नई दिल्ली: साइरस मिस्त्री को बुधवार को बड़ी जीत मिली. राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मिस्त्री को टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया.
अपीलीय न्यायाधिकरण ने एन चंद्रा की कार्यकारी चेयरमैन पद पर नियुक्ति को भी अवैध ठहराया.
हालांकि न्यायाधिकरण ने कहा कि बहाली आदेश चार सप्ताह बाद अमल में आएगा. टाटा संस को अपील करने के लिये यह समय दिया गया है.
National Company Law Appellate Tribunal(NCLAT) allows the plea of Cyrus Mistry and reinstated him as Chairman of Tata Sons. NCLAT set aside the board order of October 24(2017) which had removed Mistry as Chairman. NCLAT also said that Mistry's removal was illegal. (file pic) pic.twitter.com/to8UNVsEmI
— ANI (@ANI) December 18, 2019
एनसीएलएटी ने कहा कि मिस्त्री को कंपनी से हटाया जाना गैर-कानूनी है. एनसीएलटी ने उस मामले पर आदेश दिया है जब 2014 में साइरस मिस्त्री को कंपनी के शीर्ष पद से हटा दिया गया था.
ट्रिब्यूनल ने कहा कि है इस आदेश को रिस्टोर करने के लिए चार हफ्तों का समय है. इस बीच टाटा इसके खिलाफ अपील कर सकती है.
मिस्त्री ने व्यक्तिगत तौर पर एनसीएलटी के आदेश के बाद एनसीएलएटी का रुख किया था.
मिस्त्री जो कि टाटा सन्स के छठे चैयरमेन थे, उन्हें उनके पद से अक्टूबर 2016 में हटा दिया गया था. मिस्त्री ने 2012 में रतन टाटा के सेवानिवृत्त होने के बाद ये पदभार संभाला था.
(बता दें कि टाटा समूह के चेयरमैन अवकाश प्राप्त रतन टाटा, दिप्रिंट के प्रतिष्ठित संस्थापक-निवेशकों में से एक हैं. निवेशकों के विवरण के लिए कृपया यहां क्लिक करें.)