भोपाल: मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच शनिवार को ‘तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना’ को लेकर ऐतिहासिक एमओयू साइन हुआ. भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में यह करार हुआ. इस परियोजना से मध्यप्रदेश में 1 लाख 23 हजार और महाराष्ट्र में 2 लाख 34 हज़ार हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई संभव हो सकेगी.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे प्रधानमंत्री मोदी के ‘ज्ञान’ (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी शक्ति) दृष्टिकोण की दिशा में बड़ा कदम बताया.
उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक रीचार्ज प्रोजेक्ट भूजल स्तर सुधारने के साथ किसानों के जीवन में बदलाव लाएगा. साथ ही जबलपुर-नागपुर फ्रेट कॉरिडोर और धार्मिक पर्यटन सर्किट (महाकालेश्वर से घृष्णेश्वर तक) के जरिए आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को भी बल मिलेगा.
महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने इसे “दुनिया का अजूबा प्रोजेक्ट” बताया और कहा कि यह लंबे समय से लंबित था, जिसे अब साकार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इससे विदर्भ, बुलढाणा, अमरावती जैसे क्षेत्रों में खेती की तस्वीर बदलेगी और दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी.
इस परियोजना में 31.13 टीएमसी पानी का उपयोग होगा, जिसमें से 11.76 टीएमसी मध्यप्रदेश और 19.36 टीएमसी महाराष्ट्र को मिलेगा.
एमपी के बुरहानपुर और खंडवा जिले की चार तहसीलों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. इसे राष्ट्रीय जल परियोजना घोषित कराने की कोशिश की जा रही है.