नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में दाख़िले के लिए 17 वर्षीय कैंडिडेट विजय भारती चिंता में है. शनिवार को वो अंडर ग्रेजुएट छात्रों के लिए पांच विषयों में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) में बैठेगी.
उसकी शिकायत, न केवल उसे परीक्षा की तिथि से केवल पांच दिन पहले पता चली- जब 11 जुलाई को उसे एडमिट कार्ड मिला- बल्कि उसे ये डर भी सता रहा है कि उसने जो पांच विषय सीयूईटी के लिए चुने हैं, उन सभी में उसका टेस्ट एक ही दिन लिया जाएगा.
भारती उन 14.9 लाख छात्रों में है जिन्होंने सीयूईटी 2022 के लिए पंजीकरण कराया है- एक सिंगल विण्डो परीक्षा जिससे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा वित्त-पोषित 45 में से किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान में अंडरग्रेजुएट (यूजी) प्रोग्राम्स के लिए दाख़िला मिलेगा.
ये परीक्षा 15 जुलाई से 20 अगस्त के बीच भारत के 547 और बाहर के देशों के 13 शहरों में कराई जाएगी, जिनमें इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका, यूएई और कुवैत शामिल हैं. कंप्यूटर-आधारित इस प्रश्न पत्र में मल्टीपल प्रश्न पैटर्न अपनाया जाएगा.
प्रश्नपत्र तीन हिस्सों में बांटे जाएंगे. पहले दो हिस्सों में जहां छात्रों को 50 में से 40 सवाल करने हैं, वहीं तीसरे हिस्से में 75 में से 60 सवाल हल करने होंगे.
परीक्षा के लिए पंजीकरण 2 अप्रैल को खोला गया था. अधिकतर विषयों की परीक्षा की अवधि 45 मिनट है, जबकि सामान्य ज्ञान का टेस्ट एक घंटे का होगा.
परीक्षा के शेड्यूल को दो हिस्सों में बांटा गया है- सुबह 9 से 12.15 बजे तक और फिर दोपहर 3 बजे से 6.45 बजे तक.
भारती ने कहा, ‘ये सोचकर ही मेरी रातों की नींद उड़ रही है कि सीयूईटी की तैयारी करने के लिए मेरे पास सिर्फ पांच दिन हैं. हमारे सीबीएसई इम्तिहान जून में ही ख़त्म हुए हैं और मैं तभी से तैयारी कर रही हूं, लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि मैं अभी तैयार नहीं हूं’.
उसने आगे कहा, ‘मैंने कभी एक दिन में पांच पेपर नहीं दिए हैं. मुझे नहीं पता कि मैं उन्हें समय पर कैसे पूरा कर पाउंगी. ऊपर से उस मॉक टेस्ट में, जिससे मैं अभ्यास कर रही हूं, बहुत सारे सवाल सिलेबस से बाहर के नज़र आते हैं और इससे मेरी चिंता और बढ़ रही है.’
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत परिकल्पित सीयूईटी से उम्मीद की जा रही है कि इससे ऊंचे कटऑफ की समस्या कम होगी और सभी छात्रों को एक समान अवसर मिलेगा.
उच्चतर शिक्षण संस्थानों के लिए दाख़िला परीक्षा कराने के वास्ते बनी एक स्वायत्त एजेंसी- नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के पास प्रश्न पत्र तैयार करने और परीक्षा संचालित कराने का ज़िम्मा है. इस साल सीयूईटी की पहली परीक्षा हो रही है.
लेकिन, परीक्षा के सभी पर्चों की एक ही तारीख़, परीक्षा केंद्रों की दूरियां, और मॉक पेपर्स में कठिन सवालों ने छात्रों को बेचैन कर दिया है.
दिप्रिंट ने छात्रों की ओर से उठाई जा रही चिंताओं के बारे में, एनटीए महानिदेशक विनीत जोशी से टिप्पणी लेने के लिए ईमेल द्वारा संपर्क किया, लेकिन इस ख़बर के प्रकाशित होने तक उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.
लेकिन, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने परीक्षा केंद्रों को लेकर जताई गई चिंताओं पर अपने विचार रखे. समाचार एजेंसी एएनआई ने ये कहते हुए उनका हवाला दिया, ‘सीयूईटी-यूजी परीक्षा में बैठ रहे कुछ छात्रों ने परीक्षा केंद्र में बदलाव का अनुरोध किया है. एनटीए केंद्रों में बदलाव के उनके अनुरोध पर विचार कर रहा है और छात्रों को इस बारे में चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है.’
एनटीए के अनुसार, छात्रों ने 86 विश्वविद्यालयों में दाखिलों के लिए आवेदन किया है, जिनमें केंद्रीय, राज्य, डीम्ड, और निजी सभी विश्वविद्यालय शामिल हैं. उम्मीदवार ऑफर किए जा रहे 13 माध्यमों में से किसी में भी परीक्षा दे सकते हैं, और 33 भाषाओं तथा 27 विषयों में से कोई भी मिश्रण चुन सकते हैं.
एनटीए डेटा से पता चलता है कि हर उम्मीदवार ने पांच से अधिक विश्वविद्यालयों के लिए आवेदन दिया है.
