी एक कार को सीआरपीएफ की बस में दोपहर करीब 3.15 बजे अवंतीपोरा के गोरिपुरा इलाके में घुसा दिया. ब्लास्ट ने बस को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया.
प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले के बाद इसकी जिम्मेदारी ली यहां तक कि कथित हमलावर का वीडियो भी जारी किया.
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‘अमावस्या के दौरान लाया गया विस्फोटक’
एनआईए के सूत्र ने दावा किया कि आरडीएक्स सहित विस्फोटक अमावस की रात के समय चार महीने की अवधि में पाकिस्तान से घाटी में लाया गया था.
सूत्र ने कहा, ‘जब चांद नहीं निकलता उस दौरान इन विस्फोटकों को सीमा क्षेत्र से लाया गया था. यह एक ऐसी रणनीति है जो घुसपैठियों द्वारा उपयोग की जाती है जिसमें वे अंधेरी रातों की प्रतीक्षा करते हैं.’
सूत्र ने कहा, ‘जांच से पता चला है कि विस्फोटक को बारी-बारी से लाया गया था और फिर इसे स्टॉक किया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि वे चार से पांच महीनों के भीतर कई बैचों में विस्फोटक लेकर आए थे.’
पुलवामा हमले के ठीक 12 दिन बाद 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना के पांच मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा क्षेत्र के बालाकोट में जेईएम आतंकी शिविर पर स्पाइस 2000 के सटीक-निर्देशित बंकर बम गिराए. भारत ने दावा किया था कि उसने जेईएम के प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया और बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मार गिराया.
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