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Saturday, 20 April, 2024
होमदेश'स्वामी दयानंद का सपना हो रहा पूरा', जयंती पर बोले PM- हमारे लिए गरीबों, वंचितों की सेवा ही पहला यज्ञ

‘स्वामी दयानंद का सपना हो रहा पूरा’, जयंती पर बोले PM- हमारे लिए गरीबों, वंचितों की सेवा ही पहला यज्ञ

उन्होंने कहा, 'हम महर्षि दयानंद सरस्वती जी को उनकी 200वीं जयंती पर नमन करते हैं. वे ज्ञान और अध्यात्म के पुजारी थे. आज 21वीं सदी में जब दुनिया अनेक विवादों में घिरी हुई है, हिंसा और अस्थिरता में घिरी हुई है, तब महर्षि दयानंद द्वारा दिखाया गया मार्ग करोड़ों लोगों में उम्मीद जगाता हैं.'

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजधानी के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थी.

इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दयानंद सरस्वती ने समाज में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव का विरोध किया और महिला शिक्षा के लिए कार्यक्रम शुरू किए. प्रधानमंत्री ने कहा कि करीब 150 साल पहले महर्षि सरस्वती समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ खड़े हुए थे.

उन्होंने कहा, ‘हम महर्षि दयानंद सरस्वती जी को उनकी 200वीं जयंती पर नमन करते हैं. वे ज्ञान और अध्यात्म के पुजारी थे. आज 21वीं सदी में जब दुनिया अनेक विवादों में घिरी हुई है, हिंसा और अस्थिरता में घिरी हुई है, तब महर्षि दयानंद द्वारा दिखाया गया मार्ग करोड़ों लोगों में उम्मीद जगाता हैं.’

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वामी जी ने जो बीज बोया था, वह आज विशाल वटवृक्ष के रूप में पूरी मानवता को छाया दे रहा है.’

पीएम ने कहा कि देश आज उन सुधारों को देख रहा है जो दयानंद सरस्वती की प्राथमिकताएं थीं.

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उन्होंने कहा, ‘गरीबों, पिछड़ों और दलितों की सेवा आज देश के लिए पहला यज्ञ है. महिलाओं को अब सियाचिन में तैनात किया जा रहा है और राफेल जैसे विमान उड़ाए जा रहे हैं. हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश पर लगी रोक हटा दी है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में नीतियां बिना किसी भेदभाव के बनती हैं.

उन्होंने कहा कि दयानंद सरस्वती ने न सिर्फ उनके जीवन में रास्ता बनाया बल्कि कई संस्थाओं का भी निर्माण किया. उन्होंने अपने जीवनकाल में क्रांतिकारी विचारों को आगे बढ़ाया, उन्हें जिया और लोगों को उन्हें जीने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने हर विचार को व्यवस्था से जोड़ा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ दयानंद सरस्वती ने गुरुकुलों के माध्यम से भारतीय परिवेश में ढली शिक्षा प्रणाली की भी वकालत की. उन्होंने जोर देकर कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश अब अपनी नींव भी मजबूत कर चुका है.

पीएम ने कहा कि महर्षि दयानंद ने समाज में वेदों की समझ को पुनर्जीवित किया. उन्होंने कहा कि जब महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म हुआ था, तब देश सदियों के बंधनों के कारण अपना आत्मविश्वास खो चुका था और कमजोर हो गया था.

उन्होंने कहा कि दयानंद सरस्वती ने सामाजिक भेदभाव और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक मजबूत अभियान चलाया.

पीएम मोदी ने कहा, ‘महर्षि दयानंद जी भी महिलाओं को लेकर समाज में पनपी रूढ़ियों के खिलाफ एक तार्किक और प्रभावी आवाज के रूप में उभरे. उन्होंने महिलाओं के साथ भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी और महिला शिक्षा के लिए अभियान चलाया. हमारे इतिहास और परंपराओं को बनाने का प्रयास किया गया. उसी समय महर्षि दयानन्द जी के प्रयत्नों ने समाज में संजीवनी के रूप में प्रकट होकर उसका कायाकल्प किया.’

उन्होंने कहा कि आर्य समाज महर्षि दयानंद सरस्वती की उन सभी प्रेरणाओं की विरासत को आगे बढ़ाता है. पीएम ने कहा कि आर्य समाज को वह क्षमता विरासत में मिली है और इसी वजह से देश को आर्य समाज के हर आर्य वीर से काफी उम्मीदें हैं.

इस मौके पर पीएम मोदी ने पूजा और यज्ञ भी किया.

प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, महर्षि दयानंद सरस्वती, जिनका जन्म 12 फरवरी, 1824 को हुआ था, एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने प्रचलित सामाजिक असमानताओं का मुकाबला करने के लिए 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी.

आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक और सामाजिक जागृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

सरकार समाज सुधारकों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों, विशेष रूप से उन लोगों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है जिनके योगदान को अभी तक अखिल भारतीय स्तर पर उनका देय नहीं दिया गया है.

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने से लेकर श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में भाग लेने तक, प्रधानमंत्री मोदी इस तरह की पहल का नेतृत्व कर रहे हैं.


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