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छात्रों और पेरेंट्स ने जताई चिंता
18 वर्षीय मेघना रावत के लिए परीक्षा की तैयारी करना एक चुनौती है. उसने कहा कि उसके अंदर उन छात्रों से मुक़ाबला करने का आत्मविश्वास नहीं है, जो कोचिंग में शरीक हो रहे हैं.
रावत ने, जो 5 अगस्त को अपनी पहली परीक्षा दे रही है, कहा, ‘अंग्रेज़ी भाषा के पेपर में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्द और धारणाएं (मेरे लिए) बिल्कुल नई हैं. अगर सिलेबस हमारी किताबों से बाहर का आता है, तो मुझे नहीं मालूम कि मैं अच्छी रैंक कैसे हासिल करूंगी.’
एनटीए महानिदेशक विनीत जोशी ने पहले दिप्रिंट को बताया था कि सीयूईटी के सवाल सिर्फ 12वीं कक्षा के सिलेबस पर आधारित होंगे, और उनमें ‘मॉडल सिलेबस’ इस्तेमाल किया जाएगा- जिसमें राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और स्टेट बोर्ड्स, दोनों से सवाल लिए जाएंगे.
जोशी ने कहा था कि इसमें छात्रों के बेसिक ज्ञान के स्तर को परखा जाएगा, 12वीं क्लास में उन्होंने जो कुछ भी पढ़ा है, और इसके लिए किसी अलग तैयारी की ज़रूरत नहीं होगी.
लेकिन प्रश्न पत्र उम्मीदवारों के लिए सिर्फ एक चिंता है. बहुत से उम्मीदवारों और उनके पेरेंट्स ने लॉजिस्टिक मुद्दों को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की है, जैसे कि एक दिन में बहुत अधिक टेस्ट, और परीक्षा केंद्रों तक जाना आना.
पंजीकरण प्रक्रिया के तहत, छात्रों ने पसंदीदा परीक्षा केंद्रों की एक वरीयता सूची दी थी. लेकिन कुछ छात्रों और उनके परिवारों का कहना है कि उन्हें आवंटित किए गए केंद्र उनकी शीर्ष वरीयताओं में से नहीं थे.
दिल्ली के एक 18 वर्षीय छात्र की मां का कहना था कि सेंटर की दूरी एक बड़ी चिंता है.
उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे को आवंटित किए गए केंद्र उसकी चौथी वरीयता थे. दोनों में से कोई भी केंद्र हमारे घर के पास नहीं है. उसकी परीक्षाएं 19 और 20 जुलाई को हैं. एक केंद्र फरीदाबाद का मानव रचना विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी संस्थान है और दूसरा सेंटर द्वारका के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में है.’
‘ऐसा लगता है कि छात्रों कि सुविधा का बिल्कुल भी ख़याल नहीं रखा गया है’. उन्होंने आगे कहा कि पूरी परीक्षा बदइंतज़ामी की शिकार है.’
पेपर का पैटर्न
सीयूईटी परीक्षा के परचे तीन हिस्सों में बांटे जाएंगे, जिनमें पहले हिस्से में भाषाओं का टेस्ट होगा, जिसके लिए छात्र 13 में से एक विकल्प चुन सकते हैं, जिनमें अंग्रेज़ी और 12 भारतीय भाषाएं शामिल हैं. इसके सवाल पढ़ने की समझ, मौखिक क्षमता, और व्याकरण आदि पर आधारित होंगे.
दूसरे भाग के लिए, छात्रों को एक से चार डोमेन-विशिष्ट विषयों पर सवालों के जवाब देने होंगे, जैसे अकाउंटिंग, बुक-कीपिंग, इतिहास, अर्थशास्त्र या भूगोल.
तीसरे भाग के दो उपखंड होंगे, जिनमें पहले में व्यावसायिक और खुले पात्रता कार्यक्रमों के लिए एक सामान्य टेस्ट होगा. इसमें छात्रों के सामान्य ज्ञान, सामयिक विषयों की जानकारी, सामान्य मानसिक क्षमता, और तार्किक तथा विश्लेषणात्मक तर्क को परखा जाएगा.
दूसरे उपखंड में भाषा का एक अतिरिक्त टेस्ट होगा, जो वैकल्पिक होगा, जिसके लिए छात्रों का 13 में से किसी एक भाषा का ज्ञान परखा जाएगा, जिनमें फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, कोंकणी, बोड़ो, नेपाली, फारसी, इटैलियन, तिब्बती और जापानी शामिल हैं. ये टेस्ट उन छात्रों के लिए है जो भाषा के डिग्री कोर्स में दाख़िला लेना चाहते हैं.
भारती ने कहा, ‘इम्तिहान नया है और पेपर का पैटर्न भी नया है. हालांकि मॉक टेस्ट कराकर स्कूल हमारी सहायता करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन परीक्षा और प्रश्नों की शैली को लेकर अभी भी बहुत अस्पष्टता बनी हुई है. ऐसा लगता है कि हमारे ऊपर प्रयोग किए जा रहे हैं, कोई सीनियर या टीचर्स नहीं हैं जो हमें गाइड कर सकें.’
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