नई दिल्ली: चीन में कोरोनावायरस से मचे हाहाकार के बीच एक बार फिर भारत सरकार सतर्क हो गई है. सूत्रों से जारी खबर के मुताबिक एक ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नए साल और आगामी त्योहारों के मद्देनजर कोविड 19 के लिए नई गाइड लाइन जारी करेगा वहीं केंद्र सरकार ने कोरोना की नेज़ल वैक्सीन को मंजूरी दे दी है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इसे आज से ही कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया गया है. और ऐसा माना जा रहा है कि इस वैक्सीन को कोविन एप पर भी जोड़ दिया जाएगा.
भारत बायोटेक की नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा. सबसे पहले इसे प्राइवेट हॉस्पिटलस में उपलब्ध कराया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, भारत बायोटेक की इस इंट्रानेजल वैक्सीन का नाम BBV154 है. इसे नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा. इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है.इस वैक्सीन में किसी इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती.
बता दें कि कोरोना को लेकर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया भी आज तीन बजे राज्यों के स्वावस्थ्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे.
भारत में एक दिन में कोरोनावायरस संक्रमण के 163 नए मामले सामने आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,46,76,678 पर पहुंच गई है, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 3,380 रह गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में संक्रमण से दो, जबकि दिल्ली में एक और मरीज की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,30,690 हो गई है. वहीं, संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में छह नाम और जोड़े हैं.
चिंताजनक नहीं है बीएफ-7 वैरिएंट
हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोनावायरस की बीएफ -7 स्वरूप भारत के लिए चिंताजनक नहीं है.
बेंगलुरु स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (टीआईजीएस) के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि ओमीक्रोन के इस वैरिएंट से भारत को अपनी आबादी पर इसका बहुत प्रभाव नहीं पड़ेगा और हमें इतना पैनिक होने की जरूरत नहीं है लेकिन उन्होंने आगाह किया कि मास्क पहनने और भीड़ में अनावश्यक जाने से बचने की सलाह को हमेशा मानना चाहिए.
सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र के पूर्व निदेशक ने आगे कहा कि चीन में कोविड-19 के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि दिख रही है, क्योंकि पड़ोसी देश संक्रमण की विभिन्न लहरों से नहीं गुजरा है, जिनका भारत सामना कर चुका है.
उन्होंने कहा, ‘बीएफ.7 ओमीक्रोन का एक सब वैरिएंट है. कुछ छोटे बदलावों को छोड़कर मुख्य संरचना ओमीक्रोन की तरह ही होगी, इसमें कोई बड़ा अंतर नहीं है. हम में से अधिकांश ओमीक्रोन लहर से गुजर चुके हैं. इसलिए हमें इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. वास्तव में यह वही वायरस है.’
मिश्रा ने कहा कि चीन अपनी ‘शून्य-कोविड नीति’ के कारण संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहा है, जिसके तहत अधिकारी अपार्टमेंट इमारतों को बंद कर देते हैं और यहां तक कि एक निवासी में संक्रमण की पुष्टि के बाद उसके पड़ोस के घर को भी बंद कर देते हैं, जिससे लोगों को बहुत असुविधा होती है.
उन्होंने कहा कि चीनी आबादी स्वाभाविक रूप से संक्रमण के संपर्क में नहीं आई है और उन्होंने बुजुर्ग लोगों को टीका लगाने के लिए समय का सदुपयोग नहीं किया.
मिश्रा ने चीन की स्थिति के बारे में कहा, ‘इसलिए जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है, उनके लक्षण गंभीर हैं. युवाओं को अब भी कोई समस्या नहीं है. लेकिन बुजुर्ग जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था, उनमें यह संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है.’
उनके अनुसार, अधिकांश भारतीयों ने ‘हाइब्रिड इम्युनिटी’ हासिल कर ली है, जिसका अर्थ है कि टीकों के माध्यम से और स्वाभाविक संक्रमण के बाद विकसित प्रतिरोधक क्षमता उन्हें कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों से बचाती है.
मिश्रा ने कहा कि भारत में मौजूदा समय में लगाए जा रहे कोविड रोधी टीके ओमिक्रोन के अलग-अलग उपस्वरूप का प्रसार रोकने में असरदार हैं, क्योंकि कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि इस साल की शुरुआत में ओमिक्रोन की बड़ी लहर के दौरान भी भारत में ज्यादातर मरीज अस्पतालों में भर्ती नहीं हुए थे.
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सभी पुलिसकर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. सैनिटाइजर का उपयोग भी अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस कर्मियों को शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने के निर्देश भी दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें: ‘मास्क ऑन,’ उच्च स्तरीय बैठक में पीएम मोदी की अपील पब्लिक प्लेस पर जरूर पहने मास्क