नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा देशभर में, विशेष रूप से केरल, कर्नाटक, बिहार आदि राज्यों में ले जाए जा रहे फंड का पता लगाने और उस पर नज़र रखने के दौरान, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार के फुलवारीशरीफ PFI मामले की जांच की, जिसमें दक्षिण भारत में हवाला कारोबारियों के एक बड़े नेटवर्क का पता चला है और कर्नाटक से उनकी गिरफ्तारी हुई है.
संयुक्त अरब अमीरात के जरिए बिहार और कर्नाटक में पीएफआई फंडिंग-बाया-हवाला मॉड्यूल से चल रहा है, कासरगोड, केरल और दक्षिण कन्नड़, कर्नाटक से पांच पीएफआई गुर्गों की गिरफ्तारी के साथ इसका भंडाफोड़ हुआ है.
फुलवारीशरीफ और मोतिहारी में पीएफआई के लोगों ने बिहार में गुप्त तरीके से पीएफआई की गतिविधियां जारी रखने की संकल्प लिया था. बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एक विशेष समुदाय के युवक को खत्म करने के लिए हाल ही में एक बंदूक और गोला बारूद की व्यवस्था भी की थी.
एनआईए के बयान में कहा गया है कि मॉड्यूल के तीन गुर्गों को 5 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया गया था. जांच एजेंसी ने कहा कि गिरफ्तार पांच लोगों को पीएफआई नेताओं और कैडरों के बीच अवैध धन को ट्रांसफर करने और चैनलाइज करने की आपराधिक साजिश में सक्रिय रूप से शामिल पाया गया है.
इससे पहले इस मामले में सात आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जब वे पिछले साल जुलाई में पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में प्रशिक्षण और आतंक और हिंसा की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जुटे थे.
एनआईए की टीमें रविवार से ही कासरगोड (केरल) और दक्षिण कन्नड़, कर्नाटक में व्यापक तलाशी ले रही हैं. आठ स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें कई डिजिटल डिवाइस और कई करोड़ रुपये के लेन-देन के विवरण वाले आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए.
जुलाई 2022 से जांच के दौरान एनआईए की टीम ने पाया कि 27 सितंबर को पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद पीएफआई और उसके नेता और वर्कर्स हिंसक उग्रवाद की विचारधारा का प्रचार करते रहे और अपराध करने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था भी करते रहे.
‘पैसों के जरिए’ एनआईए के जांचकर्ता मोहम्मद सरफराज नवाज और मोहम्मद सिनन तक पहुंचे, जो पीएफआई मामले में अभियुक्तों और संदिग्धों के बैंक खातों में पैसा जमा करते पाए गए थे.
मनी ट्रेल का पीछा करने और डॉट्स को जोड़ने के लिए, एनआईए ने इकबाल और अन्य सहयोगियों की जांच करते हुए अंतरराष्ट्रीय साजिश और धन के लिंक को उजागर करने में कामयाबी हासिल की, जिन्होंने दुबई और अबू धाबी से अवैध रूप से धन एकत्र किया था और भारत में मुहम्मद सिनान, सरफराज, नवाज, अब्दुल रफीक एम और आबिद केएम को सौंपा था.
एनआईए की जांच में पता चला है कि मोहम्मद सरफराज, मोहम्मद सिनान और मोहम्मद रफीक ने यह पैसा आरोपियों और संदिग्धों के अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराया था. इन पांचों आरोपियों को जल्द ही NIA की विशेष अदालत पटना में पेश किया जाएगा.
एनआईए ने कहा कि प्रतिबंधित पीएफआई के अंतरराष्ट्रीय और घरेलू अवैध फंडिंग चैनलों को ट्रैक, ट्रेस और रोकने के लिए आगे की जांच जारी है.
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