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गुरूवार, 1 मई, 2025
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बिहार में खेल और सेहत की नई पहल: महिला खिलाड़ी अब माहवारी पर खुलकर बोल रही हैं

इस साल 'सिंपली बेरी' नाम से एक व्हाट्सएप पीरियड ट्रैकर लॉन्च किया गया, जिससे खिलाड़ी अपनी साइकिल और लक्षण ट्रैक कर सकती हैं.

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नई दिल्ली: बिहार के खेल जगत में इन दिनों एक सकारात्मक और अनोखी क्रांति देखी जा रही है. जहां पहले खेल के मैदानों में केवल प्रदर्शन और जीत-हार की बात होती थी, वहीं अब महिला खिलाड़ियों के स्वास्थ्य, खासकर माहवारी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा हो रही है.

यह बदलाव संभव हुआ है सिंपली स्पोर्ट फाउंडेशन और बिहार स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की साझेदारी से, जिसने 2023 में पटना, सिवान और दरभंगा जैसे जिलों में जागरूकता वर्कशॉप्स आयोजित कीं. 15 साल से ऊपर की विभिन्न खेलों से जुड़ी लड़कियों ने इनमें भाग लिया. सर्वे में सामने आया कि अधिकांश खिलाड़ी सैनिटरी पैड का इस्तेमाल तो करती थीं, लेकिन पीसीओएस, हीमोग्लोबिन की कमी और पोषण की जानकारी बेहद कम थी.

2024 में कोचों और अभिभावकों को भी ट्रेनिंग दी गई, जिससे संवाद की भाषा बदली। अब ‘पर्सनल प्रॉब्लम’ जैसे शब्दों की जगह सीधे और साफ बात हो रही है. साथ ही, खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और पोषण योजनाएं भी उनके शरीर की जरूरतों के अनुसार ढाली जा रही हैं.

इस साल ‘सिंपली बेरी’ नाम से एक व्हाट्सएप पीरियड ट्रैकर लॉन्च किया गया, जिससे खिलाड़ी अपनी साइकिल और लक्षण ट्रैक कर सकती हैं. खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी ‘सिंपली पीरियड्स’ कियोस्क की शुरुआत की जा रही है, जहां खिलाड़ी विभिन्न पीरियड प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी ले सकेंगी और मुफ्त पीरियड केयर किट्स पा सकेंगी.

बिहार की यह पहल अब महज राज्य की नहीं रही, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है. स्वास्थ्य और खेल के मेल से एक नई शुरुआत हो रही है—जहां हर खिलाड़ी आत्मनिर्भर और सजग हो रही है.


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