नई दिल्ली: न 15 साल से कम उम्र के बच्चे, दर्शकों की सामान्य से एक चौथाई संख्या और न ही दर्शक दीर्घा में कोई खड़ा दर्शक, ये कुछ ऐसे बदलाव हैं जो कोविड-19 की महामारी इसबार गणतंत्र दिवस की परेड में ले कर आई है.
26 जनवरी को 2021 गणतंत्र दिवस परेड भारत के कोविड -19 के खिलाफ अपनी लड़ाई का एक साल पूरा होने से कुछ दिन पहले होगी. देश में पहला कोरोनावायरस का केस पिछली जनवरी में रिपोर्ट किया गया था और इससे पहली मौत मार्च में हुई थी.
जहां भारत एक ओर बीमारी के लिए टीके लगाने की तैयारी कर रहा है, वहीं कोविड -19 हर दिन हजारों लोगों को संक्रमित करता जा रहा है. परिणामस्वरूप, भारत में 74 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर होने वाली वार्षिक परेड में कई प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, जो देश की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करता है.
दिप्रिंट से बात करते हुए, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि इसबार 2021 के गणतंत्र दिवस परेड 25,000 दर्शकों को ही आने की अनुमति होगी जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 1.15 लाख था.
परेड के आयोजन पर, सूत्रों ने कहा, यह पिछले साल के समान ही होगी, लेकिन ‘सोशल डिस्टेंसिंग सभी गतिविधियों के दौरान लागू की जाएगी.’ हालांकि, इसबार परेड की दूरी भी कम होगी. परेड आमतौर पर विजय चौक से लाल किले तक जाती है, लेकिन इसबार यह राष्ट्रीय स्टेडियम पर ही समाप्त होगी, यह दूरी लगभग 5 कि.मी होगी.
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कोविड प्रोटोकॉल होगा लागू
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, सिर्फ 15 साल से अधिक आयु के बच्चों को ही इस साल परेड में शामिल होने की अनुमति होगी, और खड़े होकर देखने की दर्शकों को अनुमति नहीं दी जाएगी.
हमेशा की तरह अलग अलग श्रेणी में लगने वाले स्टैंड इस बार नहीं लगाए जाएंगे जो दर्शकों के लिए रिपब्लिक डे परेड और बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी (29 जनवरी) में लगाए जाते थे. इसकी जगह अधिकारियों ने कहा, कुर्सियों को तीन अलग-अलग लकड़ी के ऊंचे प्लेटफॉर्मों पर जाएगा जो 3 इंच, पांच इंच और 10 इंच के होंगे.
अधिकारियों ने कहा कि शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए समारोह स्थल पर बैठने के स्थान को उपयुक्त संख्या में पंक्तियों को ऊंचाई पर व्यवस्थित किया जाएगा.
महामारी को देखते हुए इस बार जो दूसरी चीज जोड़ी जा रही है वह है थर्मल स्कैनिंग. सभी एंट्री प्वाइंट्स पर दर्शकों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और पूरे स्थल को सैनिटाइज किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि डायस पर एंटी वायरल और बैक्टेरियल कोटिंग का स्प्रे किया जाएगा.
सभी गेट पर मास्क्स, ग्लव्स और हैंड सैनिटाइजर भी रखा जाएगा.
एंट्री के दौरान अगर किसी में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं तो ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए समारोह स्थल पर आठ आइसोलेशन और रेस्टिंग बूथ बनाए गए हैं. हर बूथ पर डॉक्टर और पारामेडिक स्टाफ भी मौजूद होगा.
इस साल 26 झाकियां
इस वर्ष परेड में 26 झांकियां शामिल होंगी. जिसमें 9 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की होंगी,जबकि 17 राज्यों और यूनियन टेरीटरी की होंगी. पिछले साल परेड में 22 झांकियां शामिल की गईं थीं.
सूत्रों ने कहा, इसबार संस्कृति मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जो विशेष झांकियां शामिल की जाएंगी. संस्कृति मंत्रालय की झांकी में आजादी के 75 साल को को प्रदर्शित किया जाएगा(बता दें कि 2022 में देश आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है) और दूसरी सूचना प्रसारण मंत्रालय की होगी जिसमें ‘न्यू इंडिया’ (मोदी सरकार का सबसे बड़ा श्लोगन) को प्रदर्शित किया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय की एक्सपर्ट कमीटी ने झाकियों के लिए आए कई आवेदनों में से इन्हें सलेक्ट किया है.
बांग्लादेश सशस्त्र बलों की एक टीम 1971 की बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की 50 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए परेड में भाग लेगी.
इस बार 23 बैंड – 18 सेना से, एक नेवी और एक भारतीय वायुसेना से, और तीन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से – 24 संगीत धुनों को बजाने के लिए निर्धारित हैं.
इस वर्ष एक और संभावित बदलाव देखने को मिलेगा वो है विदेशी मुख्य अतिथी की अनुपस्थिति. भारत ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को परेड के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने कोविड की स्थिति का हवाला देते हुए अंतिम क्षण में मंगलवार को खेद जताते हुए असहमती जताई है. अगर ऐसा होता है, तो यह 1966 के बाद पहली बार होगा.
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