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Tuesday, 10 December, 2024
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झारखंड में नक्सली हमलाः साल के शुरुआत में ही माओवादियों ने कैसे दिया पुलिस को बड़ा झटका

बीते साल के अंत (12 नवंबर) में झारखंड पुलिस ने एक करोड़ को ईनामी नक्सली और पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस को गिरफ्तार कर माओवादियों को बड़ा झटका दिया था.

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रांची: बीते साल के अंत (12 नवंबर) में झारखंड पुलिस ने एक करोड़ को ईनामी नक्सली और पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस को गिरफ्तार कर माओवादियों को बड़ा झटका दिया था. तो साल की शुरुआत यानी 4 जनवरी को सैंकड़ों लोगों की भीड़ के बीच दो पुलिसकर्मियों की गला रेत कर हत्या कर माओवादियों ने बड़ा चैलेंज किया है.

मंगलवार की शाम 5.15 बजे चाईबासा जिले के गोइलकेरा इलाके में पूर्व बीजेपी विधायक गुरुचरण नायक एक फुटबॉल मैच टूर्नामेंट के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे. इस दौरान 20-25 की संख्या में माओवादियों के दस्ते ने उन पर हमला कर दिया. बचाव में आए उनके दो बॉडीगार्ड की गला रेतकर वहीं हत्या कर दी. जबकि तीसरे को घायल कर तीनों के हथियार (एके-47) लूटकर भाग गए.

इससे पहले बीते एक जनवरी को इसी इलाके में नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप में दो लोगों की हत्या कर दी थी.

नक्सली हमले में मारे गए जवान/ फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट

घटना की कहानी, चश्मदीद पूर्व विधायक की जुबानी

बीजेपी के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक ने दी प्रिंट को बताया, ‘गोइलकेरा इलाके के झीलरुआं गांव में बीते 41 साल से फुटबॉल टूर्नामेंट होता आ रहा है. काफी समय से मैं ही इसके पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि शामिल होता आया हूं. यह मेरे गांव टुनिया से मात्र 1.5 किलोमीटर दूर है. कई बार सुबह की सैर के लिए भी मैं यहीं जाता हूं. शाम पांच बजे सब समारोह खत्म हो गया और मैं जाने के लिए स्टेज से उतरने की तैयारी कर रहा था, ठीक उसी वक्त दस की संख्या में लोग भीड़ में घुसकर स्टेज की तरफ आने लगे. मेरे बॉडीगार्ड ने उनलोगों को आगे बढ़ने से रोका.’

वो आगे बताते हैं, ‘इस बीच पीछे से भी 10 की संख्या में हथियारबंद लोग आ गए. हमारे बॉडीगार्ड उनसे लड़ने लगे. एक बॉडीगार्ड को पांच लोगों ने पकड़ लिया और वहीं पर धारदार हथियार से गला रेत दिया. चारो तरफ लोग चिल्लाने लगे. हमला करने वाले सभी टीनएजर्स थे. गांव वाले हमें बचाने के लिए आए. ऐसा होता देख उनमें से एक ने चिल्लाकर कहा कि हमलोग माओवादी हैं, तुमलोग भागो, नहीं तो सबको मार देंगे.’

गुरुचरण के मुताबिक, ‘इस दौरान हमारा तीसरा बॉडीगार्ड जो घायल हुआ था, किसी तरह भीड़ में घुस गया. मैं भी खुद को बचाने के लिए भीड़ में घुस गया और पास के स्कूल के बाउंड्री वाल को फांदकर उसमें घुस गया. कुछ देर छुपने के बाद पास के खेत होकर सबसे पहले अपने घरवालों को फोन कर बताया कि मैं सुरक्षित हूं. इसके बाद सीधा सोनुआ थाना पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी.’

गुरुचरण नायक की ओर से दिए गए जानकारी के मुताबिक उनका इस इलाके में एक स्कूल और एक कॉलेज चलता है. वो कहते हैं, ‘कभी किसी माओवादी ने उनसे न तो लेवी की मांग की है न ही कभी किसी बात को लेकर उनसे झगड़ा हुआ है. ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि उनके ऊपर हमला क्यों हुआ.’

