नई दिल्ली: सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर गवर्नर की कॉन्फ्रेंस में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को लेकर एक ऐसी प्रतिक्रिया सामने आई, जो उनकी ऑनलाइन वीडियोज़ के साथ एक रुझान बनती जा रही है- डिसलाइक्स लाइक्स पर भारी पड़ रहे हैं.
लाइव स्ट्रीम के दौरान वीडियो को 12,000 डिसलाइक्स और 11,000 लाइक्स मिले. अगले क़रीब दो घंटों में, लाइक्स की संख्या कुछ आगे निकली, लेकिन ज़्यादा नहीं.
इससे पहले पिछले हफ्ते दो इससे भी ख़राब घटनाएं हो चुकीं थीं.
30 अगस्त को पीएम के मासिक संबोधन मन की बात, और फिर बाद में आईपीएस प्रोबैशनर्स के साथ उनकी बातचीत में भी, इसी तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिसमें मन की बात के वीडियो को (2,11,000 लाइक्स के मुक़ाबले) 2,83,000 डिसलाइक्स मिले, जबकि बातचीत को (28,000 की अपेक्षा) 29,000 डिसलाइक्स मिले.
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लाइक्स की अपेक्षा बढ़ते डिसलाइक्स का रुझान नीट-जेईई विवाद के बाद ज़्यादा साफ नज़र आता है, जिसमें बहुत से मुखर छात्रों ने इस महीने निर्धारित इम्तिहान, टाले जाने की मांग की थी, जिसे मोदी सरकार ने ख़ारिज कर दिया था.
दिप्रिंट ने इस साल पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर, लाइव स्ट्रीम किए गए 105 वीडियोज़ को स्कैन किया. इस चैनल को पीएमओ इंडिया चैनल से मत भरमाईए. ऊपर उल्लिखित सिर्फ दो वीडियोज़ को ज़्यादा डिसलाइक्स मिले हैं- ये दोनों ही विवाद उठने के बाद आए थे.
इनमें से मन की बात एपीसोड चैनल पर सबसे ज़्यादा डिसलाइक हुआ (सबसे ज़्यादा लाइक भी हुआ) है, जिसकी रेटिंग्स सबसे ऊंची रही है. अपने संबोधन में, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है, पीएम ने नीट-जेईई विवाद या छात्रों की मांग पर कोई बात नहीं की.
पीएम के अधिकारिक चैनल पर, इस तरह की प्रतिक्रिया एक नई चीज़ थी, लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है, कि वो साज़िश के तहत चैनल को निशाना बना रही है.
बीजेपी प्रवक्ता विज़य सोनकर शास्त्री ने कहा, कि ये कांग्रेस की एक संगठित साज़िश है और अधिकांश डिसलाइक्स भारत से बाहर की हैं, ऐसे देशों से भी जहां भारतीय मौजूद ही नहीं हैं.
इससे पहले, पार्टी के आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने कहा था, कि मन की बात वीडियो के केवल 2 प्रतिशत डिसलाइक्स भारत से थे, जबकि बाक़ी 98 प्रतिशत बॉट्स थे, जिसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराया.
बदलता रुझान
आमतौर पर, अधिकारिक नरेंद्र मोदी पेज लाइव स्ट्रीम वीडियोज़ को, डिसलाइक्स से ज़्यादा लाइक्स मिलते हैं. जिन लाइव स्ट्रीम्स में हज़ारों डिसलाइक्स होते हैं, उनमें भी लाइक्स हमेशा ज़्यादा रहते हैं.
मसलन, ‘पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया’ के लाइव स्ट्रीम वीडियो को 26,000 डिसलाइक्स मिले, जो कुल 1,58,000 लाइक्स का पांचवां हिस्सा हैं.
पीएम के जुलाई के मन की बात के 20,000 डिसलाइक्स हैं, जो 39,000 लाइक्स के आधे से कुछ अधिक हैं.
पिछले हफ्ते के एक लाइव स्ट्रीम को भी, जहां पीएम ने यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में एक मुख्य भाषण दिया, 35,000 लाइक्स और 25,000 डिसलाइक्स मिले.
लेकिन, मन की बात संबोधनों में डिसलाइक्स का अनुपात बढ़ता दिख रहा है. अप्रैल के मन की बात के 42,000 लाइक्स थे, लेकिन डिसलाइक्स केवल 2,500 मिले.
ऐसा विरले ही होता है कि मोदी के लाइव स्ट्रीम्स के डिसलाइक्स 10,000 से पार होते हों. दिप्रिंट ने जो 105 लाइव स्ट्रीम वीडियोज़ स्कैन किए, उनमें केवल 12 के ही, 10,000 या उससे अधिक डिसलाइक्स थे.
ऊपर दिए गए उदाहरणों के अलावा, फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे के दौरान, दो लाइव स्ट्रीम्स को 10,000 से अधिक डिसलाइक्स मिले थे. “अहमदाबाद में नमस्ते ट्रम्प कम्यूनिटी प्रोग्राम में पीएम मोदी का संबोधन” के लाइव स्ट्रीम को 18,000 डिसलाइक्स और 1,75,000 लाइक्स मिले थे.
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