नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि शैक्षणिक संस्थान कोविड-19 के लिए आयुष- आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी- प्रोफिलैक्सिस पर एक अध्ययन में भाग लें.
बुधवार को सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को जारी एक ताजा निर्देश में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को ‘आयुष संजीवनी’ एप डाउनलोड करके अध्ययन में भाग लेने के लिए कहा.
यूजीसी सचिव रजनीश जैन द्वारा भेजे एक परिपत्र में लिखा है, ‘आयुष मंत्रालय द्वारा की गई पहलों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए, मोबाइल एप ‘आयुष संजीवनी’ को लोगों से प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करने के लिए विकसित किया गया है. अध्ययन में अधिक लोगों को प्रतिभागियों के रूप में शामिल करने के लिए, यह आवश्यक है कि उच्च शिक्षा संस्थानों को अध्ययन में भाग लेना चाहिए.’
सर्कुलर में लिखा है, ‘संकाय और छात्र समुदाय की भागीदारी अध्ययन के लिए उत्तरदाताओं की संख्या में वृद्धि करेगी और इस तरह निष्कर्षों के आधार पर महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों की सुविधा प्रदान करेगी. सभी विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों से अनुरोध है कि वे इस अच्छे काम में सक्रिय रूप से भाग लें और एप को डाउनलोड करें.’
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एप्लिकेशन और अनुसंधान
‘आयुष संजीवनी’ मोबाइल एप को आयुष प्रक्रियाओं और जनसंख्या के बीच उपायों की स्वीकृति और उपयोग, और कोविड-19 की रोकथाम पर उनके प्रभाव को जानने के लिए विकसित किया गया है. इसका उद्देश्य पूरे देश में 50 लाख लोगों को इसका उपयोग कराना है.
अध्ययन मोदी सरकार द्वारा गठित एक टास्क फोर्स द्वारा किए जा रहे शोध का एक हिस्सा है, जिसमें आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के शोधकर्ता शामिल हैं.
आम जनता पर अध्ययन के लिए, सरकार आम लोगों को यह जांचने के लिए सर्वेक्षण करेगी कि क्या उन्होंने मार्च में आयुष मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए घरेलू उपचार का उपयोग करने के बारे में जारी की गई सलाह का पालन किया है.
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सलाह में लोगों को तुलसी के पत्तों, अदरक और हल्दी के साथ उबला हुआ पानी पीने के लिए कहा गया था और समय पर सोने, ताजा पकाया भोजन खाने और योग्य प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में योग का अभ्यास करने को कहा गया था.
यह पहली बार नहीं है कि सरकार शैक्षणिक संस्थानों को कोविड-19 से मुकाबला करने में शामिल कर रही है. यूजीसी ने 10 अप्रैल को अपने पिछले नोटिफिकेशन में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के लिए कहा था ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग हो सके.
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