scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशऑनलाइन मैटेरियल पेन ड्राइव से उपलब्ध कराएगी नागालैंड सरकार, छात्रों को इंटरनेट के लिए जंगल के सफर से मिलेगी निजात

ऑनलाइन मैटेरियल पेन ड्राइव से उपलब्ध कराएगी नागालैंड सरकार, छात्रों को इंटरनेट के लिए जंगल के सफर से मिलेगी निजात

दिप्रिंट ने 6 अगस्त को बताया था कि कैसे त्सुरु गांव के विद्यार्थी अपनी परीक्षा देने के लिए महज इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए जंगल में 3 किमी ट्रैकिंग करते हैं.

Text Size:

कोहिमा: नगालैंड सरकार ने दूरदराज के क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले स्थानों पर अध्ययन सामग्री से भरी पेन ड्राइव वितरित करने का फैसला किया है.

यह पहल तब सामने आई है जब इससे पहले दिप्रिंट ने बताया था कैसे दूरदराज के त्सुरु के गांव के विद्यार्थियों को जंगल के रास्ते 3 किलोमीटर दूरी, नेटवर्क कनेक्टिविटी के लिए एक स्थानीय स्थल पर अपनी परीक्षाएं देने जाना पड़ रहा था.

चूंकि कोविद-19 महामारी के कारण स्कूल बंद हैं, इसलिए भारत के बाकी हिस्सों की तरह नागालैंड में भी छात्रों को ऑनलाइन या दूरस्थ पढ़ाई पर निर्भर रहना पड़ रहा है. हालांकि, इंटरनेट कनेक्टिविटी एक बड़ी बाधा साबित होती है. 2018 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आठ पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट कनेक्टिविटी केवल 35 प्रतिशत आबादी तक ही पहुंची है.

त्सुरु जैसे क्षेत्रों में वितरित की जाने वाली पेन ड्राइव जिसमें एयर इंडिया रेडियो और दूरदर्शन जैसे चैनलों के माध्यम से शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए प्रासरित और रिकॉर्ड किए गए कक्षा 5-12 के पाठ होंगे.

राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख निदेशक शाहनवस सी. ने दप्रिंट को बताया, ‘हमारे पास यूट्यूब और फेसबुक जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और दूरदर्शन पर वीडियो हैं लेकिन इसके लिए आपको इंटरनेट कनेक्शन की जरूरी है.’

उन्होंने कहा कि उन्होंने त्सुरु के छात्रसंघ के अध्यक्ष से जो जंगल के बीच में परीक्षा कराने में मदद कर रहे हैं- उन्हें पहल की सूचना देने के लिए संपर्क किया. ‘मैंने उन्हें बताया कि हम उन्हें पेन ड्राइव के माध्यम से पाठ उपलब्ध कराएंगे, और वे इसके बारे में बहुत खुश थे. हम एक जल्द ही आवश्यकता पर (पाठ) एकत्र कर रहे हैं क्योंकि उन्हें तत्काल आवश्यकता है.’

उम्मीद की एक किरण

इस महीने की शुरुआत में दिप्रिंट ने त्सुरु की यात्रा की थी, जिसके निवासी सेमा जनजाति के सदस्य हैं और जो स्थानीय छात्रों को परीक्षा दिलाने का प्रयास किया है.

गांव छात्रसंघ के वॉलेंटियर्स वास्तव में शिक्षक और परीक्षा मॉडरेटर बन गए थे. शिक्षक और मॉडरेटर को जंगल में एक बेंच पर बैठना होता हैं, इसके बाद गांव में केवल तीन स्मार्टफोन में से एक से प्रश्न डिक्टेट किया जाता है. इसके बाद मॉडरेटर परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की तस्वीरें क्लिक कर और उन्हें स्कूल भेजना होता. अध्ययन नोट्स डाउनलोड करना जंगल के इसी ट्रेक के जरिए शामिल था. त्सुरु गांव के छात्रों के लिए सरकार का कदम आशा की किरण के रूप में आया.

छात्र संघ के अध्यक्ष इउका झिमोमी ने कहा, ‘शिक्षा निदेशक ने कहा कि वह कुछ अधिकारियों के माध्यम से पेन ड्राइव प्रदान करेंगे, ताकि छात्रों को डिजिटल कक्षाओं तक पहुंच सुनिश्चित हो सके. उन्होंने मुझे कुछ छात्रों को एक हॉल में इकट्ठा करने के लिए कहा जहां से छात्र डिजिटल कक्षाओं तक पहुंच सकते हैं.’

उनके अनुसार यह पहल सही दिशा में एक कदम है, लेकिन उन्होंने कहा कि गांव के दो छोटे डेस्कटॉप कंप्यूटर 39 छात्रों के लिए पर्याप्त नहीं थे.

उन्होंने कहा, ‘अगर हमें एक लैपटॉप भी मिलता, तो हम संभवतः इसे चारों ओर ले जा सकते, इसे प्रत्येक घर में दिखा सकते… मैंने ज़ुन्हबोतो के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में अधिकारियों की इन आवश्यकताओं के बारे में बताया है, जो हमारे साथ संपर्क में थे … वे निदेशक के सामने मांग उठाएंगे.

प्रधान निदेशक शाहनव ने कहा हालांकि कोविड-19 स्थिति के कारण इन क्षेत्रों में लैपटॉप देना मुश्किल होगा.

शाहनव ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि गांवों में सभी छात्र निकाय इस तरह मदद करेंगे. विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि छात्र नोट्स और वर्कशीट का उपयोग कर सकें.

पेन ड्राइव सरकारी स्कूलों में मुफ्त में मुहैया कराई जाएगी लेकिन निजी स्कूलों के लिए 350 रुपये 850 रुपये कीमत होगी और इसे विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के जरिए मंगाया जा सकता है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments