भोपाल: पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन स्थलों पर गाइड पर्यटकों के लिए ‘मॉन्यूमेंट गुरु’ की भूमिका निभाते हैं. वे न केवल ऐतिहासिक स्थलों की प्रामाणिक जानकारी देते हैं, बल्कि प्रदेश की संस्कृति, परंपराओं और उपलब्धियों से पर्यटकों को रूबरू कराते हैं.
शुक्ला मंगलवार को आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में दो दिवसीय ‘गाइड ओरिएंटेशन एवं स्किल डिवेलपमेंट वर्कशॉप’ के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि टूरिस्ट गाइड रेटिंग सिस्टम (RGTS) के तहत श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले गाइड्स को आगामी वर्ष से क्रमशः दो 2 लाख, एक लाख और 50 हज़ार की सम्मान राशि दी जाएगी.
प्रमुख सचिव ने गाइड्स से आग्रह किया कि वे विभिन्न भाषाओं का ज्ञान अर्जित करें और पर्यटकों से मधुर व्यवहार रखें. उन्होंने कहा, “गाइड्स पर्यटकों के लिए केयरटेकर की भूमिका निभाएं, ताकि वे यहां से अविस्मरणीय अनुभव लेकर लौटें. साथ ही उन्हें आसपास के अन्य पर्यटन स्थलों की जानकारी देकर प्रदेश में पुनः आने के लिए प्रेरित करें.”
शुक्ला ने यह भी जानकारी दी कि आने वाले समय में राज्य में गाइड्स की संख्या और उन्हें दी जाने वाली सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. इसके अलावा तकनीक आधारित वर्कशॉप और ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे.
कार्यक्रम में अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने कहा कि गाइड्स, पर्यटन विभाग और पर्यटकों के बीच सेतु का काम करते हैं. “वे प्रदेश की समृद्ध विरासत को पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं. वर्तमान में राज्य में 72 गाइड कार्यरत हैं और जल्द ही 313 नए गाइड्स की भर्ती की जाएगी.”
मुखर्जी ने बताया कि गाइड्स को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए भी कार्य किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न भाषाओं का प्रशिक्षण, संवाद शैली और प्रस्तुतीकरण कौशल शामिल है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के रीजनल डायरेक्टर भुवन विक्रम सिंह ने गाइड्स को स्थानीय संस्कृति का संवाहक बताते हुए कहा कि वे पर्यटकों की यात्रा को यादगार बनाते हैं और भारतीय परंपरा से दुनिया को परिचित कराते हैं.
कार्यक्रम में RGTS के तहत श्रेष्ठ गाइड्स का सम्मान किया गया. ओरछा से शशि भूषण सिंह को प्रथम पुरस्कार, सांची से सुरेंद्र सिंह भदौरिया को द्वितीय और खजुराहो से राजेश अवस्थी को तृतीय पुरस्कार दिया गया.
इस अवसर पर ASI भोपाल मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज कुर्मी भी उपस्थित रहे.
कार्यक्रम के दूसरे दिन 1 जुलाई को सुबह 7 बजे से कमला पार्क से सदर मंजिल तक हैरिटेज वॉक आयोजित की जाएगी. इसमें गाइड्स को भोपाल के ऐतिहासिक स्थलों की विरासत, सांस्कृतिक महत्व और स्थानीय कहानियों को व्यावहारिक रूप से समझने का अवसर मिलेगा.
यह दो दिवसीय कार्यशाला मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राज्य पुरातत्व संग्रहालय, आईआईटीटीएम ग्वालियर और अन्य विशेषज्ञ संस्थानों के सहयोग से आयोजित की जा रही है. सत्रों में गाइड्स को पर्यटन स्थलों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, संवाद शैली, नई तकनीक, योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है.