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Friday, 1 November, 2024
होमदेशनिर्भया के दोषियों के लिए जारी हुआ नया डेथ वारंट, मां बोलीं- 20 मार्च की सुबह हमारे जीवन का सवेरा होगा

निर्भया के दोषियों के लिए जारी हुआ नया डेथ वारंट, मां बोलीं- 20 मार्च की सुबह हमारे जीवन का सवेरा होगा

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली की एक अदालत ने एक बार फिर चारों दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी किया है. दोषियों को फांसी 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे दी जाएगी.

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नई दिल्ली: निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली की एक अदालत ने एक बार फिर चारों दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी किया है. दोषियों को फांसी 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी. इसबार अदालत ने दोषियों की फांसी की सजा का समय बदलते हुए सुबह 5.30 मिनट कर दिया गया है.

अदालत द्वारा 20 तारीख दिए जाने के बाद निर्भया की मां ने कहा, ’20 मार्च की सुबह हमारे जीवन का सवेरा होगा. मरते-मरते निर्भया ने कहा था कि यह सुनिश्चित करना कि उन्हें ऐसी सजा मिले कि फिर कभी ऐसा अपराध ना दोहराया जाए.’

निर्भया की मां ने यह भी कहा कि अगर उसे मौका मिलेगा तो वह उन्हें मरता हुआ देखना चाहती हैं.

दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा, ‘आप ज्यूडीशियल किलिंग कर रहे हैं. यह राज्य द्वारा किया जा रहा है आप दोषियों को बार-बार मार रहे हैं.’

2012 में पारा मेडिकल की छात्रा निर्भया के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद दिल्ली सरकार ने अदालत का रुख किया था. आखिरी बची दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज किये जाने के बाद दिल्ली सरकार ने चारों दोषियों की फांसी के लिए नयी तारीख निर्धारित करने का अनुरोध करते हुए यहां की एक अदालत का रुख किया था.

दिल्ली कारागार नियमावली के मुताबिक मौत की सजा का सामना कर रहे किसी दोषी की दया याचिका खारिज होने के बाद उसे फांसी देने से पहले 14 दिन का समय दिया जाता है. सभी चारों दोषियों को एकसाथ फांसी दी जानी है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 वर्षीय पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी थी. पवन कुमार गुप्ता भी उन चारों दोषियों में से एक है.

दिल्ली सरकार ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा को बताया कि दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं और अब कोई विकल्प नहीं बचा था.

इसके बाद न्यायाधीश ने दोषियों को निर्देश दिया कि वे अपना जवाब कल तक दायर करें जबकि अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि किसी नोटिस की जरूरत नहीं है.

वहीं, अदालत ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का हिस्सा है और दूसरे पक्ष को सुने जाने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

पवन के अलावा मुकेश कुमार सिंह (32), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए पूर्व में तीन मार्च सुबह छह बजे का समय निर्धारित किया था. इसे अदालत ने गत सोमवार को छह सप्ताह में तीसरी बार टाल दिया था क्योंकि दोषी अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे थे. मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति पहले ही खारिज कर चुके हैं.

अदालत ने फांसी सोमवार को अगले आदेश तक टाल दी थी.

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5 टिप्पणी

  1. Yeh human Right ka ullanghan hai ager aankh k badley aankh maango ge to sb andhey ho zaiynge inko life till in death ki sja deyni cahiey kiyonki kisi insan ko kisi insan ko mout deyne ka adhicar nhi hai khtor karawaas deyna shi hoga naaki faansi

  2. Eski fasi honi chhahiye kyuki ye log ko fasi nahi di jayegi to kal aage or crime karega sab esiliye fasi honi chhahiye

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