मथुरा: मथुरा के विकास बाज़ार में एक ‘लोकप्रिय’ डोसा स्टॉल ने, अपना नाम ‘श्रीनाथ डोसा’ से बदलकर ‘अमेरिकन डोसा कॉर्नर’ कर दिया है, क्योंकि कई हिंदुत्व समूहों ने इस आपत्ति के साथ वहां तोड़ फोड़ की थी कि मुसलमान परिवार हिंदू देवता के नाम से भोजनालय चला रहा था.
18 अगस्त की ये घटना तब प्रकाश में आई, जब इस सप्ताह सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें स्टॉल के बाहर जमा भीड़ को ये कहते सुना जा सकता था: ‘कृष्ण भक्तों अब युद्ध करो, मथुरा को भी मुक्त करो’.
A Muslim Dosa vendor was attacked by a mob of right wing viglantes in Vikas Bazar, Mathura. The shop was vandalized by the mob and the man was threatened with FIR for waging "Economic Jihad." The mob was chanting, "Krishna Bhakton ab yudh karo, Mathura ko bhi Shudh karo." pic.twitter.com/F7IYpqDI3O
— Alishan Jafri | अलीशान (@asfreeasjafri) August 27, 2021
स्टॉल के एक मालिक इरफान ने घटना के 10 दिन बाद, कोतवाली पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ, भारतीय दंड संहिता की धाराओं 427 (50 रुपए या उससे अधिक का नुक़सान करने की कुचेष्टा), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज कराई है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभी तक की उनकी जांच में पता चला है, कि डोसा स्टॉल के एक प्रतिस्पर्धी पवन यादव ने, जिसने विकास मार्केट में ही इसी नाम (श्रीनाथजी साउंथ इंडियन डोसा कॉर्नर) के साथ भोजनालय शुरू किया था, हिंदुत्व समूहों को इरफान के स्टॉल के बारे में सूचना दी, चूंकि वो इसकी लोकप्रियता से नाराज़ था.
एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘मुसलमान व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा डोसा स्टॉल ज़्यादा लोकप्रिय है. उसका डोसा हिंदू स्टॉल वाले से सस्ता भी था. हालांकि, हम जांच कर रहे हैं, लेकिन अभी तक ऐसा लगता है कि ये यादव ही था जिसने हिंदुत्व समूहों को सूचित किया, चूंकि वो अपने प्रतिस्पर्धी से छुटकारा पाना चाहता था’.
इरफान के तीन भाईयों में से एक आवेद ने भी, जिसे वायरल वीडियों में देखा जा सकता है, घटना के लिए यादव को ज़िम्मेदार ठहराया.
उसने दिप्रिंट को बताया, ‘मेरे भाई और मैं पिछले पांच साल से बिना किसी समस्या के इस स्टॉल को चला रहे हैं, लेकिन पिछले डेढ़ महीने से परेशानी चल रही थी. और वो परेशानी डोसे के नए ठेले की वजह से थी’.
लेकिन, शनिवार को दिप्रिंट से बात करते हुए, यादव इस आरोपों पर हंस रहा था. उसने कहा कि उसे मुसलमान व्यक्ति के डोसा स्टॉल पर, तोड़फोड़ की घटना की ज़रा भी जानकारी नहीं है. दोनों स्टॉल्स के बीच में केवल 25 मीटर की दूरी है.
कोतवाली पुलिस स्टेशन एसएचओ सूरज प्रकाश शर्मा ने कहा, कि पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है, और अपराधियों का पता लग जाने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘हमने इलाक़े की सीसीटीवी फुटेज निकाली है, और वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों की शिनाख़्त करने की कोशिश कर रहे हैं. जैसे ही कुछ और पता चलेगा, हम आपको सूचित करेंगे’.
मथुरा पुलिस ने भी डीएसपी वरुण कुमार सिंह की ओर से एक वीडियो बयान ट्विटर पर पोस्ट किया. उन्होंने कहा, ‘विकास मार्केट में श्रीनाथ डोसा कॉर्नर पर, कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अभद्र शब्द प्रयोग किए गए. पुलिस फिलहाल उन अज्ञात व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटा रही है, और स्टॉल के मालिकों तथा वर्कर्स से पूछताछ कर रही है’.
हिंदू समूह ने इसे ‘आर्थिक जिहाद’ बताया
विश्व हिंदू परिषद से अलग हुए एक गुट अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) ने, जिसकी स्थापना 2017 में हुई थी, तोड़फोड़ की ज़िम्मेदारी ली और आरोप लगाया, कि मुसलमान लोग ‘आर्थिक जिहाद’ के काम में लगे थे.
एएचपी के मथुरा शहर अध्यक्ष श्रीकांत शर्मा ने दिप्रिंट से कहा, ‘एक हिंदू भाई का व्यवसाय परेशानी में था, क्योंकि उसी नाम से एक और स्टॉल उसका धंधा छीन रहा था. ये एक क्लासिक ‘आर्थिक जिहाद’ है, और अब हम इसे सहन नहीं करेंगे’.
शर्मा भी घटना वाले दिन वहां मौजूद लोगों में थे. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व कार्यकर्त्ता राजेश मणि त्रिपाठी और कई अन्य हिंदूत्व समूह, घटना के दौरान उस जगह मौजूद थे.
