मुंबई: देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई के केम्प्स कॉर्नर पर हर रात साधारण दिखने वाली हैचबैक से लेकर लक्ज़री सेडान कारों तक की कतार लग जाती है. ‘‘दो मगही, एक कलकत्ता मीठा, एक सादा’’– कुछ लोग सड़क के उस पार से इन कारों की ओर दौड़ते हुए आते हैं और चिल्लाते हुए उनसे आर्डर लेते हैं. अगली कार तक जाने से पहले वे कुछ इसी तरह की जल्दबाज़ी के साथ इन ऑर्डर की डिलीवरी भी करते हैं.
यह सारी भीड़ उस पान स्टॉल के लिए है जिसे ‘मुच्छड़ पानवाला’ के नाम से जाना जाता है और जो पिछले कुछ दशकों से, बॉलीवुड हस्तियों सहित शहर के हर आमों-खास के लिए रात के खाने के बाद का पसंदीदा पिट स्टॉप (विराम स्थल) बन गया है.
साथ ही, अपनी हैंडलबार (लहरेदार) मूंछों और स्टॉल पर उपलब्ध तरह-तरह के सुगंधित एवं मसालेदार पानों के लिए जाना जाने वाला तिवारी परिवार पुलिस से उलझने के लिए भी बदनाम रहा है
इस बुधवार को इस दुकान के सह-मालिकों में से एक, शिवकुमार तिवारी को प्रतिबंधित ई-सिगरेट बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. मुंबई पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, खेतवाड़ी स्थित ‘मुच्छड़ पानवाला’ के गोदाम से 1.25 लाख रुपये की कीमत वाली 79 ई- सिगरेटें जब्त की गई हैं.
पुलिस के अनुसार, यह पिछले कुछ दिनों में इस तरह की दूसरी बरामदगी थी.
इस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘‘लगभग 4-5 दिन पहले, गामदेवी पुलिस स्टेशन ने केम्प्स कॉर्नर स्थित ‘मुच्छड़ पानवाला’ की दुकान से भी 1.5 लाख रुपये मूल्य की ई-सिगरेट बरामद की थी.’’
हालांकि, मुच्छड़ पानवाला के मालिकों ने दिप्रिंट के कॉल का कोई जवाब नहीं दिया.
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मुंबई का करोड़पति पानवाला
‘मुच्छड़ पानवाला’ के इर्दगिर्द एक तरह का कौतुहल सा लगता है. इस परिवार के सदस्य दशकों से मुंबई में पान बेच रहे हैं और कथित तौर पर करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं.
मुंबई पुलिस के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि इस परिवार के पास मुंबई के आलीशान नेपियन सी रोड इलाके में एक अपार्टमेंट भी है और ‘तिवारी भाई’ महंगी कारों में चलते हैं.
दक्षिण मुंबई में रहने वाले और अक्सर ‘मुच्छड़ पानवाला’ की दुकान पर जाने वाले एक स्थानीय नेता ने कहा, ‘‘मुझे यह तो नहीं पता कि मुच्छड़ पानवाला के मालिक मर्सिडीज चलाते हैं या नहीं, लेकिन उनकी दुकान के बाहर मर्सिडीज और रोल्स रॉयस जैसी लग्जरी कारें अक्सर देखी जाती हैं. उन्होंने मुंबई में पान को बड़े ही सफलतापूर्वक एक ब्रांड में बदल दिया है.’’
इस कारोबार की शुरुआत श्यामचरण तिवारी ने की थी, जो इलाहाबाद से मुंबई आए थे और पान विक्रेता बनने से पहले फल और सब्जियां बेचा करते थे. उनके बेटे जयशंकर तिवारी ने 1970 के दशक में इस दुकान की कमान संभाली थी. इस दुकान का नाम श्यामचरण तिवारी की लंबी हैंडलबार मूंछों के नाम पर ‘मुच्छड़’रखा गया है, मगर इसकी नकल परिवार के सभी ‘तिवारी’ करते हैं.
मुच्छड़ पानवाला के मेन्यू में मगही या कलकत्ता किस्म के पान के पत्तों में लिपटे सादे और मीठे बीड़ों की पेशकश से लेकर स्ट्रॉबेरी, चॉकलेट, आम, अनानास और खस-खस जैसे फ्लेवर में अधिक प्रायोगिक पान शामिल भी हैं.
‘मुच्छड़ पानवाला’ आधुनिक तकनीक को अपनाने वाला शायद पहला स्ट्रीट वेंडर (सड़कों पर सामान बेचने वाला) भी था, जिसने 90 के दशक की शुरुआत में ही अपने लिए खास तौर समर्पित एक वेबसाइट लॉन्च की थी. हालांकि, वह वेबसाइट, (www.muchhadpaan.com) फिलहाल काम नहीं कर रही है.
एक समय पर, यह वेबसाइट ऑनलाइन ऑर्डर देने के विकल्प और कैटरिंग की सुविधा के लिए संपर्क साधने का नंबर प्रदान करने के अलावा, पान बनाने संबंधी बुनियादी जानकारी भी प्रदान करती थी.
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एक झगड़ा और ड्रग्स का मामला
साल 2021 में, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने रामकुमार तिवारी को उनके स्वामित्व वाले एक गोदाम से 500 ग्राम भांग और जॉइंट्स (नशीली सिगरेट) बनाने में प्रयुक्त होने वाले सामग्री की बरामदगी के बाद गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, जब्त की गई भांग की मात्रा काफी कम थी, इसलिए तिवारी को ज़मानत मिल गई थी.
उसकी गिरफ्तारी उसी मामले से जुड़ी थी, जिसके लिए एनसीबी ने एक ब्रिटिश नागरिक करण सजनानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक के दामाद समीर खान को भी गिरफ्तार किया था.
एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया था कि एनसीबी का तब आरोप था कि सजनानी और खान ने भांग-आधारित उत्पाद विकसित करने और ‘मुच्छड़ पानवाला’ जैसे स्थानीय विक्रेताओं के माध्यम से इसे बेचने की योजना बनाई थी.
सितंबर 2021 में, एक विशेष अदालत ने इस तरह की फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद दोनों को जमानत दे दी, जिसमें सुझाव दिया गया था कि जब्त किए गए अधिकांश सैंपल्स में भांग नहीं पाया गया है.
इन तमाम वर्षों के दौरान तिवारी परिवार ने पारिवारिक बंटवारे का दौर भी देखा और परिवार के ही एक धड़े ने ‘मुच्छड़ पानवाला’ के ठीक बगल में ‘तिवारी पान की दुकान’ नाम से एक प्रतिद्वंद्वी पान की दुकान शुरू की.
साल 2011 में तिवारी परिवार के दो धड़ों में खुलेआम मारपीट हुई थी और दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर लोहे की छड़ों और डंडों से हमला किया था. इसके बाद, पुलिस ने परिवार के दोनों पक्षों के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था.
गामदेवी पुलिस स्टेशन से संबंद्ध मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि इनके बीच की ज़बरदस्त प्रतिद्वंद्विता अभी भी बनी हुई है. अधिकारी ने आगे कहा, ‘‘वे अभी भी ग्राहकों को लेकर एक-दूसरे से लड़ते रहते हैं और एक-दूसरे के ग्राहक चुराने, दुकान को अनुमति प्राप्त घंटों से अधिक देर तक खुला रखने आदि के बारे एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत और जवाबी शिकायत करते रहते हैं.’’
(अनुवाद : रामलाल खन्ना | संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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