scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशअगले दो दिन भी गर्मी से राहत नहीं, देश का लगभग 42 फीसदी हिस्सा सूखाग्रस्त

अगले दो दिन भी गर्मी से राहत नहीं, देश का लगभग 42 फीसदी हिस्सा सूखाग्रस्त

अगर चेतावनी पर नजर डालें तो देश का लगभग 42 फीसदी हिस्सा 'असामान्य रूप से सूखाग्रस्त' है, जो बीते साल की तुलना में छह फीसदी अधिक है. सूखा पूर्व चेतावनी प्रणाली (डीईडब्ल्यूएस) ने यह जानकारी दी है.

Text Size:

नई दिल्ली:  पिछले चार पांच दिनों से पूरा उत्तर भारत सहित देश का अधिकांश हिस्सा गर्मी, धूप और लू की चपेट में है. आने वाले दो तीन दिनों तक इससे छुटकारे की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है. वहीं जब जब गर्मी आती है अपने साथ सूखा भी साथ लाती है. अगर चेतावनी पर नजर डालें तो देश का लगभग 42 फीसदी हिस्सा ‘असामान्य रूप से सूखाग्रस्त’ है, जो बीते साल की तुलना में छह फीसदी अधिक है. सूखा पूर्व चेतावनी प्रणाली (डीईडब्ल्यूएस) ने यह जानकारी दी है.

सूखे पर निगरानी रखने वाले डीईडब्ल्यूएस के 28 मई के अपडेट में असामान्य रूप से सूखाग्रस्त इलाके का हिस्सा बढ़कर 42.61 फीसदी हो गया है, जो एक हफ्ते पहले (21 मई) 42.18 फीसदी था. यह वृद्धि 28 अप्रैल के अपडेट से 0.45 फीसदी है. 28 अप्रैल को यह 42.16 फीसदी था. यह स्थिति 27 फरवरी को थोड़ी बेहतर थी, जब 41.30 फीसदी इलाका असामान्य रूप से सूखाग्रस्त था.

सूखा सूचकांक बीते साल के मुकाबले बदतर हो गया है, जब देश का 36.74 फीसदी इलाका असामान्य रूप से 28 मई, 2018 को सूखे की चपेट में था. ‘गंभीर रूप से सूखे’ की श्रेणी के इलाके में वृद्धि हुई है. यह एक हफ्ते पहले 15.93 फीसदी था, जो 28 मई को 16.18 फीसदी हो गया.

सबसे बुरी तरह से प्रभावित इलाकों में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात व राजस्थान शामिल हैं. असामान्य रूप से सूखे वाली श्रेणी में बीते साल के 0.68 फीसदी के मुकाबले इस साल 5.66 फीसदी की वृद्धि हुई है.

केंद्रीय जल आयोग की 30 मई की नवीनतम विज्ञप्ति में कहा गया है कि 91 जलाशयों में पानी का भंडारण 31.65 बीसीएम है, जो कि क्षमता का 20 फीसदी है. हालांकि, विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीते साल की इसी अवधि की तुलना में समग्र भंडारण स्थिति बेहतर है.

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने दूसरे शुरुआती अनुमान में दावा किया है कि यह एक सामान्य मॉनसून होगा. लेकिन उत्तरपश्चिम भारत और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना भी जताई है. दीर्घावधि औसत (एलपीए) में पूरे देश में मॉनसून के दौरान 96 फीसदी औसत बारिश हो सकती है. सामान्य बारिश का औसत 96 फीसदी से 104 फीसदी होता है, जिसका यह निचला स्तर है.

उत्तरपश्चिम भारत में 94 फीसदी व पूर्वोत्तर में 91 फीसदी बारिश होने की संभावना है. मध्य भारत में 100 फीसदी और प्रायद्वीपीय भारत में 97 फीसदी बारिश होने की संभावना है.

मौसम विभाग ने रविवार को अगले 48 घंटे तक उत्तर भारत के जमीनी इलाकों, मध्य और दक्षिण भारत में तेज लू जारी रहने की चेतावनी दी है. यानी दो दिन बाद ही राहत की उम्मीद की जा सकती है. हालांकि धीमी पूर्वी हवाएं चलने से कुछ राज्यों ने चैन की सांस ली है और गर्म हवाओं में कमी के संकेत भी दिए हैं.

रविवार को भी पूरा उत्तर भारत लू और गर्मी की चपेट में रहा.

(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

share & View comments