लेकिन स्टॉल के स्वामित्व को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है.
इरफान की एफआईआर में कहा गया है, कि क़रीब दो महीना पहले ये स्टॉल राहुल ठाकुर नाम के एक व्यक्ति को बेंच दिया गया था, जो स्टॉल चलाने के लिए मुस्लिम भाइयों को प्रतिदिन 400 रुपए देता है.
इरफान ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने ये स्टॉल पांच साल पहले ख़रीदा था, लेकिन ढाई महीने पहले इसे राहुल ठाकुर को बेंच दिया, क्योंकि हमारे सामने परेशानियां आ रहीं थीं’.
पुलिस अभी तक ठाकुर का पता ठिकाना नहीं खोज पाई है. दिप्रिंट भी उसका पता नहीं लगा सका.
थाना कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत विकास मार्केट में श्रीनाथ डोसा कार्नर के नामकरण को लेकर कुछ अज्ञात व्यक्तियो द्वारा आपत्तिजनक शब्दो का प्रयोग करने के सम्बन्ध में क्षेत्राधिकारी नगर द्वारा दी गयी बाइट। pic.twitter.com/aRzzHZnip0
— MATHURA POLICE (@mathurapolice) August 27, 2021
‘हथियाया हुआ नाम छोड़ दो या घर वापसी करो’
हिंदुत्व कार्यकर्त्ता और हिंदू समाज पार्टी के पूर्व सदस्य राजेश मणि त्रिपाथी ने, जो स्टॉल पर तोड़फोड़ करने वाली भीड़ में शामिल थे, एक अलग ही कहानी सुनाई.
उनके अनुसार उन्होंने ही उस मुसलमान व्यक्ति को स्टॉल का नाम बदलने के लिए कहा था, क्योंकि उनकी धार्मिक भावनाएं आहत होती थीं, और उन्हें लगता था कि उन्हें जानबूझकर ‘गुमराह’ किया जा रहा था, क्योंकि मुसलमानों ने हिंदू देवताओं का नाम हथिया लिया था.
उन्होंने फोन पर दिप्रिंट को बताया, ‘कृष्ण जन्मभूमि पर जन्माष्टमि की तैयारियों की निगरानी करने के लिए, 18 अगस्त को मैं मथुरा में था. मैंने सोचा थोड़ा कुछ खा लूं, और मैं विकास मार्केट में श्रीनाथ डोसा स्टॉल पर चला गया. खाते समय मैंने सुना कि उसका एक मालिक वहां के वर्कर को मुसलमान नाम से पुकार रहा था. फिर मैंने और पूछताछ की और मुझे ये जानकर धक्का लगा, कि उस स्टॉल को मुसलमान चला रहे थे’.
त्रिपाठी ने कहा कि वो अभी तक किसी मुसलमान के बर्तनों में भोजन खाने के झटके से उबर नहीं पाए हैं. उन्होंने कहा, ‘ये छुआछूत या भेदभाव नहीं है. कौन जानता है कि वो क्या पकाते हैं! ये सिर्फ मेरी धार्मिक पसंद की बात है. क्या मुझे ऐसा करने का हक़ नहीं है? मुसलमान लोग बिना हलाल का मांस नहीं ख़रीदते, और मैं भी मुसलमानों से नहीं ख़रीदता. क्या अपनी धार्मिक भावनाओं के लिए मुझे केवल इसलिए निशाना बनाया जाना चाहिए कि मैं हिंदू हूं?’
आवेद ने कहा कि उनकी मंशा किसी को गुमराह करने की नहीं थी. उसने दिप्रिंट से कहा, ‘ये मथुरा है, कृष्ण नगरी. कृष्ण हमारी पहचान हैं. अपने आसपास देखिए, हर स्टॉल का नाम कृष्ण के नाम पर है. पांच साल पहले जब मैंने ये स्टॉल इसके मालिक से ख़रीदा था, तो इसे श्री नाथ स्टॉल कहा जाता था, और मुझे नहीं लगा कि उस नाम को जारी रखने में कोई दिक़्क़त है’.
श्रीकांत शर्मा का कहना था कि एएचपी ऐसी कार्रवाइयां करती रहेगी, लेकिन क़ानून के दायरे से बाहर जाकर कुछ नहीं करेगी. उन्होंने कहा, ‘हम क़ानून का पूरी तरह पालन करेंगे और पुलिस तथा प्रशासन को अपनी कार्रवाइयों से अवगत रखेंगे. मुसलमानों को हमारे देवताओं को हथियाकर, उनके नाम से व्यवसाय चलाना बंद करना होगा. हम सुनिश्चित करेंगे कि ये पूरे मथुरा में हो जाए’.
शर्मा ने मुसलमानों से भी आग्रह किया कि ‘हिंदू देवताओं को चुराने’ की बजाय वो ‘घर वापसी’ कर लें. उन्होंने कहा, ‘आप हमारे देवताओं के नाम पर अपने कारोबार करना चाहते हैं? अवश्य कीजिए. लेकिन पहले घर वापसी कर लीजिए. फिर हम कारोबार करने के लिए आपको एक दुकान भी ख़रीदकर दे देंगे’.
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