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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशNCW प्रमुख ने कहा- किसी बच्चे को नाजायज नहीं कह सकते, भले ही वह बिना शादी के संबंध से पैदा हुआ हो

NCW प्रमुख ने कहा- किसी बच्चे को नाजायज नहीं कह सकते, भले ही वह बिना शादी के संबंध से पैदा हुआ हो

राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने ये बातें एक सेमिनार में यौनकर्मियों और उनके बच्चों के सामने पैदा होने वाली कानूनी, स्वास्थ्य, व्यावसायिक, और शैक्षणिक जैसी चुनौतियों को लेकर कही.

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मुंबई (महाराष्ट्र) : यौनकर्मियों के बच्चों को सम्मान और समानता पर जोर देते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडबल्यू) की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा कि बच्चा बिना शादी के संबंध के भले पैदा हुआ हो ‘उसे नाजायज नहीं का जा सकता.”

यौनकर्मियों और उनके बच्चों के सामने पैदा होने वाली कानूनी, स्वास्थ्य, व्यावसायिक, और शैक्षणिक जैसी चुनौतियों पर बुधवार को एक सेमिनार में बात करते हुए शर्मा ने कहा, “किसी बच्चे को नाजायज नहीं कह सकते, भले ही वे बिना शादी के संबंध के पैदा हुए हों.” एनसीडब्ल्यू द्वारा आयोजित इस सेमिनार में मौजूदा कानूनों और समानता के अधिकार को सुनिश्चित करने में अंतर को पाटने को लेकर कानूनी सेवाओं तक पहुंच पर जानकारी बढ़ाने वाली चर्चा हुई.

इसके अलावा, इस सेमिनार ने यौनकर्मियों और उनके बच्चों के लिए दिल दहला देने वाली और विचारोत्तेजक कहानियां बताने, अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिकूल हालात पर काबू पाने को लेकर प्रत्यक्ष विवरण पेश करने का मंच प्रदान किया.

यौनकर्मियों के लिए पैदा होने वाली स्वास्थ्य चुनौतियों को लेकर भी एक सत्र आयोजित किया गया.

यह चर्चा दीपक पांडेय, आईपीएस, आईजीपी, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध की रोकथाम, महाराष्ट्र, के साथ महिला और बाल विभाग (डब्ल्यूसीडी) के सचिव अनूप कुमार यादव की ओर से आयोजित की गई.

परी (पीपुल अगेन्स्ट रेप इन इंडिया), वीएएमपी, क्रांति, प्रेरणा, और आस्था परिवार समेत कई सारे एनजीओ ने सेमिनार में सक्रियता के साथ हिस्सा लिया, एचआईवी पॉजिटिव यौनकर्मियों, उनके बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके सामने भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला.

एनसीडब्ल्यू की इस पहल की महाराष्ट्र के महिला और बाल विभाग के मंत्री मंगल प्रभात लोधा ने तारीफ की.

मंत्री ने इन महिलाओं के बचाव और पुनर्वास में पर्यटन और कौशल विकास मंत्रालयों की संभावित भूमिका को स्वीकार किया, जो उनके भविष्य के लिए आशा की एक झलक दिखाता है.

सेमिनार ने सार्थक चर्चा के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया और यौनकर्मियों और उनके बच्चों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाई.


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