scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेश370 हटाए जाने के बाद दूसरी बार नज़र आए फारूक अब्दुल्ला, चेहरे पर थी मुस्कान

370 हटाए जाने के बाद दूसरी बार नज़र आए फारूक अब्दुल्ला, चेहरे पर थी मुस्कान

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को 61 दिन पूरे हो गए. इस दौरान ज़्यादातर नेता नज़रबंद है और मानवाधिकार कार्यकर्ता मोबाइल-इंटरनेट सेवा को पूरी तरह से बहाल किए जाने की अपील कर रहे हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला दूसरी बार कैमरे के सामने नज़र आए. ताज़ा तस्वीरों और वीडियो में अब्दुल्ला अपनी पार्टी के नेता हसनैन मसूदी और अकबर लोन से मिलते दिखे. इस दौरान उनकी पत्नी मौली अब्दुल्ला भी उनके साथ मौजूद थी.

हसनैन मसूदी और अकबर लोन के साथ पार्टी का एक प्रतिनिधि-मंडल अब्दुल्ला से मिलने पहुंचा था. सरकार द्वारा प्रतिनिधि-मंडल को इस मुलाकात की अनुमति दिए जाने के बाद ये नेता अपने मुखिया से श्रीनगर में मिले. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 सदस्यीय प्रतिनिधि-मंडल ने उमर अब्दुल्ला से भी मुलाकात की.

इस मुलाकात के दौरान मीडिया से बातचीत में अकबर लोन ने कहा, ‘हमें ठगा गया है, हम अनुच्छेद 370 वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं.’ पार्टी के एक और नेता ने कहा कि सबकुछ उसी स्थिति में ले जाना होगा जैसा पांच अगस्त के पहले था. 370 हटाए जाने को इन नेताओं ने संविधान पर हमला और उसका अपमान बताया.

 

370 हटाए जाने के बाद जो तस्वीरें आई थीं उनमें अब्दुल्ला रोते नज़र आए थे. हालांकि, ताज़ा तस्वीरों में उनके चेहरे पर मुस्कान नज़र आई. फारूक और उमर अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद पार्टी नेता देवेंद्र राणा ने कहा, ‘हम इस बात से खुश हैं कि दोनों ठीक और ऊर्जावान हैं. हालांकि, राज्य में जो हुआ है उससे वो दुखी भी हैं. राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए मुख्यधारा के नेताओं को रिहा करना होगा.’

370 हटाए जाने को लेकर छह अगस्त को जब संसद में बहस हो रही थी, तो फारूक अब्दुल्ला के इस बहस से ग़याब होने को लेकर कुछ सांसदों ने सवाल उठाए. ऐसे सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि बहस के दौरान फारूक अब्दुल्ला अपने घर पर थे.

शाह ने ये भी कहा था कि अब्दुल्ला न तो नजरबंद हैं और न हिरासत में और वो यहां नहीं आने चाहते तो उन्हें कनपटी पर बंदूक रखकर नहीं लाया जा सकता. हालांकि, इसके बाद मीडिया से बातचीत में अब्दुल्ला रोते नज़र आए थे और कहा था कि सरकार ने उन्हें नज़रबंद करके रखा था.

आपको बता दें पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त कर केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट दिया था. इसके बाद भारत से केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू -कश्मीर और लद्दाख का भी नाम शामिल हो गया है.

इसके बाद से ही जम्मू -कश्मीर के सभी नेता नज़रबंद हैं, साथ ही राज्य में इंटरनेट और मोबाइल सेवा भी बंद है. हालांकि, सरकार का दावा है कि राज्य में सभी लैंडलाइनें काम कर रही हैं. इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद रखने के पीछे सरकार का तर्क है कि इन्हें शुरू किए जाने से पाकिस्तानी आतंकी संगठनों को राज्य में माहौल बिगाड़ने का मौका मिल सकता है.

share & View comments