नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि गोलीबारी से पहले कई दिनों तक जिस तरह से कई बार रेकी की गई, किराए पर बंदूकें ली गईं और जिस तरह खुले आम हमला किया गया, उससे संकेत मिलता है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या में जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का हाथ है.
एक सूत्र ने बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम हत्या की जांच में मदद करने के लिए मुंबई जा रही है. उन्होंने कहा, “स्पेशल सेल ने बिश्नोई और प्रतिद्वंद्वी गिरोहों द्वारा आदेशित कई हत्याओं की जांच की है.”
मुंबई पुलिस के सूत्रों ने कहा कि वे अभी भी सभी कोणों से इसकी जांच कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि सिद्दीकी ने बिश्नोई गिरोह से किसी भी तरह की धमकी की सूचना नहीं दी थी. हालांकि, उन्होंने दिप्रिंट से पुष्टि की कि अब तक की जांच में हत्या में बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता सामने आई है.
तीन बार विधायक रह चुके सिद्दीकी शनिवार रात करीब 9.15 बजे मुंबई के बांद्रा पश्चिम में अपने कार्यालय से उसी इलाके में अपने आवास के लिए निकल रहे थे, तभी तीन लोगों ने उन पर गोलियां चला दीं. उन्हें रात करीब 9.30 बजे लीलावती अस्पताल लाया गया, लेकिन उस वक्त न ही उनकी नब्ज चल रही थी और न ही ब्लड प्रेशर में कोई सुधार था और उनके सीने पर दो गोलियां लगी थीं. उन्हें होश में लाने के प्रयासों के बावजूद, अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के 66 वर्षीय नेता को रात 11.27 बजे मृत घोषित कर दिया गया.
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने अब तक दो संदिग्ध शूटरों को गिरफ्तार किया है, गुरमेल बलजीत सिंह (23) जो हरियाणा के कैथल का रहने वाला है और धर्मराज कश्यप (19) जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. तीसरा संदिग्ध फरार है.
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर रविवार को दिप्रिंट से कहा, “हम मामले में अन्य संदिग्धों की पहचान कर रहे हैं. कुछ और लोग भी थे जिन्होंने रेकी की और शूटरों को लॉजिस्टिक्स सहायता प्रदान की.”
पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि जिन जगहों पर सिद्दीकी अक्सर जाते थे उन जगहों की रेकी तीन महीने पहले ही की गई थी. उन्होंने बताया कि हिरासत में लिए गए दो संदिग्धों का दावा है कि उन्हें टोकन राशि के तौर पर 50,000 रुपये दिए गए थे.
बताया जा रहा है कि हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार कुछ दिन पहले ही शूटरों को दिए गए थे और वे ऑटो-रिक्शा में सवार होकर सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर पहुंचे थे.
लॉरेंस बिश्नोई एंगल
रविवार को, ‘शुबू लोनकर’ नामक एक व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया पर एक कथित पोस्ट सामने आई, जिसमें उसने दावा किया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या अनुज थापन की वजह से हुई, जिसे इस साल अप्रैल में अभिनेता सलमान खान के मुंबई स्थित आवास के बाहर गोलीबारी की घटना के सिलसिले में पंजाब से गिरफ्तार किया गया था. थापन की कथित तौर पर 1 मई को हिरासत में रहते हुए आत्महत्या कर ली गई थी.
सिद्दीकी की हत्या के बाद ‘शुबू लोनकर’ द्वारा किए गए असत्यापित सोशल मीडिया पोस्ट में “दाऊद के बॉलीवुड” का भी उल्लेख किया गया है – जो भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और बॉलीवुड से उसकी कथित निकटता का स्पष्ट संदर्भ है.
इसके अलावा, पोस्ट में अभिनेता सलमान खान का भी उल्लेख है, जिन्हें सिद्दीकी का करीबी माना जाता था.
दिप्रिंट स्वतंत्र रूप से पोस्ट की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका.
इस बारे में पूछे जाने पर, मुंबई पुलिस के एक सूत्र ने कहा, “हमने वायरल सोशल मीडिया पोस्ट देखी है और इसकी प्रामाणिकता और संदर्भ की पुष्टि कर रहे हैं.”
पुलिस को सलमान खान के बांद्रा स्थित आवास के बाहर हुई गोलीबारी में बिश्नोई गिरोह की भूमिका पर संदेह था, क्योंकि अभिनेता को 1998 में दो काले हिरणों की हत्या में शामिल होने के लिए पहले भी धमकियाँ मिल चुकी हैं.
पुलिस को सलमान खान के बांद्रा स्थित आवास के बाहर हुई गोलीबारी में बिश्नोई गिरोह की भूमिका पर संदेह था, क्योंकि अभिनेता को 1998 में दो काले हिरणों की हत्या में शामिल होने के लिए पहले भी धमकियाँ मिल चुकी हैं.
बिश्नोई समुदाय में काले हिरण को पवित्र माना जाता है.
बिश्नोई गिरोह और उसके जाने-माने सहयोगी गोल्डी बरार और रोहित गोदारा पर कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं के पीछे होने का संदेह है, जिसमें कलाकार सिद्धू मूसेवाला और करणी सेना गुट के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या भी शामिल है. बरार और गोदारा दोनों ही वांछित भगोड़े हैं, जबकि बिश्नोई वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में बंद है.
ऐसा संदेह है कि खूंखार गैंगस्टर बिश्नोई सलाखों के पीछे से 700 सदस्यों वाला गिरोह चलाने में कामयाब रहा है और उसके खिलाफ हत्या और जबरन वसूली के दर्जनों मामले दर्ज हैं.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में लिखने के लिए यहां क्लिक करें.)
यह भी पढ़ेंः रुकिए कहीं यह स्पैम कॉल तो नहीं! कॉल सेंटर और कोल्ड-कॉलिंग की दुनिया कैसे करती है काम