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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशअपराधकेरल में ट्रेन में आगजनी का मामला : 'एक शख्स का प्लान नहीं', NIA की दिल्ली के शाहीन बाग में छापेमारी

केरल में ट्रेन में आगजनी का मामला : ‘एक शख्स का प्लान नहीं’, NIA की दिल्ली के शाहीन बाग में छापेमारी

अधिकारियों के मुताबिक, इस अपराध के पीछे एक पूर्व नियोजित साजिश थी और यह एक व्यक्ति का मिशन नहीं था जैसा कि अभियुक्त ने कबूल किया है.

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नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को इस साल 2 अप्रैल को केरल के एलाथुर में ट्रेन आगजनी मामले में दिल्ली के शाहीन बाग में सर्च अभियान चलाया.

एजेंसी के जांचकर्ताओं ने आज सुबह से तलाशी करनी शुरू की और संदिग्धों के ठिकानों पर अभी भी छापेमारी चल रही है. एनआईए ने मामले को लगभग एक महीने पहले आतंकवाद-रोधी एजेंसी से अपने हाथ में ले लिया था और इसने गिरफ्तार ‘अति कट्टरपंथी’ आरोपी शाहरुख सैफी पर लगे आरोप के साथ जांच कर रही है.

एनआईए इसके संभावित हैंडलर्स और सहयोगियों की भी तलाश कर रही है जो इस साजिश का हिस्सा हो सकते हैं और यह अंतर-राज्य लिंकेज की भी जांच कर रहा है, यह देखते हुए कि सैफी दिल्ली के शाहीन बाग का रहने वाला है और उसे महाराष्ट्र के रत्नागिरी से गिरफ्तार किया गया था.

गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) डिवीजन के एक आदेश के बाद अप्रैल के मध्य में एजेंसी ने केरल पुलिस से मामले को अपने हाथ में ले लिया था.

जैसा कि यह कई राज्यों से जुड़े आतंक का एक स्पष्ट मामला था, एनआईए ने इस संदेह के आधार पर उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) का एक्ट लागाय था. एजेंसी ने कहा था कि आरोपी को उसके संचालकों ने राज्य (केरल) में भेजा था और उसे पर्याप्त लोकल मदद मिली थी.

एनआईए की यह कार्रवाई आरोपी को शाहरुख सैफी के रूप में पहचाने जाने के कुछ दिनों बाद हुई है, जो आतंकी गतिविधि के दौरान आग से झुलस गया था, कोझिकोड की एक जिला सत्र अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का आरोप ठहराया था. रेलवे पुलिस द्वारा दायर एक मामले में उस पर हत्या का आरोप लगाया गया था.

अधिकारियों के मुताबिक, इस अपराध के पीछे एक पूर्व नियोजित साजिश थी और यह एक व्यक्ति का मिशन नहीं था जैसा कि अभियुक्त ने कबूल किया है.

सैफी (27) दिल्ली के शाहीन बाग का मूल निवासी है, उसे ट्रेन में आगजनी के बाद महाराष्ट्र पुलिस की एंटी टेरर स्कॉड (एटीएस) और सेंट्रल इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया था. इस आगजनी में वह भी घायल हो गया था.

उस समय स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की पूछताछ में सैफी ने उस समय विरोधाभासी बयान दिए थे, उसने कहा था उसका किसी ने इस्तेमाल किया और बाद में यह कहते हुए मुकर गया कि सब कुछ उसी के द्वारा प्लान किया गया और अंजाम दिया गया था.

एनआईए इस मामले में बड़ी साजिश की जांच कर रही है, जिसका कि सैफी हिस्सा था, केरल पुलिस ने उसके ‘अति कट्टरपंथी’ होने और इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के भड़काऊ भाषणों से प्रभावित होने की बात कही थी, जिसके बाद उसने योजना बनाई और आगजनी को अंजाम दिया.

एनआईए शुरू से ही ट्रेन में आगजनी को लेकर अपनी कोच्चि शाखा के अधिकारियों के साथ मिलकर जांच में लगी हुई है. एजेंसी के अधिकारी आग लगने के कारणों की जांच करने और फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए नमूने एकत्र करने के लिए हमले के तुरंत बाद घटना स्थल पर पहुंचे थे.

2 अप्रैल को, सैफी ने एक ज्वलनशील तरल पदार्थ छिड़क कर कोझिकोड के इलाथुर में अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस में सवार कुछ यात्रियों को आग लगाने का प्रयास किया था.

इस घटना में आग से बचने के लिए ट्रेन से कूदने के प्रयास में तीन यात्रियों की जान चली गई थी. सैफी को बाद में रत्नागिरी से गिरफ्तार किया गया था.


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