इससे पहले साल 2012 में जब वह विधायक थे, उस वक्त भी उनपर माओवादियों ने हमला किया था. नायक की पत्नी अनुसूइया नायक जिला परिषद सदस्य हैं. वहीं तीन बच्चों में बड़ा बेटा इंजीनियर, दूसरा बीएससी आईटी कर रहा है. छोटी बेटी बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से एमएससी की पढ़ाई पूरी कर चुकी है.

नक्सली हमले में मारे गए जवान के परिजन/ फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट

कितना सफल रहा बीता साल, किसको कितना हुआ नुकसान

इन सब के बीच साल 2021 में झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता मिली. राज्य पुलिस की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक एक करोड़ के इनामी और पोलित ब्यूरो मेंबर रहे प्रशांत बोस की गिरफ्तारी पुलिस के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी मानी जा रही है. इसके अलावा 410 नक्सली-उग्रवादी गिरफ्तार हुए हैं. वहीं 19 का सरेंडर पुलिस ने विभिन्न जिलों में कराया, जबकि पुलिस मुठभेड़ में 6 नक्सली मारे गए. वहीं पांच पुलिसकर्मी भी इस दौरान अपनी जान गवां चुके हैं.

बोस के अलावा माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य शीला मरांडी, स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) सदस्य व 25 लाख के ईनामी प्रद्युम्न शर्मा, रीजनल कमेटी मेंबर व 15 लाख के ईनामी रमेश गंझू उर्फ आजाद, जीवन कंडूलना समेत 28 बड़े उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा अन्य उग्रवादी संगठऩ तृतीय प्रस्तुत कमेटी (टीपीसी) के 15 लाख के ईनामी माओवादी मुकेश गंझू ने भी सरेंडर किया है. वहीं पुलिस मुठभेड़ में बुद्धेश्वर उरांव, शनिचरा सुरीन, महेश भूईंया, विनोद भूईंया, मंगरा लूगून व एक अज्ञात उग्रवादी मारे गए थे.

झारखंड पुलिस और एनआईए ने भाकपा माओवादियों व दूसरे उग्रवादी समूहों से जुड़े कुल 28 उग्रवादियों की संपत्ति भी यूएपीए एक्ट के तहत जब्त की है. भाकपा माओवादियों के 14, टीपीसी के 10 और पीएलएफआई के 4 उग्रवादियों की संपत्ति पुलिस ने जब्त की है.

भाकपा माओवादियों के द्वारा इस साल महज एक बार पुलिस पर हमला हुआ है. वहीं नक्सलियों के द्वारा 10 आम लोगों को मौत के घाट उतारा गया. उग्रवादियों ने 2 अपहरण, 16 आईईडी ब्लास्ट, 40 लेवी वसूली समेत कुल 95 वारदातों को अंजाम दिया है.

यही नहीं, राज्य पुलिस की ओर से जारी नई सूची के मुताबिक अब कुल 113 माओवादी-उग्रवादी हैं, जिनपर सरकार ने इनाम घोषित कर रखा है. इसमें एक करोड़ के तीन माओवादी मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सुनिर्मल जी उर्फ सागर, असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर, अनल दा उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मराण्डी उर्फ रमेश के अलावा 110 और शामिल हैं. इऩ सबों पर 25 लाख से लेकर एक लाख तक के इनाम घोषित हैं.

छत्तीसगढ़ में क्या है अपडेट

माओवादियों पर कार्रवाई के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धि भी कुछ इसी तरह है. बीते 4 जनवरी को राज्य के डीजीपी अशोक जुनेजा की तरफ से दिए गए जानकारी के मुताबिक पूरे राज्य में बीते साल 499 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं कुल 553 माओवादियों ने सरेंडर किया है. वहीं पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में 46 माओवादी मारे भी गए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए ताजा जानकारी के मुताबिक देश के 10 राज्यों के 70 जिलों में इसका प्रभाव अभी भी है.

अपने सबसे बड़े नेता की गिरफ्तारी के बाद माओवादी किस तरह की रणनीति आपनाते हैं. पुलिस के पास उससे बचने के लिए किस तरह की तैयारी है. ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है.


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